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त्वमेव माता च पिता त्वमेव Full Shlok Lyrics & Meaning
त्वमेव माता च पिता त्वमेव श्लोक में ईश्वर और अन्य रिश्तों के महत्त्व को बतलाया गया है। इसका तात्पर्य है कि सभी रिश्ते – माता, पिता, भाई, मित्र, धन, विद्या आदि सब कुछ ईश्वर में ही विद्यमान हैं। इससे यह भावना भी जागृत होती है कि परमेश्वर ही सबसे श्रेष्ठ और सर्वशक्तिमान है। इस श्लोक में समर्पण और भक्ति की भावना स्पष्ट है, और हम यह भी समझते हैं कि परमेश्वर हमारे सभी रिश्तों, संबंधों, समृद्धि, और ज्ञान का कारण है।
त्वमेव माता च पिता त्वमेव इन संस्कृत
त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव, त्वमेव सर्वं मम देव देव !!
Twameva Mata Cha Pita Twameva Lyrics Shlok lyrics In English
twameva mata cha pita twameva |
tvameva bandhushcha sakha tvameva |
tvameva vidya dravinam tvameva |
tvameva sarvam mama deva deva ||
त्वमेव माता च पिता त्वमेव श्लोक का अर्थ In Hindi
तुम ही माता हो, तुम ही पिता हो, तुम ही बन्धु हो, तुम ही सखा हो, तुम ही विद्या हो, तुम ही धन हो। हे देवताओं के देव! तुम ही मेरा सब कुछ हो।
त्वमेव माता च पिता Shlok Meaning In English
You are my mother and you are my father.
You are my family and you are my friend.
You are my wisdom and you are my wealth.
You are truly my all, my true God.
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