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गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द लिरिक्स
भक्ति और अध्यात्म में गुरु का स्थान सर्वोपरि माना गया है। गुरु ही ज्ञान का प्रकाश देते हैं और हमें अज्ञानता से मुक्त करते हैं। “गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द” एक अत्यंत लोकप्रिय भजन है जो गुरु की महिमा और उनकी शरण में जाने के महत्व को दर्शाता है।
यह भजन गुरु को परमब्रह्म, भगवान और सच्चे मार्गदर्शक के रूप में वर्णित करता है। भक्तिभाव से गाया गया यह भजन हर साधक के मन में शांति, श्रद्धा और समर्पण की भावना जागृत करता है।
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द लिरिक्स (Guru Meri Pooja Guru Govind Lyrics)
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविंद
गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत
गुरु मेरा देव अलख अभेव
सरब पूज्य, चरण गुरु सेवू
गुरु बिन अवर नहीं मैं थाओ
अन दिन जपो, गुर गुर नाओ
गुरु मेरा ग्यान, गुरु रिदे धयान
गुरु गोपाल पुरख भगवान्
गुरु की सरन रहूँ कर जोर
गुरु बिना मैं नाही होर
गुरु बोहित तारे भव पार
गुरु सेवा ते यम छुटकार
अन्धकार में गुरु मन्त्र उजारा
गुरु कै संग सगल निस्तारा
गुरु पूरा पाईये वडभागी
गुरु की सेवा दुःख ना लागी
गुरु का सबद ना मेटे कोई
गुरु नानक नानक हर सोए
गुरु मेरी पूजा भजन
जित बिठरावे.. तित ही बैठूँ, जो पहरावे.. सोई सोई पहरूं,
मेरी उनकी, प्रीत पुरानी, बेचें तो बिक जाऊँ….
गुरु मेरी पूजा, गुरु गोविंद, गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत…
गुरु मेरा देव, अलख अभेवो, सर्व पूज.. चरण गुरुसेवो,
गुरु मेरी पूजा, गुरु गोविंद, गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत…
गुरु का दरशन, वेख-वेख जीवां, गुरु के चरण.. धोये-धोये पीवां,
गुरु बिन अवर, नहीं मैं थाऊं, अनगिन जपहुं, गुरु-गुरु नाऊं..
गुरु मेरी पूजा, गुरु गोविंद, गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत…
गुरु मेरा ज्ञान, गुरु हृदय ध्यान, गुरु गोपाल, तुरत भगवान,
गुरु मेरी पूजा, गुरु गोविंद, गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत…
ऐसे गुरु को… बल-बल जाइये… आप मुक्त, मोहे तारे,
गुरु की शरण, रहो कर जोड़े, गुरु बिना… मैं नाहीं हौर,
गुरु मेरी पूजा, गुरु गोविंद, गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत…
गुरु बहुत, तारे भव पार, गुरु सेवा.. जम ते छुटकार,
गुरु मेरी पूजा, गुरु गोविंद, गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत…
अंधकार में, गुरुमंत्र उजारा, गुरु के संग.. सकल विस्तारा,
गुरु मेरी पूजा, गुरु गोविंद, गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत…
गुरु पूरा.. पाइयै बड़भागी, गुरु की सेवा.. दुख ना लागी,
गुरु मेरी पूजा, गुरु गोविंद, गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत…
गुरु का शबद, ना मेटे कोई, गुरु नानक-नानक, हर सोई,
गुरु मेरी पूजा, गुरु गोविंद, गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत…
ओ॰॰ गुरु मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंत…
गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द भजन का महत्व
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गुरु की महिमा का वर्णन – भजन में गुरु को परमब्रह्म बताया गया है।
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समर्पण और श्रद्धा – यह गीत आत्मिक भक्ति और पूर्ण समर्पण की प्रेरणा देता है।
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आध्यात्मिक मार्गदर्शन – गुरु को भवसागर से पार लगाने वाला बताता है।
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गुरु नानक से जुड़ाव – इस भजन में गुरु नानक की महिमा का भी वर्णन है।
FAQs – गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द लिरिक्स
Q1: गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द भजन किसने लिखा है?
👉 यह भजन गुरु की महिमा पर आधारित पारंपरिक भजन है, जिसे कई संतों और गायकों ने गाया है।
Q2: इस भजन के लिरिक्स का मुख्य संदेश क्या है?
👉 इसका संदेश है कि गुरु ही परमब्रह्म हैं और उनकी शरण में जाने से मोक्ष और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
Q3: इस भजन को कब गाना उचित है?
👉 सुबह-शाम ध्यान और पूजा के समय इसे गाना या सुनना शुभ माना जाता है।
Q4: क्या गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द भजन ऑनलाइन उपलब्ध है?
👉 हाँ, यह भजन यूट्यूब और अन्य भक्ति संगीत प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है।
“गुरु मेरी पूजा गुरु गोविन्द लिरिक्स” गुरु की महिमा और महत्व को दर्शाने वाला भजन है। यह न केवल आध्यात्मिक शांति देता है बल्कि जीवन में श्रद्धा, भक्ति और सकारात्मकता का संचार करता है। यदि आप गुरु की महिमा का अनुभव करना चाहते हैं, तो इस भजन को अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाएँ।
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