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कंधरासन योग करने की विधि. फायदे और सावधानियां
कंधरासन पीछे की ओर झुककर करने वाले आसनों में से एक है | पीछे की ओर झुककर किये जाने वाले सभी आसान स्फूर्तिदायक होते हैं ओर अभ्यासी को बहिर्मुखी बनाते हैं | यह आसन गोल कंधे तथा पीठ के दर्द को ठीक करता है| इसका अभ्यास रीढ़ की हड्डी को एक सीधी रेखा में लाने के लिए किया जाता है | यह आसन महिलाओं के प्रजनन अंगों को मजबूत करता हैं, और उनके मासिक धर्म की समस्याओं को दूर करने में सहायक होता है | इस आसन को अंग्रेजी में ‘शोल्डर पोज़’ कहा जाता हैं |
कंधरासन योग करने की विधि
- स्वच्छ, साफ व हवादार स्थान पर चटाई बिछा कर उस पर पीठ के बल लेट जाएं।
- अपने दोनों पैरों को घुटनों के यहाँ से मोड़ लें ओर पैरों के तलवों को ज़मीन पर रखें।
- आपकी कोशिश यह रहे कि एड़ियां नितम्बो से स्पर्श करें।
- अपने पंजों ओर घुटनों के बीच नितम्बों की चौड़ाई के बराबर की दूरी रखें।
- अब अपने दोनों हाथों से अपने टखनों को पकड़ लेवें।
- यह कंधरासन की प्रारंभिक स्थिति हैं।
- साँस को सामान्य रख के अपने शरीर को आराम दें।
- अब अपने नितम्बों को ऊपर उठायें ओर पीठ को इस प्रकार तानें कि रीढ़ के हड्डी में पूरी तरह से खिंचाव उत्पन्न होवे।
- अपने पंजों और कन्धों को स्थिर रखें और नाभि ओर वक्षस्थल को जितना ऊपर उठा सकतें है, उठायें।
- तलवों को ज़मीन पर रखे रहें।
- सुनिश्चित करें की आपके शरीर का सम्पूर्ण भार आपके सिर, कन्धों, भुजाओं, ओर पंजों पर हो।
- इस स्थिति में जीतनी देर सुविधापूर्वक रुक सकें, रुकें ओर फिर शरीर को नीचे प्रारंभिक अवस्था में ले आएं।
- अपने हाथ और पैरों को फैला के गहरी साँस लेके आराम करें।
- इसका अभ्यास ३ से ४ चक्रों तक कर सकते हैं।
कंधरासन अभ्यास करते समय श्वसन
कंधरासन के अभ्यास में ऊपर उठते समय और अंतिम स्थिति में रुकते समय श्वास अंदर रोकें और वापस नीचे आते समय श्वास छोड़ें।
कंधरासन योग के फायदे
- कंधरासन योग का अभ्यास पीठ के दर्द को दूर करने में सहायक होता है।
- इस आसन का उपयोग गोल कंधों को ठीक करने के लिए किया जाता है।
- इस आसन के अभ्यास से आप का वजन कम होता है साथ ही आपकी कमर पतली हो जाती है।
- पाचन क्रिया में सुधर के लिए भी यह आसन बड़ा ही उपयोगी है।
- कंधरासन का नियमित महिलाओं के प्रजनन अंगों को पुष्ट बनाता है।
- यह आसन उन महिलाओं को अवश्य करना चाहिए जो गर्भपात हो जाने से परेशान हों।
- इस आसन के अभ्यास से महिलाओं की मासिकधर्म संबंधी बीमारियाँ दूर होती है।
- दमा और थाइरोइड सम्बन्धी विकारों को दूर करने के लिए योगोपचार क्र रूप में कंधरासन का अभ्यास किया जा सकता है।
कंधरासन योग की सावधानियां
- डुओडनल अल्सर (duodenal ulcer), पेप्टिक अल्सर (peptic ulcer), या हर्निया (abdominal hernia) की समस्या वाले लोगों को इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
- महिलाओं को गर्भावस्था में इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
कंधरासन के बाद पवनमुक्तासन, पश्चिमोत्तानासन या शशांकासन जैसे आगे झुकने वाले आसन करने चाहिए। यह आसन चक्रासन के लिए एक अच्छी तैयारी मुद्रा है। इस का अभ्यास आमतौर पर विश्राम या योग निद्रा से पहले भी किया जाता है।
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