The Ganpati Aarti – Shendur Laal Chadhayo Lyrics In Hindi The Ganpati Aarti “Shendur Laal Chadhayo” is a devotional hymn dedicated to Lord Ganesha, the elephant-headed deity who is revered as the remover of obstacles and the symbol of wisdom, prosperity, and good fortune. This Aarti is often sung during the worship of Lord Ganesha, especially during festivals like Ganesh Chaturthi. The Aarti begins with the line “शेंदुर लाल चढ़ायो अच्छा गजमुखका,” which describes Lord Ganesha adorned with vermillion on his forehead. The Aarti further highlights Ganesha’s attributes and qualities. The lines emphasize his wisdom, large ears that listen to…
Author: Mahendra Kumar Vyas
प्रथम मां शैलपुत्री मंत्र, आरती और कथा नवरात्रि में दुर्गा पूजा के अवसर पर दुर्गा देवी के नौ रूपों की पूजा-उपासना बहुत ही विधि विधान से की जाती है। मां दुर्गा को नवरात्रि का पहला दिन शैलपुत्री के रुप में पूजा जाता है। प्रथम मां शैलपुत्री मां दुर्गा के प्रथम स्वरूप को कहा जाता है और वह देवी की सार्वभौम शक्ति और प्राकृतिक सौंदर्य का प्रतीक है। शैलपुत्री का नाम “शैल” यानी पहाड़ी और “पुत्री” यानी बेटी से मिलकर बना है, क्योंकि विपश्यना ऋषि के घर में उन्होंने जन्म लिया था और उनके पिता का नाम राजा हिमवत था, जिन्हें…
हम आपको इस पोस्ट में शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय की संपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं। इन में से कुछ ऐसे सरल उपाय हैं जिसमें आप महादेव की भक्ति के द्वारा आप पुत्र रत्न की प्राप्ति कर सकते हैं या मनचाही संतान का वरदान प्राप्त कर सकते हैं। कई बार किसी कुंडली-दोष, पितृ-दोष या वस्तु-दोष के कारण व्यक्ति को पुत्र की प्राप्ति नहीं हो पाती है। इस स्थिति में अभी से हीं महादेव की आराधना शुरू कर दीजिये। शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति पहला उपाय शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति का ये प्रथम उपाय…
मरे हुए व्यक्ति को जिंदा देखना (Sapne Me Mare Hue Ko Jinda Dekhna) क्या आप भी इस दुविधा में हैं कि मरे हुए व्यक्ति को जिंदा देखना आपके लिए शुभ है या अशुभ संकेत है? वैसे ये स्वप्न अक्सर लोग बार-बार देखते हैं, और उसके परिणामस्वरूप कुछ लोग घबरा भी जाते हैं और उसके अर्थ को समझने में असमर्थ हो जाते हैं। उन्हें हमेशा यह डर रहता है कि कहीं यह सपना उनके जीवन में कुछ अपशगुन तो नहीं लेकर आएगा। कितने बार हम सब ने ऐसा सपना जरूर देखा होगा जिसमे हमारे ही कोई मृत रिश्तेदार, दोस्त या कोई…
नौका संचालन आसन के लाभ, विधि और सावधानियां नौका संचालन आसन या ‘नाव चलाने की मुद्रा आसान’ एक बैठकर करने वाला आसन है जो शरीर के प्रत्येक भाग पर प्रभाव डालता है। इस आसन का अभ्यास साधक को और अधिक चुनौतीपूर्ण और उन्नत (advanced ) योग आसनों के लिए तैयार करता है। नौका संचलानासन नाम संस्कृत के तीन शब्दों – “नौका”, “सञ्चालन” और “आसन ” से लिया गया है, जिसमे नौका का अर्थ है “नाव”, तथा “संचालन” का अर्थ है “परिचालन”, और “आसन” का अर्थ है “मुद्रा”। आसन का अभ्यास करते समय, नाव में बैठे नाविक और उसे खेने वाले…
योग के फायदे और नुकसान सदियों से योग का अभ्यास आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक अनुशासन के रूप में किया जाता रहा है। आज के युग में अक्सर लोग योग के लाभ केवल भौतिक स्तर पर ही देखते हैं। सच ये है कि हममें से अधिकांश लोगों को यह पता भी नहीं होता है कि योग तो शरीर, मन और भावनाओं में एक सामंजस्य स्थापित करता है, उनमे संतुलन लाता है। योग से पूर्ण स्वस्थ्य लाभ मिलता है। पूर्ण स्वस्थ्य का तात्पर्य हुआ – शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक, और आध्यात्मिक। लेकिन योग करने के दौरान अगर आप अनुशासन का पालन नहीं करते…
दीपावली कब है 2023, दीपावली का शुभ मुहूर्त और दीपावली क्यों मनाया जाता है दीपावली ( Deepawali ) या दिवाली एक प्रमुख भारतीय त्योहार है जिसे बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह हर साल हिंदू महीने कार्तिक (अक्टूबर – नवंबर) में बारिश के मौसम के बाद आता है। इस दिन भगवान राम, देवी सीता और भगवान लक्ष्मण 14 साल जंगल में बिताने के बाद अयोध्या लौटे थे। इसके अलावा, यह भी माना जाता है कि देवी लक्ष्मी का जन्म इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान हुआ था। इसलिए, सभी हिन्दू घरों में देवी लक्ष्मी की पूजा दीपावली के दिन…
शारदीय नवरात्रि 2023 अश्विन माह में आने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि के नाम से जाना जाता है। शारदीय नवरात्रि हिंदू पंचांग के अनुसार शरद ऋतु में आश्विन मास में आयोजित किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण उत्सव है। शास्त्रों में बताया गया है कि शारदीय नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। शारदीय नवरात्रि की शुरुआत अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है। वहीं इसका समापन दशमी तिथि को विजयदशमी पर्व के साथ हो जाता है।…
श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्र lyrics (Vindhyeshwari Stotram) और स्तोत्र का हिंदी में अर्थ श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्र में माँ विन्ध्येश्वरी की प्रशंशा और साथ ही साथ उनसे प्रार्थना की गई है। माता विन्धेश्वरी ने दो अत्यंत क्रूर राक्षसों – निशुम्भु और शुम्भ का वध किया था। माता के हाथों में हमारी सुरक्षा के लिए हथियार हैं और वे हमारे जीवन से दुःख, दरिद्रता और कष्टों को दूर करती है तथा हमारे जीवन को सुखी, समृद्ध और शांतिपूर्ण बनाती है। हम इस स्तोत्र के द्वारा उनसे प्रार्थना करते हैं और उनका आशीर्वाद मांगते हैं। आपके लिए यहाँ प्रस्तुत है विन्ध्येश्वरी स्तोत्र lyrics (Vindhyeshwari…
जो भी मनुष्य सच्चे मन से ईश्वर का स्मरण करता है और साधना करता है, ईश्वर उनकी मन की बात हमेशा सुनते हैं, और उनकी मनोकामना को पूर्ण करते हैं। ऐसी मान्यता है कि ऐसे में उस मनुष्य को मनोकामना पूर्ण होने से पहले पूजा सफल होने के कुछ संकेत मिलने लगते हैं। पूजा की सफलता के संकेत व्यक्ति की आस्था, भावनाओं और निष्ठा पर निर्भर करते हैं। आज हम आपको बताएंगे कि जब हमारी पूजा सफल होने वाली होती है, तब हमें ईश्वर किस प्रकार देते हैं पूजा सफल होने के संकेत। कुछ आम संकेत निम्नलिखित हो सकते हैं…