What is Kumbhaka Pranayama – Its Steps & Benefits The term Kumbhaka comes from the Sanskrit word Kumbha, meaning “pot” or “vessel”; whereas Pranayama in Sanskrit is made from – “prana”, which refers to life force energy; and “ayama”, which means “control.” Kumbhaka pranayama is a breathing exercise in which the breath is retained or held after either inhalation or exhalation. Kumbhaka Types Kumbhaka is of three types Bahir(Bahya) Kumbhaka Bahir Kumbhaka is the retention of breath at the end of expiration. Antar Kumbhaka Antar Kumbhaka is the retention of the breath after the inspiration of air. Kevala Kumbhaka Kevala…
Author: Mahendra Kumar Vyas
कार्य सिद्धि हनुमान मंत्र का अर्थ, पूजा विधि और लाभ वाल्मीकि रामायण के सुंदर कांड में है हनुमान जी का एक मंत्र जिसे कार्य सिद्धि हनुमान मंत्र के नाम से जाना जाता है। कार्य सिद्धि हनुमान मंत्र एक शक्तिशाली हनुमान मंत्र है जिसका जाप सफलता प्राप्त करने और जीवन में बाधाओं को दूर करने के लिए किया जाता है। माना जाता है कि मंत्र साधक की इच्छाओं को पूरा करने और उसके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने की शक्ति रखता है। कार्य सिद्धि हनुमान मंत्र को हनुमान मूल मंत्र के रूप में भी जाना जाता है, और यह कई शक्तिशाली…
Surya Namaskar Benefits For Men, Ladies & Children Surya Namaskar is a complete workout for a Yoga practitioner – a comprehensive set of asanas, that give you total health. Total health means – physical, mental, emotional, and spiritual health. One can say that it is that amazing tool in Yoga that empowers human beings to break free from the compulsive cycles and patterns of their lives. Here in the post, we learn about the amazing benefits that you get from its practice. Surya Namaskara is known as the complete practice or total yoga workout. Its benefits include the revitalization of…
Maa Kamakhya Kavach – माँकामाख्या कवचम् माँ कामाख्या सर्वसिद्धिदायक विद्या हैं। सर्वश्रेष्ठ तांत्रिक विद्याओं में माँ भगवती कामाख्या विद्यमान हैं। इनकी तांत्रिक उपासना द्वारा मनुष्य सर्वबाधाओं से मुक्त होकर धनैश्वर्य को प्राप्त करता है। कामाख्या कवच माँ कामाख्या का रक्षास्त्र है। इस महाकवच का नित्य पाठ एवं भोजपत्र पर निर्माण कर कण्ठ या भुजा में धारण करने से मनुष्य सर्वप्रकार की तांत्रिक शक्तियों एवं शत्रुओं से सुरक्षित रहता है, तथा माँ कामाख्या की कृपासिद्धि भी प्राप्त करता है। कवच की 108 आवृत्तियां करना लघु सिद्धिकरण है। 1008 बार पाठ करने से मध्यम तथा कवच की 11000 आवृत्तियां करने से महासिद्धि…
अच्युतं केशवं कृष्ण दामोदरं भजन Lyrics (Achyutam Keshavam Krishna Damodarm Bhajan) इस पोस्ट मे भगवान कृष्ण जी पर प्रसिध्द भजन अच्युतं केशवं कृष्ण दामोदरं (Achyutam Keshavam krishn Damodaram) भजन के लिरिक्स दिए गएँ हैं। भगवान कृष्ण को कई नामों से भक्तगण याद करते हैं, जैसे कि केशव, बंसीधर, मुरलीधर, कृष्णा, जानकीनंदन, आदि। अच्युतं केशवं कृष्ण दामोदरं लिरिक्स हिंदी में अच्युतं केशवं कृष्ण दामोदरं, राम नारायणं जानकी वल्लभं कौन कहते हैं भगवान आते नहीं तुम मीरा के जैसे बुलाते नहीं अच्युतं केशवं कृष्ण दामोदरं राम नारायणं जानकी वल्लभं कौन कहते हैं भगवान खाते नहीं बेर शबरी के जैसे खिलाते नहीं अच्युतं…
