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कंधरासन योग – फायदे और सावधानियां
बैकवर्ड बेंड योग मुद्राओं में से एक, कंधरासन को कंधे मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है। संस्कृत में, ‘कंध’ शब्द का अर्थ कंधे होता है, और ‘आसन’ का अर्थ मुद्रा या आसन होता है, और इसीलिए इसका नाम कंधरासन है। इस आसन की अंतिम मुद्रा में शरीर का भार कंधों, बांहों, गर्दन, पैरों और यहां तक कि सिर पर भी टिका होता है। कंधरासन महिलाओं के लिए एक उत्कृष्ट आसन है। यह महिलाओं के प्रजनन अंगों को परिपुष्ट बनाता है, उन्हें मासिक धर्म की समस्याओं से राहत देता है, और उन महिलाओं के लिए बहुत अच्छा है जिनमें गर्भपात की प्रवृत्ति होती है।
कंधरासन करने की विधि
- जमीन पर एक कंबल या चटाई को बिछा लें।
- अब उस पर सीधे पीठ के बल लेट जाएँ।
- अपने दोनों पैरों को घुटनो से मोड़ें और अपने पंजों को फर्श पर टिका दें।
- अब अपने दोनों हाथों को दानों पैरों की एड़ियों के उपर वाले भाग को पकड़ लें, जैसा कि चित्र में दिखाया गया है।
- इसके बाद धीरे—धीरे पंजों पर जोर देकर कमर, पीठ, छाती और जांघों को उपर की ओर उठा लें।
- दो से तीन मिनट तक आप इस योग की पूर्ण अवस्था में बनें रहें।
- फिर धीरे—धीरे वापस अपनी सामान्य स्थिति में आ जाएं।
- पैरों को फैलाएं और शवासन में आराम करें।
- पूर्ण आसन तब कहलाता है जब शरीर का सारा भार अंतिम मुद्रा में कंधों, भुजाओं, गर्दन, पैरों और यहां तक कि सिर पर भी टिका होता है।
- जब आपको इस आसन का अभ्यास अच्छी तरह से हो जाए तब आप इसे चार से पांच बार तक कर सकते हैं।
कंधरासन योग के फायदे (Kandharsana Benefits In Hindi)
- कंधरासन महिला प्रजनन अंगों को मजबूत करने के लिए एक उत्कृष्ट आसन है। इस आसन का अभ्यास गर्भाशय के स्वास्थ्य में सुधार लाता है और गर्भपात की समस्याओं को रोकता है।
- मासिक धर्म संबंधी विकारों के प्रबंधन के लिए यह एक उत्कृष्ट योग आसन है।
- कंधरासन पीठ के निचले हिस्से के दर्द के लिए एक अच्छा आसन है और यह रीढ़ की हड्डी को दुरुस्त करने में मदद करता है।
- यह आसन शरीर की दुर्बलता को दूर करता है।
- जैसा कि नाम से पता चलता है, यह योग आसन गोल कंधों के विकार को दूर करता है।
- कंधरासन पेट के अंगों की मालिश करता है और उन्हें टोन परिपुष्ट बनाता है।
- यह योगाभ्यास अस्थमा और विभिन्न ब्रोन्कियल स्थितियों से पीड़ित लोगों के लिए बहुत अच्छा है।
- कंधरासन थायरॉइड ग्रंथि के लिए भी बहुत अच्छा अभ्यास है।
कंधरासन योग की क्या हैं सावधानियां
- कंधरासन का अभ्यास पेप्टिक अल्सर से पीड़ित लोगों को नहीं करना चाहिए।
- पेट के हर्निया से पीड़ित लोगों को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- घुटनों में तेज दर्द हो तो कंधरासन करने से बचें।
कंधरासन के बाद पवनमुक्तासन, पश्चिमोत्तानासन या शशांकासन जैसे आगे झुकने वाले आसन करने चाहिए। यह आसन चक्रासन के लिए एक अच्छी तैयारी मुद्रा है। इस का अभ्यास आमतौर पर विश्राम या योग निद्रा से पहले भी किया जाता है।
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