इस पोस्ट में हम कुण्डलिनी जागरण के फायदे, चमत्कार और नुकसान (Kundalini Awakening Benefits and Risks in Hindi) के बारे में जानेंगे। कुंडलिनी जागृत करते समय किसी योग्य गुरु का साथ अथवा मार्गदर्शन होना बहुत जरूरी होता है अन्यथा कुंडलिनी जागरण के नुकसान भी हो सकते हैं। नहीं तो इससे हमें लाभ की जगह हानि भी हो सकती है। जिसके अंदर साहस, धैर्य, दानशीलता, ठहराव, प्रेम, उपकार जैसी चीजें है, वहीं व्यक्ति कुण्डलिनी जागरण का सच्चा अधिकारी है। कुण्डलिनी जागरण के फायदे (Kundalini Awakening Benefits in Hindi) कुंडलिनी जागरण मनुष्य की चेतना को उच्च स्तर पर लेकर जाता है। चेतना…
Author: Mahendra Kumar Vyas
Early Morning Mantra in Sanskrit With Meaning In Hindi पुरातन धार्मिक एवं वैदिक शास्त्रों में हर दिन की शुरुआत शुभ मंत्रों के स्मरण से होती है। कहा जाता है कि किसी भी मंत्र का ध्यानपूर्वक जाप करने से शरीर की आंतरिक शक्तियां जागृत होती हैं। ये शक्तियां सकारात्मक ऊर्जा लेकर आती हैं, जिससे पूरा दिन व्यक्ति ऊर्जा से भरा रहता है और बिगड़े काम धीरे-धीरे बनने लगते हैं। सुबह की सफल शुरुआत करने के लिए निचे लिखे गए मंत्र आपको पूरा दिन ऊर्जावान और सफल बनाये रखेंगे। इनके जाप से आपको सुख, वैभव, धन और समृद्धि.प्राप्त होगी। सुबह उठकर ईश्वर…
गंगा दशहरा पर्व तिथि व शुभ मुहूर्त 2023 गंगा दशहरा पर्व एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो पवित्र नदी गंगा के पृथ्वी पर अवतरण के शुभ अवसर का दिन मनाया जाता है। गंगा नदी हिंदू पौराणिक कथाओं में एक विशेष स्थान रखती है और इसे एक दिव्य नदी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसकी उत्पत्ति भगवान शिव की जटाओं से हुई है, जिससे यह अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व की एक पवित्र नदी बन गई है। 2023 में गंगा दशहरा कब है? यह ज्येष्ठ के हिंदू महीने के उज्ज्वल आधे (शुक्ल पक्ष) के दसवें दिन (दशमी) को मनाया जाता…
शलभासन योग विधि, लाभ और सावधानियां आज हम आपके लिए शलभासन के फायदे लेकर आए हैं। शलभासन या पूर्ण शलभासन का अभ्यास पेट के बल लेटकर किया जाता है। इसके नियमित अभ्यास से आप कई बीमारियों से बच सकते हैं। यह पीठ दर्द से राहत दिलाने के साथ पाचन तंत्र को मजबूत करने में मदद करता है।शलभासन, जिसे टिड्डी मुद्रा के रूप में जाना जाता है, एक बैकबेंड आसन है। इस आसन का संस्कृत नाम शलभासन दो शब्दों से मिलकर बना है – शलभ और आसन, जहां ‘शलभ’ का अर्थ ‘टिड्डा’ और ‘आसन’ का अर्थ ‘मुद्रा’ है। इसे टिड्डी आसन…
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा lyrics “वक्रतुंड महाकाय मंत्र” भगवान गणेश का मंत्र / श्लोक है। एक भक्त इस मंत्र का जाप किसी भी कार्य प्रारम्भ करने के पहले इसलिए करता है ताकि वह हर उस कार्य में सफलता प्राप्त कर सके। इस मंत्र का जाप वैसे भी सामान्य तौर पर जीवन में सफलता प्राप्त करने हेतु भी किया जाता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में, भगवान गणेश सभी देवताओं में सबसे पहले पूजे जाते हैं। वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा मंत्र के लिरिक्स और अर्थ इस पोस्ट में नीचे बताए…
