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गोमुखासन की विधि और गोमुखासन के फायदे (लाभ)
गोमुखासन को काऊ फेस पोज़ भी कहा जाता है। आइये आज हम जाने गोमुखासन के फायदे (लाभ), गोमुखासन कैसे करें और क्या सावधानियां हमें बरतनी हैं। गोमुखासन (काउ फेस पोज) हमारे पूरे शरीर, कंधों, बाहों, टखनों, हिप्स, थाइज और पीठ को फैलाता है। । इस आसान में मुड़े हुए पैरों की आकृति गाय के मुख के सामान होती है, इसीलिए इसे गोमुखासन कहा जाता है । निम्नलिखित हैं गोमुखासन को करने का तरीका, इसके फायदे और सावधानियां –
गोमुखासन कैसे करें
- एक साफ़ सुथरे स्थान पर योग मेट बिछा कर आरामदायक अवस्था में सीधा बैठ जाएँ।
- सबसे पहले आप दोनों पैरों को आगे की ओर फैला कर बैठ जाएं और हाथ को बगल में रखें।
- अपने बाएं पांव को घुटने से मोड़कर ऐसा बैठे कि बायीं एड़ी दाहिने नितम्ब के स्पर्श करे।
- उसी तरह से दाएं पांव को घुटने से मोड़ें, बाएं पांव के ऊपर से लाएं तथा दाईं एड़ी को बाएं नितंब के पास रखें।
- अब आप अपने दाहिने हाथ को सिर के ऊपर से उठाएं, इसको कोहनी से मोड़ें और पीछे की ओर कंधों से नीचे ले जाएं।
- अपने बाएं हाथ को बायीं तरफ से पीठ के पीछे कोहनी से मोड़कर ले जाएँ और दोनों हाथों कि उँगलियों को आपस में मिलाने का प्रयास करें।
- यदि आपको दोनों हाथों को मिलाने में कठिनाई होती है, तो एक स्ट्रैप (योग बेल्ट) का उपयोग करके दोनों हाथों को पकड़ सकते हैं।
- अपनी दाहिनी भुजा और कोहनी को या तो अपने सिर के दाहिनी और सीधा रखे या दुसरे option के रूप में सिर को कोहनी पर टिकाकर यथासंभव पीछे की ओर धकेलने का प्रयास कर सकते हैं।
- अपने पीठ गर्दन और सिर एक लाइन में रखने का प्रयास करें, ठुड्डी नीचे नहीं झुकाएं और सामने देखें।
- करीब 30 सेकंड तक इस स्थिति में रहें। फिर धीरे से हाथों को छोड़ें और सामान्य सांस लें। दोनों पैरों को अब अलग करें।
- यह आधा चक्र हुआ।
- पांवों और हाथों की स्थिति बदलते हुए इसे दोहराएं।
- अब एक चक्र पूरा हुआ इस तरह से आप तीन से पांच बार करें।
गोमुखासन के लाभ (फायदे)
- गोमुखासन फेफड़ों के लिए एक बहुत ही सुन्दर और सरल योगाभ्यास है और श्वसन से सम्बंधित रोगों में सहायता करता है।
- गोमुखासन तनाव और चिंता कम करता है।
- यह मेरुदंड को सीधा रखने के साथ साथ इसको मजबूत भी बनाता है।
- इस आसन से कंधों, छाती, हांथों, पैरों और भुजाओं की मांसपेशियों का कड़ापन दूर होता है, जिससे शरीर का लचीलापन बढ़ता है।
- गोमुखासन कोर और पीठ की मांसपेशियों को स्ट्रेच करने में मदद करता है जिससे पेट से जुड़ी समस्याएं कम होती हैं।
- यह आसन बवासीर के लिए बहुत ही उपयोगी योगाभ्यास माना जाता है।
- यह आसन पेशाब करने की समस्या, श्वासनली विकार, हृदय की समस्याएं और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
- इस आसन के अभ्यास से आप बहुत सारी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं जैसे कंधा जकड़न, गर्दन में दर्द, तथा सर्वाइकल स्पॉेण्डिलाइटिस।
- गोमुखासन आपके पोस्चर (मुद्रा) को सुधारता है।
- यह आपके यकृत एवं गुर्दे को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है।
- गोमुखासन आपकी पीठ एवं बांहों की पेशियां को मजबूत बनता है।
गोमुखासन की सावधानियां
- बैठते समय ध्यान रखें कि आपकी पीठ सीधी हो।
- जल्दी में इस आसन को करने से चोट का खतरा होता है।
- गर्दन, घुटने या कंधे की गंभीर समस्याओं से पीड़ित लोगों को गोमुखासन से बचना चाहिए।
ध्यान रखें कि योग आसनों को करने से पहले अपने योग गुरु या हेल्थ एक्सपर्ट से परामर्श लेना विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है, विशेष रूप से यदि आपको पहले से किसी रोग या चिकित्सा समस्या की शिकायत हो।
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