कुण्डलिनी चक्र जागरण विधि, नाड़ी योग और कुण्डलिनी कुंडलिनी शब्द संस्कृत के कुंडल शब्द से बना है, जिसका अर्थ होता है घुमावदार। मान्यता है कि कुंडलिनी शक्ति प्रत्येक व्यक्ति के मूलाधार चक्र में सर्प के समान कुंडली मारकर सोयी रहती है, जिसे योग की साधनाओं के द्वारा जगाया जा सकता है। एक आदमी की ऊर्जा हमेशा नीचे की तरफ़ बहती है। परिणामस्वरूप वह भौतिक दुनिया में तथा व्यसनों में व्यस्त रहता है। कुण्डलिनी जागरण के साथ उसकी उच्च चेतना का स्तर बढ़ जाता है, जो ऊर्जा अधोगामी होती है वो उर्ध्वगामी हो जाती है, शक्तियां नीचे से ऊपर की और…
इस पोस्ट में हम कुण्डलिनी जागरण के फायदे, चमत्कार और नुकसान (Kundalini Awakening Benefits and Risks in Hindi) के बारे में जानेंगे। कुंडलिनी जागृत करते समय किसी योग्य गुरु का साथ अथवा मार्गदर्शन होना बहुत जरूरी होता है अन्यथा कुंडलिनी जागरण के नुकसान भी हो सकते हैं। नहीं तो इससे हमें लाभ की जगह हानि भी हो सकती है। जिसके अंदर साहस, धैर्य, दानशीलता, ठहराव, प्रेम, उपकार जैसी चीजें है, वहीं व्यक्ति कुण्डलिनी जागरण का सच्चा अधिकारी है। कुण्डलिनी जागरण के फायदे (Kundalini Awakening Benefits in Hindi) कुंडलिनी जागरण मनुष्य की चेतना को उच्च स्तर पर लेकर जाता है। चेतना…
Early Morning Mantra in Sanskrit With Meaning In Hindi पुरातन धार्मिक एवं वैदिक शास्त्रों में हर दिन की शुरुआत शुभ मंत्रों के स्मरण से होती है। कहा जाता है कि किसी भी मंत्र का ध्यानपूर्वक जाप करने से शरीर की आंतरिक शक्तियां जागृत होती हैं। ये शक्तियां सकारात्मक ऊर्जा लेकर आती हैं, जिससे पूरा दिन व्यक्ति ऊर्जा से भरा रहता है और बिगड़े काम धीरे-धीरे बनने लगते हैं। सुबह की सफल शुरुआत करने के लिए निचे लिखे गए मंत्र आपको पूरा दिन ऊर्जावान और सफल बनाये रखेंगे। इनके जाप से आपको सुख, वैभव, धन और समृद्धि.प्राप्त होगी। सुबह उठकर ईश्वर…
गंगा दशहरा पर्व तिथि व शुभ मुहूर्त 2023 गंगा दशहरा पर्व एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो पवित्र नदी गंगा के पृथ्वी पर अवतरण के शुभ अवसर का दिन मनाया जाता है। गंगा नदी हिंदू पौराणिक कथाओं में एक विशेष स्थान रखती है और इसे एक दिव्य नदी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति भगवान शिव की जटाओं से हुई है, जिससे यह अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व की एक पवित्र नदी बन गई है। 2023 में गंगा दशहरा कब है? यह ज्येष्ठ के हिंदू महीने के उज्ज्वल आधे (शुक्ल पक्ष) के दसवें दिन (दशमी) को मनाया जाता…
शलभासन योग विधि, लाभ और सावधानियां आज हम आपके लिए शलभासन के फायदे लेकर आए हैं। शलभासन या पूर्ण शलभासन का अभ्यास पेट के बल लेटकर किया जाता है। इसके नियमित अभ्यास से आप कई बीमारियों से बच सकते हैं। यह पीठ दर्द से राहत दिलाने के साथ पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करता है।शलभासन, जिसे टिड्डी मुद्रा के रूप में जाना जाता है, एक बैकबेंड आसन है। इस आसन का संस्कृत नाम शलभासन दो शब्दों से मिलकर बना है – शलभ और आसन, जहां ‘शलभ’ का अर्थ ‘टिड्डा’ और ‘आसन’ का अर्थ ‘मुद्रा’ है। इसे टिड्डी आसन…