Author: Mahendra Kumar Vyas

Mahendra Vyas, born to Late Shri G. L. Vyas and Shrimati Sharda Vyas, did Civil Engineering from M.B.M.Engineering College, Jodhpur. Worked with Mars Group and Aditya Birla Group, became a part of Yoga Niketan, Mumbai in 2002, and since then practicing Yoga.

हमारे धर्म और परंपरा में व्रत और उपवास का बहुत खास स्थान है। कई लोग व्रत तो रखते हैं, लेकिन अक्सर यह समझ नहीं पाते कि सही तरीका क्या है, किन नियमों का ध्यान रखना चाहिए और इसका वास्तविक महत्व क्या है। इस पोस्ट में हम व्रत और उपवास के अर्थ, विधि, फायदे और व्यावहारिक सुझावों को सरल भाषा में समझेंगे। व्रत और उपवास क्या होता है व्रत का मतलब केवल खाना छोड़ना नहीं होता, बल्कि मन, वाणी और कर्म को अनुशासित करना होता है। उपवास का अर्थ है खुद को साधारण इच्छाओं से थोड़ा दूर रखकर ईश्वर और आत्मचिंतन…

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माता दुर्गा की आरती करना घर में शांति, साहस और शुभ फल लाने वाला माना जाता है। बहुत लोग आरती करना चाहते हैं, लेकिन सही मंत्र, क्रम और तरीका न जानने के कारण हिचक महसूस करते हैं। इसी पोस्ट में दुर्गा आरती इन हिंदी, उसका पाठ, उच्चारण और सही विधि सरल भाषा में दी गई है। दुर्गा आरती इन हिंदी क्यों करें दुर्गा आरती श्रद्धा से की जाए तो मन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। यह भय, चिंता और नकारात्मक भावनाओं को दूर करने में सहायक मानी जाती है। नवरात्रि, मंगलवार, शुक्रवार या रोजाना सुबह-शाम आरती करना शुभ होता है।…

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श्री दुर्गा चालीसा पाठ भारत में देवी दुर्गा की महिमा का वर्णन करने वाला एक प्रसिद्ध स्तोत्र है। इसे घर पर रोज़ाना या नवरात्रि के दौरान पढ़ने से मानसिक शांति, सकारात्मक ऊर्जा और मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है। इस लेख में आप दुर्गा चालीसा लिरिक्स और दुर्गा चालीसा पाठ के बारे में विस्तार से जानेंगे। दुर्गा चालीसा का नित्य पाठ करने से मां दुर्गा अपने भक्त पर प्रसन्न होती हैं और वे हर तरह के संकट दूर करती हैं। श्री दुर्गा चालीसा पाठ (दुर्गा चालीसा लिरिक्स) यहाँ नीचे दुर्गा चालीसा लिखा हुआ है, जैसा कि पारंपरिक रूप में…

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कई लोग तर्पण करना चाहते हैं, लेकिन सही तरीका और मंत्र न जानने के कारण रुक जाते हैं। वास्तव में सरल पितृ तर्पण विधि जान लें तो कोई भी व्यक्ति घर पर श्रद्धा के साथ तर्पण कर सकता है। यह पोस्ट उन लोगों के लिए है जो सरल भाषा में पितृ तर्पण विधि इन हिंदी सीखना चाहते हैं। पितृ तर्पण विधि इन हिंदी: क्यों किया जाता है तर्पण ऐसा माना जाता है कि तर्पण करने से पितृ तृप्त होते हैं और परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है।श्राद्ध पक्ष, अमावस्या, और विशेष तिथियों पर यह विशेष फलदायी माना जाता है।…

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जीवन में कई बार ऐसा समय आता है जब हर तरफ उलझनें ही उलझनें होती हैं। ऐसे समय में मुझे हमेशा लगता है कि बगलामुखी मंत्र मन को एक अलग तरह की शांति देता है। माँ बगलामुखी की शक्ति नकारात्मकता को रोकती है और अंदर साहस भरती है। भक्त मानते हैं कि यह मंत्र: शत्रुजनित डर कम करता है विवाद और मुकदमों में सहारा देता है मानसिक अस्थिरता को शांत करता है आत्मविश्वास बढ़ाता है माँ बगलामुखी कौन हैं? माँ बगलामुखी हिंदू धर्म की दस महाविद्याओं में से आठवीं देवी मानी जाती हैं। उन्हें शक्ति, सुरक्षा और शत्रुओं पर विजय…

