वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा lyrics “वक्रतुंड महाकाय मंत्र” भगवान गणेश का मंत्र / श्लोक है। एक भक्त इस मंत्र का जाप किसी भी कार्य प्रारम्भ करने के पहले इसलिए करता है ताकि वह हर उस कार्य में सफलता प्राप्त कर सके। इस मंत्र का जाप वैसे भी सामान्य तौर पर जीवन में सफलता प्राप्त करने हेतु भी किया जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, भगवान गणेश सभी देवताओं में सबसे पहले पूजे जाते हैं। वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा मंत्र के लिरिक्स और अर्थ इस पोस्ट में नीचे बताए…
Author: Mahendra Kumar Vyas
Jai Jai Jai Hanuman Gosai Bhajan Lyrics (जय जय जय हनुमान गोसाई भजन लिरिक्स) जय जय जय हनुमान गोसाई हिंदी लिरिक्स बेगी हरो हनुमान महाप्रभु जो कछु संकट होय हमारो कौन सो संकट मोर गरीब को जो तुम से नहीं जात है टारो । जय जय जय हनुमान गोसाई कृपा करो महाराज । जय जय जय हनुमान गोसाई कृपा करो महाराज । तन में तुम्हरे शक्ति विराजे मन भक्ति से भीना जो जन तुम्हरी शरण में आये जो जन तुम्हरी शरण में आये दुख दरद हर लीना हनुमत दुख दरद हर लीना महावीर प्रभु हम दुखियन के तुम हो गरीब…
Govind Damodar Stotram In Sanskrit With Meaning in Hindi (गोविन्द दामोदर स्तोत्र का हिंदी में अर्थ) करारविन्देन पदारविन्दं मुखारविन्दे विनिवेशयन्तम्। वटस्य पत्रस्य पुटे शयानं बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि।। हिंदी अर्थ : जिन्होंने अपने करकमल से चरणकमल को पकड़ कर उसके अंगूठे को अपने मुखकमल में डाल रखा है और जो वटवृक्ष के एक पर्णपुट (पत्ते के दोने) पर शयन कर रहे हैं, ऐसे बाल मुकुन्द का मैं मन से स्मरण करता हूँ। श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेव। जिह्वे पिवस्वामृतमेतदेव गोविन्द दामोदर माधवेति।। हिंदी अर्थ : हे जिह्वे ! तू ‘श्रीकृष्ण ! गोविन्द ! हरे ! मुरारि !…
श्री राधा जी के 32 नाम (Shri Radha Ji Ke 32 Naam) श्री राधा जी के 32 नामों का स्मरण करने से जीवन में सुख, प्रेम और शांति का वरदान मिलता है। तो आइए, जानते हैं श्री राधा नाम के 32 नाम मृदुल भाषिणी राधा ! सौंदर्य राषिणी राधा ! परम् पुनीता राधा ! नित्य नवनीता राधा ! रास विलासिनी राधा ! दिव्य सुवासिनी राधा ! नवल किशोरी राधा ! अति ही भोरी राधा ! कंचनवर्णी राधा ! नित्य सुखकरणी राधा ! सुभग भामिनी राधा ! जगत स्वामिनी राधा ! कृष्ण आनन्दिनी राधा ! आनंद कन्दिनी राधा ! प्रेम मूर्ति…
निर्जला एकादशी का व्रत, कथा व महत्व ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी को भीमा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत अधिक धार्मिक महत्व है। एकादशी का व्रत मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के नज़रिए से भी बहुत महत्त्वपूर्ण है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित होता है एकादशी का व्रत करके श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार दान पुण्य करने का विधान है। निर्जला एकादशी व्रत को विधिपूर्वक जल कलश और ऋतू फल का दान करने वालों…
