Author: Mahendra Kumar Vyas

Mahendra Vyas, born to Late Shri G. L. Vyas and Shrimati Sharda Vyas, did Civil Engineering from M.B.M.Engineering College, Jodhpur. Worked with Mars Group and Aditya Birla Group, became a part of Yoga Niketan, Mumbai in 2002, and since then practicing Yoga.

Core Muscles: Meaning & Exercises (Yoga Poses) Core Muscles Meaning The core muscles are located in the center of our body, encompassing the abdominal muscles, back muscles, and the muscles around the pelvis. These muscles play a crucial role in maintaining stability, balance, and proper posture during yoga practice. Here we will learn what the Core muscles, their meaning, and the exercises to strengthen them. Key Core Muscles Rectus Abdominis: The “six-pack” muscles that run vertically along the front of the abdomen, responsible for flexing the lumbar spine. Transverse Abdominis: The deepest abdominal muscle, acting like a corset to stabilize…

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योगासन के फायदे, प्रभाव, और ध्यान देने योग्य बातें योग शरीर, मन और भावनाओं में संतुलन और सामंजस्य स्थापित करता है। वैसे तो संपूर्ण योगशास्त्र ही शरीर, मन और भावनाओं के विकास करने के साधनों से परिपूर्ण है, परन्तु सरलतम एवं सहज रूप से हम जहाँ से शरीर, मन एवं भावनाओं को सही दिशा देने का प्रयास करते है, वह है आसन। आसन का अर्थ है शरीर की आरामपूर्वक स्थिति। इनका अभ्यास स्वस्थ, अस्वस्थ, युवा, वृद्ध, सभी कर सकते हैं। आइये यहाँ पर हम जाने योगासन करने के फायदे, प्रभाव एवं अन्य ध्यान देने योग्य बातें। योगासन और व्यायाम में…

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ध्यान कैसे करें और ध्यान का उद्देश्य योग के वास्तविक महत्त्व को समझने के लिए हमें ध्यान के विज्ञान के बारे में बहुत कुछ जानना होगा। ध्यान कैसे करें – आइये जाने इस लेख में। वास्तविकता यह है कि सभी प्रकार के योग हमें ध्यान योग के लिए तैयार करते हैं। जैसे कि हठयोग का अभ्यास हमारे शरीर को शुद्ध करता है, वहीँ भक्तियोग का अभ्यास हमारे भावनात्मक व्यक्तित्व को शुद्ध करता है जबकि ज्ञानयोग का अभ्यास हमारी बुद्धि को शुद्ध करता है। इन अभ्यासों के द्वारा शुद्ध हुवे शरीर, बुद्धि और भावनात्मक व्यक्तित्व के साथ हम ध्यान की तरफ…

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पंचकोश के प्रकार पंचकोश क्या है? इस लेख में हम इसे समझने का प्रयास करेंगे। गुण तीन बतलाये गएँ हैं – सतगुण, रजोगुण एवं तमोगुण. प्राचीन मनीषियों ने कहा है कि इन तीन गुणों से रची माया से मोहित होने की वजह से हमारे भीतर आत्मा पर विकारों का आवरण चढ जाता है, जिसकी वजह से यह आत्मा जीवात्मा कही जाने लगती हैं। योगियों ने हमारी विशुद्ध आत्मा पर पडने वाले उन आवरणों को कोश कहा है जिनकी संख्या पांच बतलायी गयी है और इन्हे ही पंचकोश कहा गया है। ये पांचों इस प्रकार हैं – अन्नमय कोश पंच तत्वों…

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कबीर दास के दोहे जीवन, भक्ति, और समाज की सच्चाइयों पर आधारित होते हैं। उनके दोहे गहरी शिक्षा और सरलता के कारण अत्यधिक प्रसिद्ध हैं। यहाँ कुछ प्रसिद्ध कबीर दास के दोहे दिए गए हैं: कबीर दास के मशहूर दोहे (कबीर दोहे हिंदी) गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पाए, बलिहारी गुरु आपने, गोविन्द दियो बताय। यह तन विष की बेलरी, गुरु अमृत की खान, सीस दिए से गुरु मिले, वो भी सस्ता जान। ऐसी वाणी बोलिये, मन का आप खोये, औरन को शीतल करे, आपहु शीतल होये। बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर, पंथी को छाया नहीं,…

