“घालीन लोटांगण” (Ghalin Lotangan Aarti) मराठी आरती है, जो भगवान श्रीकृष्ण और भगवान विष्णु की भक्ति में गाई जाती है। यह आरती भक्तों को आत्मसमर्पण (संपूर्ण समर्पण) का महत्व सिखाती है। इसमें भक्त अपने तन, मन और भावनाओं को ईश्वर को अर्पित करता है। महाराष्ट्र और पूरे भारत में यह आरती घर, मंदिर और धार्मिक आयोजनों में बड़े श्रद्धा भाव से गाई जाती है।
Table of Contents
घालीन लोटांगण आरती लिरिक्स – Ghalin Lotangan Aarti Lyrics in Marathi
1. आरती
2. स्तोत्र
3. शरणागती श्लोक
4. विष्णु स्तुति
5. हरिनाम संकीर्तन
आरती का महत्व
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समर्पण का भाव – इस आरती में भक्त अपना तन, मन और आत्मा ईश्वर को अर्पित करता है।
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भक्ति और प्रेम – भगवान श्रीकृष्ण और विष्णु के प्रति अटूट प्रेम और श्रद्धा का भाव।
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लोकप्रियता – महाराष्ट्र और अन्य राज्यों में यह आरती धार्मिक अवसरों, पूजा-पाठ और त्योहारों पर गाई जाती है।
Ghalin Lotangan Aarti Lyrics भक्ति का एक अद्भुत उदाहरण है, जो हमें ईश्वर के प्रति सम्पूर्ण समर्पण और प्रेम का मार्ग
दिखाती है। इसे गाकर भक्तजन मन की शांति, सुख और आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करते हैं।
FAQs – Ghalin Lotangan Aarti Lyrics
Q1: घालीन लोटांगण आरती किस देवता को समर्पित है?
👉 यह आरती भगवान विष्णु और उनके अवतारों (राम, कृष्ण) को समर्पित है।
Q2: Ghalin Lotangan Aarti Marathi में कब गाई जाती है?
👉 यह आरती रोजाना पूजा, विशेषकर श्रीकृष्ण और विष्णु के भजन-कीर्तन और त्योहारों में गाई जाती है।
Q3: घालीन लोटांगण आरती का महत्व क्या है?
👉 यह आरती ईश्वर के प्रति सम्पूर्ण समर्पण, प्रेम और भक्ति का प्रतीक है।
Q4: क्या Ghalin Lotangan Aarti केवल महाराष्ट्र में गाई जाती है?
👉 नहीं, यह आरती महाराष्ट्र के अलावा भारत के कई अन्य राज्यों और प्रवासी भारतीय समुदायों में भी गाई जाती है।
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