श्री राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे (Shri Ram Raameti Raameti, Rame Raame Manorame) इस मंत्र को श्री राम तारक मंत्र भी कहा जाता है। और इसका जाप, सम्पूर्ण विष्णु सहस्त्रनाम या विष्णु के 1000 नामों के जाप के समतुल्य है। यह मंत्र श्री राम रक्षा स्तोत्रम् के नाम से भी जाना जाता है। राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे । सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने ॥ राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे अर्थ हिंदी पार्वती जी से भगवान शिव कहते हैं – श्रीराम नाम के मुख में विराजमान होने से राम, राम, राम इसी द्वादशाक्षर नाम का जाग्रत, स्वप्न, सुषुप्ति…
मां बगलामुखी का मंत्र, इसका अर्थ और कथा बगलामुखी मन्त्र शत्रुओं को परास्त करने और उन पर विजयी पाने का सबसे बड़ा अस्त्र है। यह विरोधियों, बुरी नजर, काला जादू, वित्तीय असुरक्षा, कानूनी कठिनाइयों, पुरानी समस्याओं और दुर्घटनाओं से सुरक्षा प्रदान करता है। अपने विरोधियों को वश में करने और उन्हें हराने के लिए साधना करें मां देवी बगलामुखी के मंत्र की। मां बगलामुखी का मंत्र और अर्थ (Maa Baglamukhi Mantra) || ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा || अर्थ – हे देवी, सभी नकारात्मक लोगों के कदमों को रोक दें, उनकी…
ऋणमोचक मंगल स्त्रोत के लाभ हिंदी अर्थ सहित ऋणमोचक मंगल स्त्रोत का नियमित पाठ करने से ऋण से मुक्ति मिलती है। मंगलवार के दिन अगर आप ऋणमोचक मंगल स्त्रोत का पाठ करते हैं, तो आपको कर्ज से मुक्ति मिलती है, और आपके आर्थिक संकट दूर होते हैं। ऋणमोचक मंगल स्त्रोत का पाठ करने से पूर्व आप एक लाल आसन पर विराजमान हो जाएं, फिर हनुमान जी की पूजा करें। उसके बाद ऋणमोचन मंगल स्तोत्र का पाठ करें। यह पाठ आप प्रत्येक मंगलवार को या फिर प्रत्येक दिन भी कर सकते हैं। इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि मंगलवार के…
अक्षय तृतीया 2023 तिथि, इसका महत्व एवं इसकी कथा अक्षय तृतीया, जिसे अखा तीज भी कहा जाता है, हिंदू कैलेंडर में सबसे शुभ दिनों में से एक है। यह दिन वैशाख के हिंदू महीने में शुक्ल पक्ष के तीसरी तिथि (चंद्र दिवस) पर पड़ता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन शुरू किया गया कोई भी नया काम सुख, समृद्धि और सौभाग्य लेकर आता है। अक्षय तृतीया का दिन बेहद शुभ माना जाता है। इस दिन सूर्य और चन्द्रमा दोनों ही अपनी उच्च राशि में स्थित होते हैं। अक्षय तृत्य के दिन से कई युगों का आरंभ हुआ है…
स्वस्ति वाचन (Swasti Vachan) मंत्र लिखित में, संस्कृत में, भावार्थ सहित चाहे कोई भी पूजा हो, घर का मुहूर्त हो या कोई हवन का आयोजन.. एक मंत्र – ऊं स्वस्ति न इंद्रो…..मंत्र आपने जरूर सुना होगा। इस जाप के वक्त पंडित और विद्वान लोग एक अलग ही ऊर्जा के साथ सस्वर पाठ करते सुनाई देते हैं। इसे स्वस्ति वाचन मंत्र कहते हैं और शास्त्रों में संपूर्ण स्वस्ति वाचन मंत्र बड़ा ही फलकारी बताया गया है। इस मंत्र के लिए जरूरी नहीं कि कोई बड़ा अनुष्ठान हो। आप दैनिक जीवन में भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। स्वस्तिक मंत्र…