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“Shree Krishna” is a term used to honor and refer to Lord Krishna, a prominent deity in Hinduism. Lord Shree Krishna is considered as the eighth avatar of the God Vishnu, who is believed to have incarnated on Earth to restore righteousness (dharma) and alleviate suffering. The life and teachings of Krishna are documented in various Hindu scriptures, most notably in the ancient epic, the “Bhagavad Gita,” where he imparts spiritual wisdom to the warrior prince Arjuna on the battlefield of Kurukshetra. Krishna is revered for his divine qualities, including his playfulness as a child (as depicted in stories of…

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भगवान शिव को प्रसन्न करने वाले 5 मंत्र पुराणों के अनुसार भगवान शिव को सरल, सौम्य और भोला बताया गया है। भगवान शिव इतने भोले हैं कि वे तो एक लोटा जल से प्रसन्न हो जाते हैं। बाबा भोलेनाथ ऐसे हैं कि वे जिनपर प्रसन्न हो जाएं तो उनके जीवन में आने वाली सभी कठिनाईयों के सामने वो खुद खड़े हो जाते हैं, और अपने भक्त की रक्षा करतें हैं। भगवान शिव लोकप्रिय हिंदू देवता हैं, जिन्हें शंकर, रुद्र, भोलेनाथ, नीलकंठ और महादेव के नाम से भी जाना जाता है। उन्हें हिंदू शास्त्रों के अनुसार विध्वंसक या सृष्टि का सहांरक के…

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काक चेष्टा बको ध्यानं संस्कृत श्लोक आज इस पोस्ट में हम समझेंगे और जानेंगे ‘काक चेष्टा बको ध्यानं संस्कृत श्लोक’ के बारे में इसके अर्थ के साथ। यह श्लोक हमें जो आदर्श विद्यार्थी के पांच लक्षण होने चाहिए, उनके बारे में बतलाता है। काक चेष्टा बको ध्यानम श्लोक – काक चेष्टा, बको ध्यानं, श्वान निद्रा तथैव च । अल्पहारी, गृहत्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणं ॥ हिन्दी भावार्थ: एक विद्यार्थी मे यह पांच लक्षण होने चाहिए – कौवे की तरह जानने की चेष्टा, बगुले की तरह ध्यान, कुत्ते की तरह सोना / निंद्रा अल्पाहारी, आवश्यकतानुसार खाने वाला और गृह-त्यागी होना चाहिए ।…

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आज इस लेख में जानेंगे कि महाशिवरात्रि कब है इस साल, महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है, और क्या हैं महाशिवरात्रि व्रत नियम? महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है? महाशिवरात्रि हिन्दुओं का प्रमुख धार्मिक पर्व है। ये पावन पर्व फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के ही दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे। शिव-भक्तों के इस महापर्व के दिन वे व्रत रखते हैं और भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धा के साथ माता पार्वती और शिव की पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों पर भगवान भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न…

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योग क्या है और योग के प्रकार आइये आज इस लेख में जानते हैं कि योग क्या है, इसके प्रकार कोनसे हैं और आज के युग में इसकी प्रासंगिकता क्या है। योग एक सम्यक जीवन का विज्ञान है (science or right living) और इसीलिए हमे इसे अपनी दिनचर्या का एक अंग बनाना चाहिए। योग शब्द का मतलब होता है – एकत्व या ऐक्य जिसे इंग्लिश में कहेंगे oneness या unity, और यह बना है संस्कृत धातु ‘युज्’ से बना है, जिसका अर्थ होता है जोड़ना। इस ‘जोड़ने’ को अगर आध्यात्मिक शब्दावली में समझें तो इसे हम व्यष्टि चेतना (individual consciousness)…

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