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गायत्री मंत्र हिंदी में अर्थ और लाभ सहित
हिन्दू धर्म में गायत्री मंत्र को सबसे बड़े मंत्रो में गिना जाता है| इस महामंत्र का वर्णन ऋग्वेद में मिलता है | गायत्री मंत्र एकमात्र ऐसा मंत्र है जिसमें मनुष्य मात्र स्वयं के कल्याण की कामना नहीं करके संपूर्ण विश्व के कल्याण की कामना करता है | मनुष्य इस मंत्र के द्वारा उस परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करता है कि वह उसे अँधेरे से दूर कर प्रकाश की ओर ले जाये | गायत्री मंत्र के नियमित जाप से मनुष्य ईश्वर को प्राप्त करता है | गायत्री महा मंत्र सूर्य देव की आराधना है | महान ऋषि विश्वामित्र ने वर्षो की कठिन तपस्या के बाद मानव कल्याण हेतु गायत्री मंत्र को प्राप्त किया था | गायत्री मंत्र हिंदी में अर्थ और लाभ सहित यहाँ बतलाया गया है|
गायत्री मंत्र हिंदी अर्थ सहित – Gayatri Mantra Lyrics With Meaning In Hindi
ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
अर्थ – हम उस प्राणस्वरूप , सभी दुखों को हरने वाले , सुख प्रदान करने वाले , सबसे श्रेष्ठ , तेजस्वी परमपिता परमेश्वर को अपने अंतःकरण से स्वीकार करते है | हम उस परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करते है कि वे हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करे |
गायत्री मंत्र प्रत्येक शब्द सहित अर्थ
ॐ = सबकी रक्षा करने वाला हर कण कण में मौजूद – परब्रह्म का अभिवाच्य शब्द
भू = सम्पूर्ण जगत के जीवन का आधार और प्राणों से भी प्रिय – प्राण प्रदान करने वाला
भुवः = सभी दुःखों का नाश करने वाला
स्वः = वो स्वयं:, जो सम्पूर्ण जगत का धारण करते हैं (सुख प्रदान करने वाला)
तत् = वह – उसी परमात्मा के रूप को
सवितुर = सूर्य की भांति उज्जवल
र्वरेण्यं = जो स्वीकार करने योग्य अति श्रेष्ठ है
भर्गो = शुद्ध स्वरूप और पवित्र करने वाला चेतन स्वरूप (उद्धार करने वाला)
देवस्य = भगवान स्वरूप
धीमहि = ध्यान योग्य
धियो = बुद्धि को
यो = जो देव परमात्मा
नः = हमारी
प्रचोदयात् = प्रेरित करें, हमें शक्ति प्रदान करें
गायत्री मंत्र जप की विधि
शास्त्रों में गायत्री मंत्र का जाप एक दिन में 3 बार करने का विधान है | इस जाप के लिए सुबह सूर्योदय से ठीक पहले, दोपहर का समय और सूर्यास्त का समय सबसे उपयुक्त समय बतलाया गया है | यदि आप दिन में तीन बार गायत्री मंत्र जप के लिए समय नहीं निकाल पाते है तो सिर्फ सुबह के समय इसका नियमित रूप से जाप कर सकते है | सुबह -सुबह नहाने के पश्चात् आसन बिछाकर, पूर्व दिशा की और मुख करके, एक माला, या अपने सामर्थ्य अनुसार जितनी भी माला का जाप कर सकते है, अवश्य करें | इस प्रकार नियमित रूप से गायत्री मंत्र जप करने से शीघ्र ही परिणाम सामने आने लगते है | किसी भी प्रकार की कठिनाई के समय गायत्री मन्त्र का जाप सकारात्मक पारिणाम अवश्य देता है |
गायत्री मंत्र के फायदे
- गायत्री मंत्र के उच्चारण द्वारा उत्पन्न कंपन से दिमाग शांत होता है।
- गायत्री मंत्र का जप एकाग्रता बढ़ाने के लिए सर्वश्रेष्ठ उपाय है।
- गायत्री मंत्र का नियमित जप करने से जीवन में सकारात्मक उर्जा का संचार होता है|
- इसके नियमित जप द्वारा मन अवसाद से बचा रहता है।
- इसके जप द्वारा उत्पन्न कंपन से हमारी तंत्रिकाओं को ताकत मिलती है जिससे हमारी तंत्रिकाएं स्वास्थ रहती हैं।
- विद्यार्थियों का पढऩे में मन नहीं लगना, याद किया हुआ भूल जाना, शीघ्रता से याद न होना, घबराहट होना, निराश होना, आदि समस्याओं से निजात मिल जाती है।
- गायत्री मंत्र के नियमित जप से आप अपने को तनाव से मुक्त रख सकते हैं।
- इसका जप चेहरे पर, त्वचा पर, नेत्रों में, हाव भाव में तेज़ लाता है |
- इसके नियमित जप द्वारा क्रोध शांत रहता है |
- कैसा भी रोग क्यों न हो गायत्री मंत्र के नियमित जप से रोगी को स्वास्थ्य लाभ अवश्य होता है|
- मंत्र के जप करने से उनमें बुद्धि का विकास होता है|
गायत्री महामंत्र की महिमा का गुणगान शब्दों में करना कठिन है | गायत्री मन्त्र, इस समस्त ब्रह्माण्ड और समस्त व्याप्त जीवित जगत के कल्याण का सबसे बड़ा स्रोत है| ये एक ऐसा मन्त्र है जिसकी उपासना स्वयं देवता भी करते हैं जिसके गुणों का वर्णन करना वेदों और शास्त्रों में भी संभव नहीं है। इसलिए आज से ही गायत्री मंत्र का जप अपनी नियमित पूजा -पाठ में शामिल करें और अपने जीवन का उद्धार करें |
Goddess Gayatri – Gayatri Mantra in Sanskrit – Gayatri Mantra Meditation