गाया वाला कानजी भजन लिरिक्स (Gaya Wala Kanji Re Bhajan Lyrics in Hindi and English) PDF – आपके लिए प्रस्तुत है गाया वाला कानजी रे भजन के लिरिक्स। आप भजन को सुन भी सकते है, जिसके लीये नीचे विडियो का लिंक दिया गया है – गाया वाला कानजी लिरिक्स (Gaya Wala Kanji Re Bhajan Lyrics in Hindi) राधे तू बड़भागिनी, कोण तपस्या किन, तीन लोक तारण तिरण, सो है तेरे आधीन । गाया वाला कानजी रे, थारी गाया ने पाछी घेर, कुए पर एकली रे, हो थारी गाया ने पाछी घेर, कुए पर एकली रे । चरती गाया ना मुड़े…
Author: Mahendra Kumar Vyas
चंद्रशेखर अष्टकम एक शक्तिशाली पूजा स्तोत्र है जिसमें भगवान शिव को समर्पित 8 छंद हैं। अष्टकम् संस्कृत में आठ छंदों की एक काव्य रचना को कहा जाता है। ’‘चंदशेखर’ का अर्थ है जो चंद्रमा के साथ अपने मुकुट को सुशोभित करता है। चंद्रशेखरष्टकम मार्कंडेय द्वारा लिखा गया था, जो भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे। भगवान शिव की कृपा पाने के लिए भक्ति और श्रद्धा के साथ इसका जाप करें। इस पोस्ट में चंद्रशेखर अष्टकम लिरिक्स अर्थ सहित दिए गए हैं । चंद्रशेखर अष्टकम स्तोत्र लिरिक्स चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर पाहिमाम् | चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर चन्द्रशेखर रक्षमाम् ‖ रत्नसानु शरासनं रजताद्रि…
बनवास के दौरान पाण्डव द्रौपदी सहित वन में पर्णकुटि बनाकर रहने लगे। वे कुछ दिनों तक काम्यकवन में रहने के पश्चात द्वैतवन में चले गये। वहाँ एक बार जब पाँचों भाई वन भ्रमण कर रहे थे तो वे एक सरोवर के पास गए। यहाँ युधिष्ठिर सरोवर के रक्षक एक अदृश्य यक्ष की दार्शनिक जिज्ञासाओं को अपने उत्तरों द्वारा शांत करते हैं। कथा के अनुसार अन्य भाई बिना उत्तर दिए ही सरोवर का जल पीना चाहते थे, जिस कारण यक्ष ने उन्हें अचेत कर दिया था। युधिष्ठिर ने यक्ष के प्रश्नों का उत्तर देकर न केवल यक्ष को प्रसन्न किया बल्कि…
जब हमारे शरीर का कोई रोग डॉक्टर भी समझ नहीं पाएं और इलाज़ नहीं कर पाएं तो ऐसे में हमें तांत्रिक या टोटको का सहारा लेना पड़ता है। टोटकों की मदद से बड़े से बड़े रोग को भी ठीक किया जा सकता है। क्या आप भी बीमारी से परेशान हैं और चाहते हैं कि आपको कोई ऐसा उपाय मिल जाए जिससे आप अपने को हमेशा स्वस्थ रख सकें तो आज हम आपको ऐसी ही किसी भी बीमारी को ठीक करने का नींबू और नमक के टोटके का उपाय बताने वाले हैं, जिसका उपयोग करके आप अपने पुराने से पुराने रोग…
What is Kumbhaka Pranayama – Its Steps & Benefits The term Kumbhaka comes from the Sanskrit word Kumbha, meaning “pot” or “vessel”; whereas Pranayama in Sanskrit is made from – “prana”, which refers to life force energy; and “ayama”, which means “control.” Kumbhaka pranayama is a breathing exercise in which the breath is retained or held after either inhalation or exhalation. Kumbhaka Types Kumbhaka is of three types Bahir(Bahya) Kumbhaka Bahir Kumbhaka is the retention of breath at the end of expiration. Antar Kumbhaka Antar Kumbhaka is the retention of the breath after the inspiration of air. Kevala Kumbhaka Kevala…