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खेचरी मुद्रा क्या है? खेचरी मुद्रा योग की एक गहरी साधना मानी जाती है। इसमें जीभ को मोड़कर धीरे-धीरे तालु के ऊपरी हिस्से से लगाया जाता है। प्राचीन योग परंपराओं में कहा गया है कि इस मुद्रा से मन स्थिर होता है, इंद्रियों पर नियंत्रण आता है और साधक भीतर की ओर केंद्रित हो पाता है। अष्टांग योग में खेचरी मुद्रा को ध्यान और आध्यात्मिक अभ्यास के लिए विशेष स्थान दिया गया है। लगातार अभ्यास से यह शरीर और मन दोनों पर सकारात्मक प्रभाव डालती है। खेचरी मुद्रा कैसे करें (सुरक्षित और धीरे-धीरे) खेचरी मुद्रा का अभ्यास करते समय सबसे…

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अष्टांग योग भारतीय योग परंपरा की एक अत्यंत प्राचीन और प्रभावशाली प्रणाली है। जब मनुष्य शरीर, मन और आत्मा के संतुलन की बात करता है, तो अष्टांग योग का नाम स्वतः सामने आता है। अष्टांग योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक संपूर्ण विधि है, जो व्यक्ति को अनुशासन, आत्मसंयम और आत्मज्ञान की ओर ले जाती है। अष्टांग योग क्या है? अष्टांग योग का अर्थ है आठ अंगों वाला योग। संस्कृत में “अष्ट” का अर्थ है आठ और “अंग” का अर्थ है भाग। इस प्रकार, अष्टांग योग एक ऐसी योग प्रणाली है जिसमें जीवन को…

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आदि शंकराचार्य भारतीय दर्शन और आध्यात्मिक परंपरा के सबसे प्रभावशाली आचार्यों में से एक माने जाते हैं। आदि शंकराचार्य का जीवन और उनकी शिक्षाएँ आज भी लोगों को आत्मज्ञान और सत्य की ओर प्रेरित करती हैं। वे अद्वैत वेदांत दर्शन के प्रमुख प्रवर्तक थे, जिसने हिंदू दर्शन को एक स्पष्ट और एकीकृत दिशा दी। जन्म, प्रारंभिक जीवन और जन्मस्थान आदि शंकराचार्य का जन्म केरल के कलड़ी गांव में हुआ था। उनके माता-पिता शिवगुरु और आर्यांबा अत्यंत धार्मिक और आध्यात्मिक प्रवृत्ति के थे। परंपरागत मान्यताओं के अनुसार, शंकराचार्य का जन्म परिवार के लिए अत्यंत शुभ माना गया और उनका नाम शंकर…

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Urdhva Mukha Svanasana, also known as Upward Facing Dog Pose, is a popular yoga posture that brings strength, openness, and energy to the body. It is commonly practiced in flowing yoga sequences where breath and movement go together. This asana helps lift the chest, awaken the spine, and create a sense of expansion in both body and mind. Urdhva Mukha Svanasana Meaning The name Urdhva Mukha Svanasana comes from Sanskrit. Urdhva means upward, mukha means face, svana means dog, and asana means posture. Together, the name describes a pose where the body opens upward, resembling a dog stretching and lifting…

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Adi Shankaracharya was born in the village of Kalady in present-day Kerala, India. His parents were Shivaguru and Aryamba, who were devoted to spiritual life and longed for a child. Traditional accounts tell that Shankaracharya’s birth brought joy and hope to his family, and he was named Shankara, meaning the one who brings prosperity. Although there are different views on exactly when he was born, it is commonly believed — based on many traditional sources — that he lived about twelve hundred years ago and completed his work in a relatively short life span. As a child, he was known…

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