Jai Jai Jai Hanuman Gosai Bhajan Lyrics (जय जय जय हनुमान गोसाई भजन लिरिक्स) जय जय जय हनुमान गोसाई हिंदी लिरिक्स बेगी हरो हनुमान महाप्रभु जो कछु संकट होय हमारो कौन सो संकट मोर गरीब को जो तुम से नहीं जात है टारो । जय जय जय हनुमान गोसाई कृपा करो महाराज । जय जय जय हनुमान गोसाई कृपा करो महाराज । तन में तुम्हरे शक्ति विराजे मन भक्ति से भीना जो जन तुम्हरी शरण में आये जो जन तुम्हरी शरण में आये दुख दरद हर लीना हनुमत दुख दरद हर लीना महावीर प्रभु हम दुखियन के तुम हो गरीब…
Govind Damodar Stotram In Sanskrit With Meaning in Hindi (गोविन्द दामोदर स्तोत्र का हिंदी में अर्थ) करारविन्देन पदारविन्दं मुखारविन्दे विनिवेशयन्तम्। वटस्य पत्रस्य पुटे शयानं बालं मुकुन्दं मनसा स्मरामि।। हिंदी अर्थ : जिन्होंने अपने करकमल से चरणकमल को पकड़ कर उसके अंगूठे को अपने मुखकमल में डाल रखा है और जो वटवृक्ष के एक पर्णपुट (पत्ते के दोने) पर शयन कर रहे हैं, ऐसे बाल मुकुन्द का मैं मन से स्मरण करता हूँ। श्रीकृष्ण गोविन्द हरे मुरारे हे नाथ नारायण वासुदेव। जिह्वे पिवस्वामृतमेतदेव गोविन्द दामोदर माधवेति।। हिंदी अर्थ : हे जिह्वे ! तू ‘श्रीकृष्ण ! गोविन्द ! हरे ! मुरारि !…
श्री राधा जी के 32 नाम (Shri Radha Ji Ke 32 Naam) श्री राधा जी के 32 नामों का स्मरण करने से जीवन में सुख, प्रेम और शांति का वरदान मिलता है। तो आइए, जानते हैं श्री राधा नाम के 32 नाम मृदुल भाषिणी राधा ! सौंदर्य राषिणी राधा ! परम् पुनीता राधा ! नित्य नवनीता राधा ! रास विलासिनी राधा ! दिव्य सुवासिनी राधा ! नवल किशोरी राधा ! अति ही भोरी राधा ! कंचनवर्णी राधा ! नित्य सुखकरणी राधा ! सुभग भामिनी राधा ! जगत स्वामिनी राधा ! कृष्ण आनन्दिनी राधा ! आनंद कन्दिनी राधा ! प्रेम मूर्ति…
निर्जला एकादशी का व्रत, कथा व महत्व ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस एकादशी को भीमा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत का बहुत अधिक धार्मिक महत्व है। एकादशी का व्रत मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के नज़रिए से भी बहुत महत्त्वपूर्ण है। एकादशी का व्रत भगवान विष्णु की पूजा को समर्पित होता है एकादशी का व्रत करके श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार दान पुण्य करने का विधान है। निर्जला एकादशी व्रत को विधिपूर्वक जल कलश और ऋतू फल का दान करने वालों…
श्री राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे (Shri Ram Raameti Raameti, Rame Raame Manorame) इस मंत्र को श्री राम तारक मंत्र भी कहा जाता है। और इसका जाप, सम्पूर्ण विष्णु सहस्त्रनाम या विष्णु के 1000 नामों के जाप के समतुल्य है। यह मंत्र श्री राम रक्षा स्तोत्रम् के नाम से भी जाना जाता है। राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे । सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने ॥ राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे अर्थ हिंदी पार्वती जी से भगवान शिव कहते हैं – श्रीराम नाम के मुख में विराजमान होने से राम, राम, राम इसी द्वादशाक्षर नाम का जाग्रत, स्वप्न, सुषुप्ति…