कभी फुर्सत हो तो जगदम्बें भजन Mp3 – Kabhi Fursat ho to Jagdambe Mp3
Kabhi Fursat ho to Jagdambe Lyrics In Hindi
कभी फुर्सत हो तो जगदम्बें, निर्धन के घर भी आ जाना |
कभी फुर्सत हो तो जगदम्बें, निर्धन के घर भी आ जाना |
जो रुखा सूखा दिया हमें, कभी उसका भोग लगा जाना ||
ना छत्र बना सका सोने का, ना चुनरी घर में तारों जडी |
ना पेडे बर्फी मेवा हैं माँ, बस श्रद्धा है नैन बिछाये खडी |
इस श्रद्धा की रख लो लाज हे माँ, इस अर्जी को ना ठुकरा जाना ||
जो रुखा सूखा दिया हमें……
जिस घर के दिये में तेल नहीं, वहाँ ज्योत जलाऊ मैं कैसे |
मेरा खुद ही बिछौना धरती पर, तेरी चौकी सजाऊ मैं कैसे |
जहाँ मै बैठा वही बैठ के माँ, बच्चों का दिल बहला जाना ||
जो रुखा सूखा दिया हमें……
तू भाग्य बनाने वाली है, माँ मैं तकदीर का मारा हूँ |
हे दाती संभालो भिखारी को, आखिर तेरी आखँ का तारा हूँ |
मैं दोषी तू निर्दोष हैं माँ, मेरे दोषो को तू भुला जाना ||
जो रुखा सूखा दिया हमें……
कभी फुर्सत हो तो जगदम्बें, निर्धन के घर भी आजा ना |
जो रुखा सूखा दिया हमें, कभी उसका भोग लगा जाना ||