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काक चेष्टा बको ध्यानं संस्कृत श्लोक
काक चेष्टा बको ध्यानं श्लोक भारतीय शिक्षा प्रणाली में आदर्श विद्यार्थी के गुणों को दर्शाता है। इस श्लोक में विद्यार्थी को आत्म-अनुशासन, ध्यान, सतर्कता, संयम और त्याग का महत्व सिखाया गया है। चलिए इस श्लोक को अर्थ और भावार्थ सहित विस्तार से समझते हैं।
काक चेष्टा बको ध्यानम श्लोक (Sanskrit):
काक चेष्टा, बको ध्यानं,
श्वान निद्रा तथैव च ।
अल्पहारी, गृहत्यागी,
विद्यार्थी पंच लक्षणं ॥
हिन्दी भावार्थ:
एक आदर्श विद्यार्थी में निम्नलिखित पांच गुण होने चाहिए—
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काक चेष्टा – कौवे की तरह निरंतर जिज्ञासा और सीखने की इच्छा।
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बको ध्यानं – बगुले की तरह एकाग्र और लक्ष्य पर केंद्रित ध्यान।
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श्वान निद्रा – कुत्ते की तरह सतर्कता के साथ अल्पनिद्रा।
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अल्पहारी – संयमित भोजन, केवल आवश्यकता अनुसार खाना।
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गृहत्यागी – भौतिक मोह से दूर रहकर शिक्षा को प्राथमिकता देना।
Kak Cheshta Bako Dhyanam Shlok In English
“Kāka cheṣṭā, bako dhyānaṁ,
svān nidrā tathaiva cha,
Alpahārī, gṛhatyāgī,
vidyārthī pañcha lakṣhaṇam.”
English Meaning of the Shlok: Kak Cheshta Bako Dhyanam
An ideal student should have these five qualities:
– The curiosity of a crow,
– The concentration of a heron,
– The alertness in sleep like a dog,
– Eating in moderation,
– And a detachment from worldly pleasures or home.
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