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कंधरासन योग करने की विधि. फायदे और सावधानियां
कंधरासन योग क्या है?
कंधरासन योग (Kandharasana Yoga) पीछे की ओर झुककर किए जाने वाले महत्वपूर्ण आसनों में से एक है। यह आसन शरीर को ऊर्जा, लचीलापन और मानसिक स्थिरता प्रदान करता है। नियमित अभ्यास से पीठ दर्द, थकान, गोल कंधे जैसी समस्याएं दूर होती हैं और रीढ़ की हड्डी में संतुलन आता है। कंधरासन महिलाओं के प्रजनन अंगों को सशक्त बनाता है और हार्मोनल असंतुलन को भी नियंत्रित करता है। अंग्रेजी में इसे “Shoulder Pose” कहा जाता है।
कंधरासन योग करने की विधि
- स्वच्छ, साफ व हवादार स्थान पर चटाई बिछा कर उस पर पीठ के बल लेट जाएं।
- अपने दोनों पैरों को घुटनों के यहाँ से मोड़ लें ओर पैरों के तलवों को ज़मीन पर रखें।
- आपकी कोशिश यह रहे कि एड़ियां नितम्बो से स्पर्श करें।
- अपने पंजों ओर घुटनों के बीच नितम्बों की चौड़ाई के बराबर की दूरी रखें।
- अब अपने दोनों हाथों से अपने टखनों को पकड़ लेवें।
- यह कंधरासन की प्रारंभिक स्थिति हैं।
- साँस को सामान्य रख के अपने शरीर को आराम दें।
- अब अपने नितम्बों को ऊपर उठायें ओर पीठ को इस प्रकार तानें कि रीढ़ के हड्डी में पूरी तरह से खिंचाव उत्पन्न होवे।
- अपने पंजों और कन्धों को स्थिर रखें और नाभि ओर वक्षस्थल को जितना ऊपर उठा सकतें है, उठायें।
- तलवों को ज़मीन पर रखे रहें।
- सुनिश्चित करें की आपके शरीर का सम्पूर्ण भार आपके सिर, कन्धों, भुजाओं, ओर पंजों पर हो।
- इस स्थिति में जीतनी देर सुविधापूर्वक रुक सकें, रुकें ओर फिर शरीर को नीचे प्रारंभिक अवस्था में ले आएं।
- अपने हाथ और पैरों को फैला के गहरी साँस लेके आराम करें।
- इसका अभ्यास ३ से ४ चक्रों तक कर सकते हैं।
कंधरासन अभ्यास करते समय श्वसन
-
ऊपर उठते समय और अंतिम स्थिति में श्वास अंदर रोकें।
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नीचे लौटते समय श्वास छोड़ें।
कंधरासन योग के फायदे (Kandharasana Yoga Benefits)
✅ रीढ़ की मजबूती: यह आसन रीढ़ को सीधा रखता है और पीठ दर्द से राहत देता है।
✅ वजन घटाने में सहायक: पेट की चर्बी कम करता है और कमर को पतला बनाता है।
✅ प्रजनन स्वास्थ्य: महिलाओं के गर्भाशय और प्रजनन अंगों को मजबूत करता है।
✅ तनाव मुक्ति: मानसिक तनाव और थकान को कम कर स्फूर्ति देता है।
✅ पाचन क्रिया में सुधार: पेट के अंगों की मालिश कर पाचन तंत्र को सक्रिय करता है।
✅ थायरॉयड और अस्थमा: नियमित अभ्यास से थायरॉयड और अस्थमा जैसी बीमारियों में सुधार होता है।
कंधरासन योग की सावधानियां (Precautions for Kandharasana Yoga)
🚫 जिन लोगों को duodenal ulcer, peptic ulcer या hernia की समस्या है, उन्हें यह आसन नहीं करना चाहिए।
🚫 गर्भवती महिलाओं को इसका अभ्यास नहीं करना चाहिए।
💡 कंधरासन के बाद पवनमुक्तासन, पश्चिमोत्तानासन या शशांकासन जैसे आगे झुकने वाले आसन करें।
निष्कर्ष
कंधरासन योग न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और भावनात्मक संतुलन के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। यह आसन आपकी रीढ़ को मजबूत बनाता है, शरीर को सक्रिय रखता है और जीवन में नई ऊर्जा का संचार करता है। यदि इसे सही विधि और सावधानियों के साथ नियमित रूप से किया जाए, तो यह सम्पूर्ण स्वास्थ्य के लिए वरदान साबित हो सकता है।
FAQs – कंधरासन योग से जुड़े सामान्य प्रश्न
1. कंधरासन योग कब करना चाहिए?
सुबह खाली पेट या शाम को भोजन के 4 घंटे बाद इसका अभ्यास करना सर्वोत्तम है।
2. क्या महिलाएं कंधरासन कर सकती हैं?
हाँ, लेकिन गर्भावस्था या प्रसव के तुरंत बाद इसका अभ्यास न करें।
3. शुरुआती लोग कंधरासन कैसे करें?
शुरुआती व्यक्ति योग प्रशिक्षक की देखरेख में अभ्यास करें और धीरे-धीरे अवधि बढ़ाएं।
4. कंधरासन कितनी देर तक करना चाहिए?
शुरुआत में 15–20 सेकंड तक रुकें और धीरे-धीरे 1 मिनट तक बढ़ा सकते हैं।
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