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शिव जी के भजन हिंदी में – Shiv Ji Ke Bhajan Lyrics Mp3 Download
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मेरा भोलेनाथ ऐसा भक्तो का रखवाला हैं
मेरा भोलेनाथ ऐसा भक्तो का रखवाला हैं,
सचमुच में भोला भाला है, मेरा भोलेनाथ…
है भांग का सरिया, कैलाश का वसिया, रमिया राम रंग का
है चन्द्र मस्तक पर, गले में है विषधर, है धारक गंग का
शरणागत की प्रेम भक्ति का यही देव मतवाला है,
सचमुच में भोला भाला है, मेरा भोलेनाथ…
संसार की सारी माया समाई है, शिव के झोले में
खुद के लिए कुछ ना, भक्तो को सभूच हां यह शिव के जान में
ऐसा वरदानी, यह गौर मैया का घरवाला है,
सचमुच में भोला भाला है, मेरा भोलेनाथ…
विजया की उमंग, धतूरे की तरंग, नयन भये रतनारे
भजे पैर घुंघरू, संग बाजता डमरू, भये सब मतवारे,
भक्तो का प्रतिपाल जिसने हर बाधा को टाला है,
सचमुच में भोला भाला है, मेरा भोलेनाथ…
मेरा भोला है भंडारी जटाधारी अमली
मेरा भोला है भंडारी, जटाधारी अमली
जटाधारी अमली, बड़ा भरी अमली
कहाँ रहे तेरा बैल नंदीया, कहाँ रहे गणेश
कहाँ रहे मेरा भोला शंकर, लम्बे लम्बे केश
उसदा योगीयां वाला भेष
मेरा भोला है भंडारी…
वन में रहे मेरा बैल नंदीया, मंदिर रहे गणेश
ऊपर कैलाशा भोले शंकर, लम्बे लम्बे केश
उसदा योगीयां वाला भेष
क्या खाए मेरा बैल नंदीया, खाए गणेश
क्या खाए मेरा भोला शंकर, लम्बे लम्बे केश
उसदा योगीयां वाला भेष
मेरा भोला है भंडारी…
घास खाए मेरा बैल नंदीय, लडू खाए गणेश
भंग पीये मेरा भोला शंकर, लम्बे लम्बे केश
उसदा योगीयां वाला भेष
मेरा भोला है भंडारी…
मेरे भोले चले कैलाश रस दिया बूंदा पईया
शिव शंकर चले कैलाश रस दिया बूंदा पईया
बूंदा पईया डोह चार रस दिया बूंदा पईया
गौरा ने बीज लई हरी हरी मेहंदी
मेरे भोले ने बीज लई भांग, रस…
गौरा की उघ गयी हरी हरी मेहंदी
मेरे भोले की उघ गयी भांग, रस…
गौरा ने काट लई हरी हरी मेहंदी
मेरे भोले ने काट ली भांग, रस…
गौरा ने पीस दी हरी हरी मेहंदी
मेरे भोले ने पीस ली भांग, रस…
गौरा ने भिगो दी हरी हरी मेहंदी
मेरे भोले ने भिगो दी भांग, रस…
गौरी ने लगा ली हरी हरी मेहंदी
मेरे भोले ने पी ली भांग, रस…
गौरा के रच गयी हरी हरी मेहंदी
मेरे भोले को चढ़ गयी भांग, रस…
मन मेरा मंदिर शिव मेरी पूजा
ॐ नमः शिवाय, ॐ नमः शिवाय
सत्य है ईश्वर, शिव है जीवन,
सुन्दर यह संसार है ।
तीनो लोक हैं तुझमे,
तेरी माया अपरम्पार है ॥
ॐ नमः शिवाय नमो, ॐ नमः शिवाय नमो
मन मेरा मंदिर, शिव मेरी पूजा,
शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा ।
बोल सत्यम शिवम्, बोल तू सुंदरम,
मन मेरे शिव की महिमा के गुण गए जा ॥
पार्वती जब सीता बन कर, जय श्री राम के सन्मुख आयी,
राम ने उनको माता कह कर, शिव शंकर की महिमा गायी ।
शिव भक्ति में सब कुछ सुझा, शिव से बढ़कर नहीं कोई दूजा,
बोल सत्यम शिवम्, बोल तू सुंदरम,
मन मेरे शिव की महिमा के गुण गए जा ॥
तेरी जटा से निकली गंगा और गंगा ने भीष्म दिया है,
तेरे भक्तो की शक्ति ने सारे जगत को जीत लिया है ।
तुझको सब डिवॉन ने पूजा, शिव से बड़ा नहीं कोई दूजा,
बोल सत्यम शिवम्, बोल तू सुंदरम,
मन मेरे शिव की महिमा के गुण गए जा ॥
शिव भोला भंडारी
भोला भंडारी, सांई भोला भंडारी.
