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वज्रासन योग करने का सही तरीका, लाभ-हानि, वज्रासन कितनी देर करना चाहिए
वज्रासन कैसे करते हैं, वज्रासन के फायदे और नुक्सान (लाभ और हानि) और वज्रासन कितनी देर करना चाहिए, वज्रासन किसे नहीं करना चाहिए, आइये जानते हैं। वज्रासन (Vajrasana) एक बैठकर करने वाला आसन है। इसके अभ्यास से शरीर को अनेको प्रकार के फायदे होते हैं जैसे – पैर मजबूत, पाचन क्रिया दुरुस्त आदि होता है। इसे थंडरबोल्ट पोज़ भी कहा जाता है क्योंकि इसका नाम संस्कृत शब्द ‘वज्र’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है वज्र, और ‘आसन’ का अर्थ है मुद्रा। वज्र को देवताओं के राजा भगवान इंद्र का हथियार कहा जाता है। वज्र नाड़ी प्रमुख नाड़ियों में से एक है, जो सीधे जननांग-मूत्र प्रणाली से जुड़ी होती है और जो शरीर में यौन ऊर्जा को नियंत्रित करती है। वज्र नाड़ी पर नियंत्रण का अर्थ है यौन ऊर्जा पर नियंत्रण। वज्रासन को डायमंड पोज और एडमेंटाइन पोज भी कहा जाता है। कहा जाता है कि डायमंड पोज का अभ्यास करने से शरीर हीरे की तरह मजबूत हो जाता है।
वज्रासन कैसे करे ? (How to do Vajrasana)
वज्रासन ही एक ऐसा आसन है जो भोजन के बाद किया जाता है। वज्रासन या कोई अन्य आसन करने के लिये आपको साफ व स्वच्छ वातावरण मे बैठना चाहिये, तथा शांती का विशेष ख्याल रखे।
वज्रासन की विधि
- एक योगा मैट बिछाएं और उस पर घुटनों के बल, घुटनों को आपस में सटाकर सीधा बैठ जाये जैसा की चित्र मे दिखाया गया है।
- दोनों पैरों के अंगूठे आपस में मिला ले और एड़ियों में थोड़ी दूरी रखे ।
- अपने नितंबों को पंजों की अंदरूनी सतह पर टिकाएं और अपनी एड़ी को कूल्हों के किनारे से स्पर्श कराते हुए बैठ जाये।
- अब दोनों हाथों को जांघों पर रखें, और कमर सीधी रखे तथा लम्बी सांस ले।
- अपनी पीठ और सिर को सीधा रखें लेकिन बिना तनाव के।
- अपनी आँखें बंद करो और अपनी बाहों को आराम करो।
वज्रासन के फायदे/लाभ (Benefits of Vajrasana)
- वज्रासन करने से कमर, पैर, रीढ की हड्डी आदि मजबूत होती है।
- इसके रोजाना अभ्यास से उच्च रक्तचाप कम होता है।
- वज्रासन प्रजनन प्रणाली को सशक्त करता है।
- यह वजन कम करने में भी लाभकारी है।
- वज्रासन अपच, गैस, कब्ज इत्यादि विकारों को दूर करता है।
- भोजन करने के बाद वज्रासन आसन (Vajrasana) में बैठने से भोजन अच्छे तरीके से पचता है।
- इस आसन मे बैठने से पैरो की मांसपेशियों भी मजबूत होती है।
- यह रीढ़ की हड्डी को मजबूत व स्वस्थ्य बनाता है।
- वज्रासन महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता को भी दूर करता है।
- योगियों ने वज्रासन के महत्त्व को यौन ऊर्जा को नियंत्रित करने के रूप में समझाया है।
वज्रासन के नुकसान/हानि (वज्रासन किसे नहीं करना चाहिए)
शरीर के कुछ विशेष परिस्थितियो मे इस आसन को करना ठीक नही, जीने हमने नीचे पॉइंट्स में लिखा है।
- अगर आपके घुटने या टखने में कोई चोट है तो वज्रासन का अभ्यास न करें।
- यदि आप रीढ़ की हड्डी के स्तंभ विकारों से पीड़ित हैं, विशेष रूप से निचली कशेरुकाओं की , तो आपको यह आसन नहीं करना चाहिए।
- यदि आप अभ्यास के दौरान अपने घुटनों में कोई दर्द महसूस करते हैं, तो तुरंत मुद्रा छोड़ दें।
- पोज़ को कभी भी जबरदस्ती न करें। धैर्य रखें। आपको अपनी एड़ी पर बैठने में कुछ समय लग सकता है।
- अगर आपको घुटने में दर्द है, और आप बहुत देर तक वज्रासन में बैठते हैं तो आपके घुटनो को और अधिक नुक्सान हो सकता है।
वज्रासन कितनी देर करना चाहिए
साधारणतया वज्रासन में आप पांच मिनट तक बैठ सकते हैं। खाना खाने के बाद तो विशेषकरके इस आसन में अवश्य ही बैठना चाहिए। नया-नया अभ्यास करने वालों को घुटनों, जंघों और टखनों में इतना खिंचाव आएगा कि वे इस आसन को बहुत ही जल्दी छोड़ना चाहेंगे। ऐसे में आप अपने पैर के नीचे किसी तकिये इत्यादि को रख सकते हैं। धीरे-धीरे कुछ समय बाद ऐसे लोग भी आसानी से वज्रासन करने लगते हैं।
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