भगवद् गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की कला सिखाने वाला दिव्य संवाद है। कुरुक्षेत्र के युद्ध में जब अर्जुन मोह और शंका में डूबे हुए थे, तब श्रीकृष्ण ने जो ज्ञान दिया, वही आज भी हर मनुष्य के लिए मार्गदर्शन का दीपक है। ये Bhagavad Gita Quotes in Hindi हमें सिखाते हैं कि जीवन में कठिनाइयाँ स्थायी नहीं हैं, और आत्मविश्वास, कर्म, और भक्ति के माध्यम से हर समस्या का समाधान संभव है। हर श्लोक आत्मा की गहराइयों को छू जाता है और भीतर की शांति का अनुभव कराता है।
Table of Contents
Top 10 Bhagavad Gita Quotes in Hindi (साथ अर्थ और व्याख्या)
1. कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन
अर्थ:
तेरा अधिकार केवल कर्म करने में है, उसके फलों में कभी नहीं। फल की इच्छा में कर्म मत छोड़।
व्याख्या:
यह श्रीकृष्ण का सबसे प्रसिद्ध उपदेश है — कर्म करो, फल की चिंता मत करो। यही जीवन का सर्वोच्च सूत्र है।
2. योगस्थः कुरु कर्माणि संगं त्यक्त्वा धनंजय।
अर्थ:
हे अर्जुन! आसक्ति को त्यागकर योग में स्थित होकर कर्म कर।
व्याख्या:
जब मन संतुलित और शांत होता है, तब ही कर्म शुद्ध होता है। यह श्लोक हमें मानसिक संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा देता है।
3. श्रीभगवानुवाच – अहं सर्वस्य प्रभवो मत्तः सर्वं प्रवर्तते।
अर्थ:
मैं ही सबका मूल कारण हूँ, सब कुछ मुझसे ही उत्पन्न होता है।
व्याख्या:
यह श्लोक हमें ईश्वर में आस्था रखने की शिक्षा देता है। जीवन में जो कुछ भी घटता है, वह उसी की योजना का हिस्सा है।
4. उद्यमेन हि सिद्ध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।
अर्थ:
सफलता केवल परिश्रम से मिलती है, मात्र इच्छा से नहीं।
व्याख्या:
यह श्लोक कर्मशीलता का संदेश देता है। जो व्यक्ति प्रयास नहीं करता, वह जीवन में लक्ष्य प्राप्त नहीं कर सकता।
5. न जायते म्रियते वा कदाचित्।
अर्थ:
आत्मा न तो जन्म लेती है, न ही मरती है।
व्याख्या:
श्रीकृष्ण आत्मा की अमरता का ज्ञान देते हैं। यह श्लोक भय और शोक को मिटाकर आत्मविश्वास देता है।
6. ज्ञानाग्निः सर्वकर्माणि भस्मसात्कुरुते तथा।
अर्थ:
ज्ञान की अग्नि सभी कर्मों को भस्म कर देती है।
व्याख्या:सच्चा ज्ञान हमें कर्मों के बंधन से मुक्त करता है। जब विवेक जागृत होता है, तो भ्रम समाप्त हो जाता है।
7. यं हि न व्यथयन्त्येते पुरुषं पुरुषर्षभ
अर्थ:
जो पुरुष सुख और दुख में समान रहता है, हे अर्जुन! वह धीर है और अमरत्व (मोक्ष) के योग्य बन जाता है।
व्याख्या:
यह श्लोक जीवन में समभाव रखने की प्रेरणा देता है — न अधिक उत्साह, न अधिक निराशा। यही आंतरिक शांति का रहस्य है।
8. यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अर्थ:
जब-जब धर्म की हानि होती है, तब-तब मैं अवतरित होता हूँ।
व्याख्या:
श्रीकृष्ण का यह वचन हमें याद दिलाता है कि जब अंधकार बढ़ता है, तब दिव्यता स्वयं प्रकाश बनकर आती है।
9. आत्मनैवात्मना तुष्टः स्थितप्रज्ञस्तदोच्यते।
अर्थ:
जो अपने आत्मा में ही प्रसन्न रहता है, वही स्थितप्रज्ञ कहलाता है।
व्याख्या:
यह श्लोक आत्म-संतोष की ओर संकेत करता है। सच्चा सुख बाहरी नहीं, भीतर की शांति में है।
10. सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।
अर्थ:
सभी धर्मों को त्यागकर केवल मेरी शरण में आओ।
व्याख्या:
यह गीता का सबसे शक्तिशाली संदेश है — पूर्ण समर्पण। जब हम ईश्वर पर विश्वास करते हैं, तब भय और भ्रम समाप्त हो जाते हैं।
Bhagavad Gita Quotes से मिलने वाले लाभ
-
मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
-
नकारात्मकता और भय दूर होते हैं।
-
जीवन में स्पष्टता और उद्देश्य का बोध होता है।
-
अध्यात्मिक चेतना का विकास होता है।
FAQ Section
1️⃣ भगवद गीता के श्लोक पढ़ने से क्या लाभ होता है?
गीता के श्लोक आत्मा को शुद्ध करते हैं, मन को शांत करते हैं और जीवन में सकारात्मकता लाते हैं।
2️⃣ क्या रोज़ गीता के श्लोक पढ़ना चाहिए?
हाँ, रोज़ एक श्लोक का पाठ जीवन में संतुलन और स्थिरता लाता है।
3️⃣ भगवद गीता किसने कही थी और कब?
भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को कुरुक्षेत्र के युद्ध में यह दिव्य ज्ञान दिया था।
4️⃣ क्या भगवद गीता केवल हिंदू धर्म के लिए है?
नहीं, गीता का ज्ञान सार्वभौमिक है। यह हर व्यक्ति के जीवन के लिए मार्गदर्शन प्रदान करता है।
5️⃣ कौन सा श्लोक जीवन बदल सकता है?
“कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन” — यह श्लोक सिखाता है कि कर्म ही हमारा धर्म है।
Bhagavad Gita Quotes in Hindi न केवल धार्मिक उपदेश हैं, बल्कि आत्मा की पुकार हैं — जीवन के हर मोड़ पर मार्गदर्शन देने वाले शब्द। जो व्यक्ति गीता को हृदय से पढ़ता और समझता है, वह स्वयं को और ईश्वर को पहचान लेता है।
You may also like to read –
Geeta Ka Saar | Bhagavad Gita Summary | Message of the Gita for Life