ओम जय शिव ओंकारा भगवान शिव की सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली आरतियों में से एक है। इसे भक्तजन सुबह-शाम, विशेषकर सोमवार, महाशिवरात्रि और श्रावण मास में गाते हैं। इस आरती का गायन करने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है, पापों का नाश होता है और जीवन में शांति, शक्ति व समृद्धि आती है।
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शंकर भगवान की आरती ओम जय शिव ओंकारा हिंदी में
ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धगी धारा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
एकानन चतुरानन पंचानन राजै।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
दो भुज चारू चतुर्भुज दसभुज अति सोहे।
तीनो रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
श्वेताम्बर पीताम्बर बाघंबर अंगे।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।
प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी।
नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी ॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरती जो कोइ नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥
ओम जय शिव ओंकारा आरती का अर्थ
इस आरती में भगवान शिव को त्रिमूर्ति (ब्रह्मा, विष्णु, महेश) के रूप में पूजा जाता है। वे सृष्टि के उत्पत्ति, पालन और संहारकर्ता हैं। आरती में शिव को त्रिपुरारी (त्रिपुरासुर का वध करने वाले) और कंसारी (कंस का नाश करने वाले) के रूप में वर्णित किया गया है। काशी विश्वनाथ के रूप में उनकी महिमा का गान किया गया है। इसका पाठ करने से भक्त को शांति, बल, साहस और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ओम जय शिव ओंकारा आरती का महत्व
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भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
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दुख और पापों का नाश होता है।
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घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
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नकारात्मकता दूर होकर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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शिवरात्रि, सोमवार और श्रावण मास में विशेष महत्व रखती है।
जय शिव ओंकारा आरती FAQs
Q1: ओम जय शिव ओंकारा आरती कब करनी चाहिए?
A1: इसे सुबह-शाम पूजा के समय, शिवरात्रि और श्रावण मास में अवश्य करना चाहिए।
Q2: क्या बिना संस्कृत जाने यह आरती गा सकते हैं?
A2: हाँ, इसे हिंदी में भी श्रद्धा और भक्ति से गाया जा सकता है।
Q3: इस आरती के क्या लाभ हैं?
A3: यह आरती पापों का नाश करती है, मन को शांति देती है और जीवन में सुख-समृद्धि लाती है।
Q4: क्या यह आरती केवल मंदिर में ही की जाती है?
A4: नहीं, इसे घर और मंदिर दोनों जगह गाया जा सकता है।
Q5: शिव भक्तों के लिए यह आरती क्यों विशेष है?
A5: क्योंकि यह आरती भगवान शिव के सभी रूपों और शक्तियों का गुणगान करती है।
जय शिव ओंकारा आरती भगवान शिव की महिमा का अद्भुत गान है। इसका नियमित पाठ करने से भक्त को सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। महादेव की भक्ति में लीन होकर इस आरती का गायन करना, उनके दिव्य आशीर्वाद को प्राप्त करने का सर्वोत्तम मार्ग है।
जय शिव ओंकारा आरती हिंदी में pdf –
जय शिव ओंकारा आरती हिंदी में pdf
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