भोला भंडारी, सांई भोला भंडारी.
भोला भंडारी सांई भोला भंडारी,
शिव भोला शिव भोला शिव भोला भंडारी,
साधु भोला भंडारी सांई भोला भंडारी शिव भोला भंडारी ।
भस्मासुर ने करी तपस्या प्रगट भये त्रिपुरारी
जिसके सिर पर हाथ लगावे भस्म हुये तन सारी
शिव भोला शिव भोला शिव भोला भंडारी,
साधु भोला भंडारी सांई भोला भंडारी शिव भोला भंडारी
शिव के सिर पर हाथ करन की मन में दुष्ट विचारी
भागे फिरत चहों दिसी शंकर लगा दैत्य दर भारी
गिरिजा रुप धर हरी हरी बोले बात असुल से प्यारी
जो तू मुझको नाच सिखावे हो ओ नार तुम्हारी
शिव भोला शिव भोला शिव भोला भंडारी,
साधु भोला भंडारी सांई भोला भंडारी शिव भोला भंडारी ।
नाच करत अपने सिर कर धर भस्म गयौ मती मारी
ब्रहृम नन्द दे दे जोई कोई माँगे शिव भक्तन हितकारी
शिव भोला शिव भोला शिव भोला भंडारी,
साधु भोला भंडारी सांई भोला भंडारी
सांई भोला भंडारी शिव भोला भंडारी …
मेरे भोले चले कैलाश
शिव शंकर चले कैलाश रस दिया बूंदा पईया
बूंदा पईया डोह चार रस दिया बूंदा पईया
गौरा ने बीज लई हरी हरी मेहंदी
मेरे भोले ने बीज लई भांग, रस…
गौरा की उघ गयी हरी हरी मेहंदी
मेरे भोले की उघ गयी भांग, रस…
गौरा ने काट लई हरी हरी मेहंदी
मेरे भोले ने काट ली भांग, रस…
गौरा ने पीस दी हरी हरी मेहंदी
मेरे भोले ने पीस ली भांग, रस…
गौरा ने भिगो दी हरी हरी मेहंदी
मेरे भोले ने भिगो दी भांग, रस…
गौरी ने लगा ली हरी हरी मेहंदी
मेरे भोले ने पी ली भांग, रस…
गौरा के रच गयी हरी हरी मेहंदी
मेरे भोले को चढ़ गयी भांग, रस…
ऊपर पहाड नीचे कंकड़ है शंकर
ऊपर पहाड़ नीचे कंकड़ है शंकर
कैसे करूं तेरी पूजा
कैसे करूं तेरी पूजा हे शंकर
सूझे उपाय नहीं दूजा हे शंकर
कैसे करूं तेरी पूजा हे शंकर
जल भरने मै तो गंगा गयी थी
वो भी है मछली का झूठा हे शंकर
कैसे करूं तेरी पूजा हे शंकर
ऊपर पहाड़ नीचे कंकड़ है शंकर
कैसे करूं तेरी पूजा
फूल तोड़ने मै तो बगिया गयी थी
वो भी है भौरें का झूठा हे शंकर
कैसे करून तेरी पूजा हे शंकर
ऊपर पहाड़ नीचे कंकड़ है शंकर
कैसे करूं तेरी पूजा
गय्या का दूध मैं कैसे चड़ाऊं
वो भी है बछड़े का झूठा हे शंकर
कैसे करून तेरी पूजा हे शंकर
ऊपर पहाड़ नीचे कंकड़ हे शंकर
कैसे करूं तेरी पूजा
है धन्य तेरी माया जग में शिव शंकर डमरू वाले
नमामि शंकर, नमामि हर हर,
नमामि देवा महेश्वरा ।
नमामि पारब्रह्म परमेश्वर,
नमामि भोले दिगम्बर ॥
है धन्य तेरी माया जग में, ओ दुनिए के रखवाले
शिव शंकर डमरू वाले, शिव शंकर भोले भाले
जो ध्यान तेरा धर ले मन में, वो जग से मुक्ति पाए
भव सागर से उसकी नैया तू पल में पर लगाए
संकट में भक्तो में बड़ कर तू भोले आप संभाले
शिव शंकर डमरू वाले…