कार्य सिद्धि हनुमान मंत्र का अर्थ, पूजा विधि और लाभ वाल्मीकि रामायण के सुंदर कांड में है हनुमान जी का एक मंत्र जिसे कार्य सिद्धि हनुमान मंत्र के नाम से जाना जाता है। कार्य सिद्धि हनुमान मंत्र एक शक्तिशाली हनुमान मंत्र है जिसका जाप सफलता प्राप्त करने और जीवन में बाधाओं को दूर करने के लिए किया जाता है। माना जाता है कि मंत्र साधक की इच्छाओं को पूरा करने और उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की शक्ति रखता है। कार्य सिद्धि हनुमान मंत्र को हनुमान मूल मंत्र के रूप में भी जाना जाता है, और यह कई शक्तिशाली…
Surya Namaskar Benefits For Men, Ladies & Children Surya Namaskar is a complete workout for a Yoga practitioner – a comprehensive set of asanas, that give you total health. Total health means – physical, mental, emotional, and spiritual health. One can say that it is that amazing tool in Yoga that empowers human beings to break free from the compulsive cycles and patterns of their lives. Here in the post, we learn about the amazing benefits that you get from its practice. Surya Namaskara is known as the complete practice or total yoga workout. Its benefits include the revitalization of…
Maa Kamakhya Kavach – माँकामाख्या कवचम् माँ कामाख्या सर्वसिद्धिदायक विद्या हैं। सर्वश्रेष्ठ तांत्रिक विद्याओं में माँ भगवती कामाख्या विद्यमान हैं। इनकी तांत्रिक उपासना द्वारा मनुष्य सर्वबाधाओं से मुक्त होकर धनैश्वर्य को प्राप्त करता है। कामाख्या कवच माँ कामाख्या का रक्षास्त्र है। इस महाकवच का नित्य पाठ एवं भोजपत्र पर निर्माण कर कण्ठ या भुजा में धारण करने से मनुष्य सर्वप्रकार की तांत्रिक शक्तियों एवं शत्रुओं से सुरक्षित रहता है, तथा माँ कामाख्या की कृपासिद्धि भी प्राप्त करता है। कवच की 108 आवृत्तियां करना लघु सिद्धिकरण है। 1008 बार पाठ करने से मध्यम तथा कवच की 11000 आवृत्तियां करने से महासिद्धि…
अच्युतं केशवं कृष्ण दामोदरं भजन Lyrics (Achyutam Keshavam Krishna Damodarm Bhajan) इस पोस्ट मे भगवान कृष्ण जी पर प्रसिध्द भजन अच्युतं केशवं कृष्ण दामोदरं (Achyutam Keshavam krishn Damodaram) भजन के लिरिक्स दिए गएँ हैं। भगवान कृष्ण को कई नामों से भक्तगण याद करते हैं, जैसे कि केशव, बंसीधर, मुरलीधर, कृष्णा, जानकीनंदन, आदि। अच्युतं केशवं कृष्ण दामोदरं लिरिक्स हिंदी में अच्युतं केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं कौन कहते हैं भगवान आते नहीं तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं अच्युतं केशवं कृष्ण दामोदरं राम नारायणं जानकी वल्लभं कौन कहते हैं भगवान खाते नहीं बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं अच्युतं…
कुण्डलिनी चक्र जागरण विधि, नाड़ी योग और कुण्डलिनी कुंडलिनी शब्द संस्कृत के कुंडल शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है घुमावदार। मान्यता है कि कुंडलिनी शक्ति प्रत्येक व्यक्ति के मूलाधार चक्र में सर्प के समान कुंडली मारकर सोयी रहती है, जिसे योग की साधनाओं के द्वारा जगाया जा सकता है। एक आदमी की ऊर्जा हमेशा नीचे की तरफ़ बहती है। परिणामस्वरूप वह भौतिक दुनिया में तथा व्यसनों में व्यस्त रहता है। कुण्डलिनी जागरण के साथ उसकी उच्च चेतना का स्तर बढ़ जाता है, जो ऊर्जा अधोगामी होती है वो उर्ध्वगामी हो जाती है, शक्तियां नीचे से ऊपर की और…