हिंदू धर्म में भगवान शिव और माता पार्वती का विशेष महत्व है। ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव (Om Namah Parvati Pataye) मंत्र भगवान शिव और शक्ति (पार्वती माता) की संयुक्त उपासना का प्रतीक है। इस मंत्र का जप करने से साधक को शक्ति, शांति, साहस और आत्मबल की प्राप्ति होती है। यह मंत्र विशेषकर महाशिवरात्रि, श्रावण मास और सोमवारी व्रत में अत्यधिक प्रभावी माना जाता है।
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Om Namah Parvati Pataye In Hindi (ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव मंत्र) –
ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव॥
ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव मंत्र का अर्थ
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“ॐ” – ब्रह्मांड की मूल ध्वनि।
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“नमः” – नमन करना, प्रणाम करना।
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“पार्वती पतये” – माता पार्वती के पति, भगवान शिव को नमन।
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“हर हर महादेव” – हर हर महादेव का अर्थ है हर जीव में महादेव विद्यमान हैं।
इस मंत्र का अर्थ है – “हे माता पार्वती के स्वामी भगवान शिव, आपको मेरा नमन है। हर हर महादेव!”
ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव मंत्र का महत्व
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यह मंत्र शिव और शक्ति की संयुक्त उपासना का प्रतीक है।
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इसे जपने से मानसिक शांति और आत्मबल बढ़ता है।
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नकारात्मक ऊर्जा और भय दूर होते हैं।
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यह वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य बनाए रखने में सहायक है।
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साधना, ध्यान और पूजा के समय इसका उच्चारण विशेष फलदायी होता है।
ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव मंत्र जाप विधि
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प्रातः स्नान करके स्वच्छ आसन पर बैठें।
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भगवान शिव और माता पार्वती का ध्यान करें।
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रुद्राक्ष की माला से कम से कम 108 बार जप करें।
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शिवलिंग पर जल, बेलपत्र और दूध अर्पित करें।
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श्रद्धा और भक्ति से “ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव” मंत्र का उच्चारण करें।
ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव मंत्र जाप के लाभ
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जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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कठिनाइयाँ और बाधाएँ दूर होती हैं।
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मनोबल, धैर्य और आत्मविश्वास बढ़ता है।
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दांपत्य जीवन में सुख और सामंजस्य आता है।
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यह मंत्र साधक को भगवान शिव की कृपा और आशीर्वाद दिलाता है।
FAQs – ॐ नमः पार्वती पतये हर हर महादेव मंत्र
Q1: इस मंत्र का जाप कब करना चाहिए?
A1: प्रातःकाल, संध्या, सोमवार और शिवरात्रि पर इसका जाप अत्यधिक फलदायी है।
Q2: कितनी बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए?
A2: रुद्राक्ष माला से 108 बार जाप करना श्रेष्ठ माना जाता है।
Q3: क्या महिलाएँ भी इस मंत्र का जाप कर सकती हैं?
A3: हाँ, यह मंत्र स्त्रियों और पुरुषों दोनों के लिए समान रूप से प्रभावी है।
Q4: इस मंत्र का आध्यात्मिक लाभ क्या है?
A4: साधक को आत्मज्ञान, आंतरिक शांति और भगवान शिव-पार्वती की कृपा प्राप्त होती है।
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