स्वस्ति वाचन मंत्र (Swasti Vachan Mantra) वैदिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण मंत्र है। किसी भी पूजा, गृह प्रवेश, विवाह या हवन की शुरुआत में इसका पाठ किया जाता है। यह मंत्र शांति, समृद्धि और मंगल की कामना से जुड़ा है। संस्कृत शास्त्रों में इसे अत्यंत फलदायक माना गया है और कहा गया है कि स्वस्ति वाचन का जाप करने से वातावरण पवित्र हो जाता है तथा क्रोध और वैमनस्य समाप्त हो जाते हैं।
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स्वस्ति वाचन मंत्र (Swasti Vachan Mantra)
ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः।
स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः।
स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः।
स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥
स्वस्ति वाचन मंत्र हिन्दी में भावार्थ
हे महान् कीर्ति वाले, ऐश्वर्यशाली देवराज इन्द्र हमारा कल्याण करें, जिसको संसार का विज्ञान और जिसका सब पदार्थों में स्मरण है, सबके पोषणकर्ता वे पूषा (सूर्य अथवा वैदिक देवता) हमारा कल्याण करें। जिनकी चक्रधारा के समान गति को कोई रोक नहीं सकता, वे गरुड़देव हमारा कल्याण करें। वेदवाणी के स्वामी बृहस्पति हमारा कल्याण करें।
स्वस्ति वाचन के नियम
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स्वस्ति वाचन किसी भी पूजा के प्रारंभ में करना चाहिए।
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इसके बाद दसों दिशाओं में जल के छींटे डालना शुभ माना जाता है।
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गृह प्रवेश, विवाह और विशेष पूजन में इसका विशेष महत्व है।
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यह सभी प्रकार के पूजन दोषों का निवारण करता है।
स्वस्ति वाचन मंत्र का महत्व
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यह मंत्र शांति और कल्याण की कामना करता है।
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इसके जाप से घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।
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पूजा या हवन की शुरुआत में इसे पढ़ने से सभी दोष समाप्त हो जाते हैं।
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यह मंत्र वातावरण को पवित्र और सकारात्मक बनाता है।
Benefits of Swasti Vachan Mantra
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Removes negativity and brings peace.
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Invokes blessings of Indra, Surya (Pusha), Garuda, and Brihaspati.
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Enhances spiritual energy during rituals.
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Creates harmony and unity among participants.
FAQs – स्वस्ति वाचन मंत्र
Q1. स्वस्ति वाचन मंत्र कब पढ़ना चाहिए?
👉 इसे किसी भी पूजा, गृह प्रवेश, विवाह या हवन के प्रारंभ में पढ़ा जाता है।
Q2. क्या स्वस्ति वाचन रोज़ किया जा सकता है?
👉 हाँ, इसे दैनिक जीवन में भी शांति और मंगल के लिए पढ़ सकते हैं।
Q3. स्वस्ति वाचन करने से क्या लाभ मिलता है?
👉 इससे घर में शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है।
जिस प्रकार स्वास्तिक सभी प्रकार के वास्तु दोष समाप्त कर देता है, वैसे ही स्वस्ति वाचन से सभी प्रकार के पूजन दोष समाप्त हो जाते हैं।
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