है कोई नहीं इस दुनिया में तेरे जैसा वरदानी
नित्त सुमरिन करते नाम तेरा सब संत ऋषि और ग्यानी
ना जाने किस पर खुश हो कर तू क्या से क्या दे डाले
शिव शंकर डमरू वाले…
त्रिलोक के स्वामी हो कर भी क्या औघड़ रूप बनाए
कर में डमरू त्रिशूल लिए और नाग गले लिपटाये
तुम त्याग से अमृत पीते हो नित्त प्रेम से विष के प्याले
शिव शंकर डमरू वाले…
तप खंडित करने काम देव जब इन्द्र लोक से आया
और साध के अपना काम बाण तुम पर वो मूरख चलाया
तब खोल तीसरा नयन भसम उसको पल में कर डाले
शिव शंकर डमरू वाले…
जब चली कालिका क्रोधित हो खप्पर और खडग उठाए
तब हाहाकार मचा जग में सब सुर और नर घबराए
तुम बीच डगर में सो कर शक्ति देवी की हर डाले
शिव शंकर डमरू वाले…
अब दृष्टि दया की भक्तो पर हे डमरू धर कर देना
‘शर्मा’ और ‘लख्खा’ की झोली गौरी शंकर भर देना
अपना ही सेवक जान हमे भी चरणों में अपनाले
शिव शंकर डमरू वाले…
बम भोले जय शिव शंकर
बम बम बोल बम बम बोल
बम बम बोल बम बम बोल
बम भोले जय शिव शंकर डोले अम्बर धारा
विपदा आयी त्रिनेत्र अब खोल दे ओ शंकर
शिव शिव शंकर हर हर शंकर
जय जय शंकर विघ्न हरा
ओ तांडव शंकर प्रकट सुभंकार
प्रलय अभ्यंकर विघ्नहर …२
ॐ परमेश्वर पारा
ॐ निखलेश्वर हारा
ॐ जीवेश्वर पारा
जाग सारा ..
ॐ मंत्रेस्वर स्वर
ॐ चान्तरेस्वर पारा
ॐ तंत्रेस्वर वारा
सुन ले ज़रा अअअअअ
शिव शिव शंकर हर हर शंकर
जय जय शंकर विघ्न हरा
ओ तांडव शंकर प्रकट सुभंकार
प्रलय अभ्यंकर विघ्नहर …२
बम भोले जय शिव शंकर डोले अम्बर धारा
विपदा आयी त्रिनेत्र अब खोल दे ओ शंकर
आकाश लिंग बन जाओ
शंकर दम दम दम दमा
डमरू को बजने दो
गूंजे चारो दिशा
श्री वायु लिंग
बन छाओ तुम जरा
सन सन सना स्नानं
पवन झकोरि गए
गीत कोई जीवन भरा
अग्नि लिंग बनके
तूने पापियो को भस्म किया
धरती को पाप से
तूने ही तो है मुक्त किया …..२
शिव शिव शंकर हर हर शंकर
जय जय शंकर विघ्न हरा
ओ तांडव शंकर प्रकट सुभंकार
प्रलय अभ्यंकर विघ्नहर …२
बम भोले जय शिव शंकर डोले अम्बर धारा
विपदा आयी त्रिनेत्र अब खोल दे ओ शंकर
बन के विशेष लिंग आओ ईश्वर
ये जो मूर्छित धरती पे है पड़ा
उसे दो जीवन जरा
सारे जग का विष तूने है पाया
है कठिन परीक्षा की घडी आयी है
इसे दो शक्ति जरा
जग है कठिनाई में तुम पञ्च भूत बन के आओ
आओ सारे असुरो पर वज्र बन के छा जाओ ….२
शिव शिव शंकर हर हर शंकर
जय जय शंकर विघ्न हरा
ओ तांडव शंकर प्रकट सुभंकार
प्रलय अभ्यंकर विघ्नहर …२
बम भोले जय शिव शंकर डोले अम्बर धारा
विपदा आयी त्रिनेत्र अब खोल दे ओ शंकर
शिव शिव शंकर हर हर शंकर
जय जय शंकर विघ्न हरा
ओ तांडव शंकर प्रकट सुभंकार
प्रलय अभ्यंकर विघ्नहर …२
बम भोले जय शिव शंकर डोले अम्बर धारा
विपदा आयी त्रिनेत्र अब खोल दे ओ शंकर