Table of Contents
काक चेष्टा बको ध्यानं संस्कृत श्लोक
आज इस पोस्ट में हम समझेंगे और जानेंगे ‘काक चेष्टा बको ध्यानं संस्कृत श्लोक’ के बारे में इसके अर्थ के साथ। यह श्लोक हमें जो आदर्श विद्यार्थी के पांच लक्षण होने चाहिए, उनके बारे में बतलाता है।
काक चेष्टा बको ध्यानम श्लोक –
काक चेष्टा, बको ध्यानं,
श्वान निद्रा तथैव च ।
अल्पहारी, गृहत्यागी,
विद्यार्थी पंच लक्षणं ॥
हिन्दी भावार्थ:
एक विद्यार्थी मे यह पांच लक्षण होने चाहिए –
कौवे की तरह जानने की चेष्टा,
बगुले की तरह ध्यान,
कुत्ते की तरह सोना / निंद्रा
अल्पाहारी, आवश्यकतानुसार खाने वाला
और गृह-त्यागी होना चाहिए ।
Kak Cheshta Bako Dhyanam Shlok In English
“Kāka cheṣhṭā, bako dhyānaṁ, svān nidrā tathaiva cha,
Alpahārī, gṛhatyāgī, vidyārthī pañcha lakṣhaṇam.”
Kak Cheshta Bako Dhyanam Shlok ka Arth
these are the five characteristics of a student, dedicated to learning – trying to learn like a crow, the swan’s concentration while hunting, the dog’s ability to sleep with alertness, being content with minimal food, being detached from one’s home.
यह भी पढ़ें –
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन श्लोक अर्थ सहित
Shantakaram Bhujagashayanam Shloka English & Sanskrit Lyrics With Meaning