Sacral Chakra Meaning & Sacral Chakra Affirmations Chakras are believed to be spinning vortexes of pranic energy that run along the spine, and each one is associated with specific physical, emotional, and spiritual aspects of a person’s well-being. Here we have for you sacral Chakra Meaning and also sacral Chakra Affirmations, that help balance and align the root chakra. Sacral Chakra Meaning The sacral chakra is one of the seven main chakras in the human body according to traditional Hindu and yogic philosophies. The sacral chakra, whose Sanskrit name is Swadhisthana Chakra, is made from two Sanskrit words “Swa” which…
Author: Mahendra Kumar Vyas
Root Chakra Meaning & Root Chakra Affirmations As we know that “Chakras” are spinning vortexes of pranic energy, located at specific areas in the body, and which control the circulation of Prana permeating the entire body. Here we have for you Root Chakra Meaning and also Root Chakra Affirmations, that help balance and align the root chakra. Root Chakra Meaning The root chakra, also known as the first chakra or Muladhara in Sanskrit, is an essential aspect of the human body’s subtle energy system according to certain spiritual and yogic traditions. It is the foundation upon which the other six…
सत्यनारायण भगवान की व्रत कथा सत्यनारायण भगवान की व्रत कथा भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखती है और यह व्रत विशेष भक्ति भावना के साथ किया जाता है। यह व्रत पूर्णिमा तिथि को, या मासिक पूर्णिमा के दिन या अपनी इच्छानुसार किसी भी दिन किया जा सकता है। इस व्रत के प्रमुख उद्देश्य में से एक है सत्यनारायण भगवान की कथा सुनकर आत्मशुद्धि, धर्मपालन, समृद्धि, शांति, एवं परिवार की खुशियों के लिए ब्रह्माज्ञान प्राप्त करना। सत्यनारायण व्रत कथा कुलमणि ब्राह्मण कथा के रूप में भी जानी जाती है, जिसे धर्मिक ग्रंथों में प्रमुखतः पद्म पुराण में प्रस्तुत किया गया है।…
सर्वारिष्ट निवारण स्तोत्र श्री भृगुसंहिता ‘श्री भृगु ऋषि‘ द्वारा रचित सर्वारिष्ट निवारण स्तोत्र उनके द्वारा अपनी पुस्तक ‘भृगु सहिता’ में लिखा गया है। श्री भृगु ऋषि के द्वारा रचित यह स्तोत्र सभी निवारण स्तोत्रों में सर्वोत्तम है। भृगुसंहिता सर्वारिष्ट निवारण स्तोत्र के सिर्फ़ एक बार अनुष्ठान करने से, अर्थात ४० पाठ करने से, मनुष्य अपनी जन्मकुंडली में स्थित कोई भी ग्रह दोष या भूत प्रेत आदि दोषों का निवारण कर पाता है, शत्रुओ पर विजय प्राप्त करता है और साथ ही सभी कार्यों में सफलता प्राप्त करता है। भृगु ऋषि कौन थे ऋषि भृगु ने ही भृगु संहिता की रचना…
आपके लिए प्रस्तुत है काली माता की आरती लिखी हुई (Maa Kali Aarti Lyrics In Hindi)| पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, काली माता को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा तरीका उनकी प्रतिमा की पूजा और आरती करना है। रोजाना काली माता की आरती करने से बुराई का नाश होता है और स्वस्थ, समृद्ध और शांतिपूर्ण जीवन प्राप्त होता है। Maa Kali Aarti Lyrics – काली माता की आरती लिखी हुई अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली । तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ।। तेरे भक्त जनों पे माता, भीर पड़ी है…
आपके लिए प्रस्तुत है – aisa damru bajaya lyrics (ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने लिरिक्स) in Hindi & English में। Aisa damru bajaya bholenath शिव के भक्तो का प्रिय भजन है, जिसे सुनकर शिव प्रसन्न होते हैं। शिव-भक्त भक्ति में लीन हो जाते हैं और झूमने लगते हैं। ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने लिरिक्स (Aisa Damru Bajaya Bholenath Ne Hindi Lyrics) ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने, सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया, हो ऐसा डमरू बजाया भोलेनाथ ने, सारा कैलाश पर्वत मगन हो गया । डमरू को सुनकर कान्हा जी आए, कान्हा जी आए संग राधा भी आए, वहाँ सखियों…
आपके लिए इस पोस्ट में हम लाएं है हनुमान भजन – छम छम नाचे देखो वीर हनुमना लिरिक्स एमपी 3 डाउनलोड (Cham Cham Nache Dekho Veer Hanumana Lyrics With Mp3 Song Free Download) Cham Cham Nache Dekho Veer Hanumana Mp3 Download छम छम नाचे देखो वीर हनुमना भजन Mp3 छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना लिरिक्स (cham cham nache dekho veer hanumana lyrics) छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना, छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना, कहते हैं लोग इसे राम का दीवाना, छम छम नाचे देखो वीर हनुमाना । राम राम सियाराम, राम राम सियाराम । पाँव मे घूंघरु…
धनुरासन अभ्यासी के शरीर को धनुष की आकृति में लाता है। इस आसन को इंग्लिश में “Bow Pose” कहते हैं। आज हम आपके लिए धनुरासन के फायदे लेकर आए हैं। धनुरासन पूरे शरीर को स्थिर, मजबूत और लचीला बनाने में मदद करता है। यह बढ़ती उम्र के साथ होने वाले शरीर के दर्दों को कम करने, पेट की चर्बी को कम करने और पीठ दर्द में भी सहायक होता है। धनुरासन करने की विधि सबसे पहले आप अपने पेट के बल लेट जाए। अपने पैरों को घुटनों से मोड़े और अपने हाथ से टखनों को पकड़े। सांस लेते हुए आप अपने…
गोमुखासन की विधि और गोमुखासन के फायदे (लाभ) गोमुखासन को काऊ फेस पोज़ भी कहा जाता है। आइये आज हम जाने गोमुखासन के फायदे (लाभ), गोमुखासन कैसे करें और क्या सावधानियां हमें बरतनी हैं। गोमुखासन (काउ फेस पोज) हमारे पूरे शरीर, कंधों, बाहों, टखनों, हिप्स, थाइज और पीठ को फैलाता है। । इस आसान में मुड़े हुए पैरों की आकृति गाय के मुख के सामान होती है, इसीलिए इसे गोमुखासन कहा जाता है । निम्नलिखित हैं गोमुखासन को करने का तरीका, इसके फायदे और सावधानियां – गोमुखासन कैसे करें एक साफ़ सुथरे स्थान पर योग मेट बिछा कर आरामदायक अवस्था…
“अधरम मधुरं” भगवान श्रीकृष्ण के गुणों की महिमा को बयां करने वाले एक भक्तिपूर्ण भजन है। यहाँ आपके लिए प्रस्तुत है अधरम मधुरम लिरिक्स (adharam madhuram lyrics) हिंदी में और english में। अधरम मधुरम वदनम मधुरम भजन हिंदू धर्म के अनुयायियों में बहुत पसंद किया जाता है और इसे भक्तों के बीच आम तौर पर भजन समारोहों और साधु-संतों के सत्संग में सुना जाता है। अधरम मधुरम वदनम मधुरम lyrics अधरम मधुरम वदनम मधुरम, नयनं मधुरं हसितं मधुरं, हृदयं मधुरं गमनं मधुरं, मधुराधिपतेरखिलं मधुरं । वचनं मधुरं चरितं मधुरं, वसनं मधुरं वलितं मधुरं, चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं, मधुराधिपतेरखिलं मधुरं ।…