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सुखकर्ता दुखहर्ता आरती | Sukhkarta Dukhharta Lyrics in Hindi
भगवान श्री गणेश को विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता कहा जाता है। उनकी स्तुति में गाई जाने वाली सुखकर्ता दुखहर्ता आरती महाराष्ट्र की सबसे प्रसिद्ध गणेश आरतियों में से एक है। इसे विशेष रूप से गणेश चतुर्थी और अन्य शुभ अवसरों पर गाया जाता है। माना जाता है कि इस आरती के गान से भगवान गणेश प्रसन्न होकर भक्तों के जीवन से दुख और विघ्न दूर करते हैं तथा सुख और समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
Sukhkarta Dukhharta Lyrics in Hindi
।। श्री गणेशाय नमः ।।
सुखकर्ता दुखहर्ता, वार्ता विघ्नाची
नूर्वी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची
सर्वांगी सुन्दर उटी शेंदु राची
कंठी झलके माल मुकताफळांची
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
रत्नखचित फरा तुझ गौरीकुमरा
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा
रुन्झुनती नूपुरे चरनी घागरिया
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना
सरल सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना
दास रामाचा वाट पाहे सदना
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति
जय देव जय देव
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुख को
दोन्दिल लाल बिराजे सूत गौरिहर को
हाथ लिए गुड लड्डू साई सुरवर को
महिमा कहे ना जाय लागत हूँ पद को
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
अष्ट सिधि दासी संकट को बैरी
विघन विनाशन मंगल मूरत अधिकारी
कोटि सूरज प्रकाश ऐसे छबी तेरी
गंडस्थल मद्मस्तक झूल शशि बहरी
जय जय जय जय जय
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
भावभगत से कोई शरणागत आवे
संतति संपत्ति सबही भरपूर पावे
ऐसे तुम महाराज मोको अति भावे
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे
जय जय जी गणराज विद्यासुखदाता
धन्य तुम्हारो दर्शन मेरा मत रमता
जय देव जय देव
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sukhkarta dukhharta lyrics in hindi
सुखकर्ता दुखहर्ता आरती का महत्व
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यह आरती समर्थ रामदास स्वामी द्वारा रचित मानी जाती है।
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महाराष्ट्र ही नहीं, पूरे भारत में गणेश पूजा की सबसे प्रमुख आरती है।
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गणेश चतुर्थी पर प्रतिदिन सुबह और शाम यह आरती गाई जाती है।
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इसे श्रद्धा से गाने पर भगवान गणेश विघ्नों को दूर करते हैं और सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं।
सुखकर्ता दुखहर्ता आरती से मिलने वाले लाभ
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जीवन से दुख और विघ्नों का नाश होता है।
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मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
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घर में सकारात्मकता और शांति का वातावरण बनता है।
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यह आरती मानसिक शांति और भक्ति को गहरा करती है।
FAQ – अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न 1. सुखकर्ता दुखहर्ता आरती किसने लिखी है?
उत्तर: यह आरती समर्थ रामदास स्वामी ने रची थी।
प्रश्न 2. गणेश चतुर्थी पर यह आरती क्यों गाई जाती है?
उत्तर: भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और सुखकर्ता माना जाता है। यह आरती गाकर भक्त अपने जीवन से बाधाएँ दूर करने का आशीर्वाद पाते हैं।
प्रश्न 3. क्या यह आरती केवल गणेश चतुर्थी पर ही गाई जाती है?
उत्तर: नहीं, इसे दैनिक पूजा या किसी भी शुभ अवसर पर गाया जा सकता है।
प्रश्न 4. ‘दर्शनमात्रे मनोकामना पुरती’ का क्या अर्थ है?
उत्तर: इसका अर्थ है कि भगवान गणेश के दर्शन मात्र से भक्त की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण हो जाती हैं।
सुखकर्ता दुखहर्ता गणेश आरती, भगवान गणेश की महिमा का गान है। यह आरती न केवल गणेश चतुर्थी के समय, बल्कि किसी भी शुभ अवसर या दैनिक पूजा में गाई जा सकती है। इसे श्रद्धा से गाने पर जीवन में सकारात्मकता, समृद्धि और शांति आती है। इसे श्रद्धा और भक्ति से गाने पर जीवन में खुशहाली, शांति और सफलता आती है। गणेश चतुर्थी के अवसर पर यह आरती घर-घर गाई जाती है और वातावरण को पवित्र बना देती है।