Some bhajans don’t just touch the ears — they bless the heart. “नटवर नगर नंदा (Natwar Nagar Nanda)” is one such divine bhajan. It paints a mesmerizing picture of Shri Krishna’s charm in Vrindavan, capturing the beauty, love, and mischief of the beloved Nandlal. Every line of the song feels like a celebration of Krishna’s divine playfulness and enchanting aura — the Natwar, the Makhan-chor, the Mohan of Vrindavan.
Table of Contents
Natwar Nagar Nanda Lyrics
नटवर नागर नंदा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा ॥
तू ही नटवर तू ही नागर,
तू ही नटवर तू ही नागर,
तू ही बालमुकुन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा ॥
सब देवन में कृष्ण बड़े हैं,
सब देवन में कृष्ण बड़े हैं,
ज्यूँ तारन बिच चंदा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा ॥
सब सखियन में राधाजी बड़ी हैं,
सब सखियन में राधाजी बड़ी हैं,
ज्यूँ नदियन बिच गंगा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा ॥
ध्रुव तारे प्रह्लाद उबारे,
ध्रुव तारे प्रह्लाद उबारे,
नरसिंह रूप धरंदा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा ॥
काली देह में नाग जो नाथो,
काली देह में नाग जो नाथो,
फण फण निरत करंदा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा ॥
वृन्दावन में रास रचायो,
वृन्दावन में रास रचायो,
नाचत बालमुकुन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा ॥
मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
मीरा के प्रभु गिरधर नागर,
काटो जम के फंदा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा ॥
नटवर नागर नंदा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा,
भजो रे मन गोविंदा,
नटवर नागर नन्दा,
भजो रे मन गोविंदा,
श्याम सुंदर मुख चंदा। ॥
Spiritual Message Hidden in the Song
Behind the playful imagery lies a profound message:
When devotion becomes pure, Krishna becomes visible — not only in temples but inside the heart.
The bhajan is a reminder to live with:
- प्रेम (Love)
- समर्पण (Surrender)
- निष्काम भक्ति (Selfless devotion)
Because where true devotion exists, Krishna Himself resides.
Final Thought
“Natwar Nagar Nanda” is more than lyrics —
it is a way of calling Krishna with love.
Every time this bhajan plays, it feels like Vrindavan comes alive —
the sound of the flute, the rustling of peacock feathers, and
the heart softly whispering, “Kanha, come home.”
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