Author: Mahendra Kumar Vyas

Mahendra Vyas, born to Late Shri G. L. Vyas and Shrimati Sharda Vyas, did Civil Engineering from M.B.M.Engineering College, Jodhpur. Worked with Mars Group and Aditya Birla Group, became a part of Yoga Niketan, Mumbai in 2002, and since then practicing Yoga.

A Guide To Different Types Of Meditation And Their Benefits I have for you A Guide To Different Types Of Meditation And Their Benefits. First, let us know what is meditation? Meditation is that technique in Yoga, through which we are able to view our problems in proper perspective. Through this technique, we are able to realize that our disappointments, our unhappiness, and other problems are internal, self-made. Through meditation, we learn to discover our inner self, to achieve inner harmony. There are many reasons why people meditate. Some do it for spiritual gains, some simply want to relax, while others are…

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विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र पाठ  भगवान विष्णु के 1000 नामों की वह श्रृंखला है जिसे जपने मात्र से मानव के समस्त दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते समय आपके हृदय में भगवान श्री विष्णु के प्रति पूर्ण श्रद्धा और समर्पण का भाव होना अति चाहिए। भगवान विष्णु के सहस्त्र नामों का पाठ करने से मनुष्य के पातको का नाश हो जाता है। विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र पाठ hindi pdf ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: ॐ विश्वं विष्णु: वषट्कारो भूत-भव्य-भवत-प्रभुः । भूत-कृत भूत-भृत भावो भूतात्मा भूतभावनः ।। 1 ।।…

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श्री विष्णु चालीसा का पाठ हिंदी में और विष्णु चालीसा पढ़ने के फायदे हिंदू धर्म में गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। पूजा आराधना के अलावा गुरुवार के दिन आप विष्णु चालीसा का भी पाठ कर सकते हैं। हिंदू धर्म में मान्यता है कि विष्णु चालीसा का पाठ करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है, और जो लोग अपने नियमित रूप से विष्णु चालीसा का पाठ करते हैं, उनके घर में हमेशा खुशियां बनी रहती हैं। इस ब्लॉग में आप विष्णु चालीसा का पाठ हिंदी में पढ़ सकते हैं और साथ ही साथ विष्णु चालीसा पढ़ने के…

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कंधरासन योग – फायदे और सावधानियां बैकवर्ड बेंड योग मुद्राओं में से एक, कंधरासन को कंधे मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है। संस्कृत में, ‘कंध’ शब्द का अर्थ कंधे होता है, और ‘आसन’ का अर्थ मुद्रा या आसन होता है, और इसीलिए इसका नाम कंधरासन है। इस आसन की अंतिम मुद्रा में शरीर का भार कंधों, बांहों, गर्दन, पैरों और यहां तक ​​कि सिर पर भी टिका होता है। कंधरासन महिलाओं के लिए एक उत्कृष्ट आसन है। यह महिलाओं के प्रजनन अंगों को परिपुष्ट बनाता है, उन्हें मासिक धर्म की समस्याओं से राहत देता है, और उन महिलाओं…

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रामरक्षा स्तोत्र से लिए गए हनुमानजी के प्रति शरणागत होने के इस श्लोक का जप करने से हनुमान जी तुरंत ही साधक पर प्रसन्न होते हैं और उसकी याचना सुन लेते हैं और वे उसको अपनी शरण में ले लेते हैं। हनुमान मंत्र मनोजवं मारुततुल्यवेगं मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं। वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये॥ अर्थ – जिनका मन के समान गति और वायु के समान वेग है, जो परम जितेन्द्रिय और बुद्धिमानों में श्रेष्ठ हैं, उन पवनपुत्र वानरों में प्रमुख श्रीरामदूत की मैं शरण लेता हूं। कलियुग में हनुमानजी की भक्ति से बढ़कर किसी अन्य की भक्ति में शक्ति…

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गुरु ने मंगाई चेला वही चीज लाना रे लिरिक्स चेला वही चीज लाना रे गुरु ने मंगाई। पहली भिक्षा आटा लाना, गांव नगर के पास ने जाना, एजी चलती चक्की चख के आना, जोली तो भर के लाना मेरे चेला रे, गुरु ने मंगाई। चेला वही चीज लाना रे.. अरे दूजी भिक्षा जल की लाना, कुआ बावड़ी के पास ने जाना, ऐ खारा मीठा देख के लाना, ऐ तुम्बी तो भर कर लाना मेरे चेला रे, गुरु ने मंगाई। चेला वही चीज लाना रे.. तीजी भिक्षा मांस की लाना, जीव जंतु को नहीं सताना, ऐ जिन्दा मुर्दा देख के लाना,…

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ब्रह्म संहिता इन हिंदी ब्रह्म संहिता एक संस्कृत पंचरात्र पाठ है, जो सृष्टि की शुरुआत में भगवान कृष्ण की महिमा करते हुए ब्रह्मा द्वारा बोली जाने वाली प्रार्थना के छंदों से बना है । वैदिक परम्परा के अनुसार, ब्रह्म-संहिता के ये श्लोक श्री ब्रह्मा ने सृष्टिरचना प्रारम्भ करने से पहले गाये थे। ब्रह्म संहिता श्लोक संस्कृत ईश्वरः परमः कृष्णः सच्चिदानंदविग्रहः । अनादिरादिर्गोविंदः सर्वकारणकारणम् ॥ 1 ॥ सहस्रपत्रकमलं गोकुलाख्यं महत्पदम् । तत्कर्णिकारं तद्धाम तदनंताशसंभवम् ॥ 2 ॥ कर्णिकारं महद्यंत्रं षट्कोणं वज्रकीलकम् षडंग षट्पदीस्थानं प्रकृत्या पुरुषेण च । प्रेमानंदमहानंदरसेनावस्थितं हि यत् ज्योतीरूपेण मनुना कामबीजेन संगतम् ॥ 3 ॥ तत्किंजल्कं तदंशानां तत्पत्राणि श्रियामपि…

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आपके लिए प्रस्तुत है बनोगे राधा तो यह जानोगे कि कैसा प्यार है मेरा भजन के लिरिक्स | आप इस भजन को सुन भी सकते है | नीचे Youtube विडियो का लिंक दिया गया है | बनोगे राधा तो यह जानोगे लिरिक्स  (Banoge Radha To Ye Janoge Ki Kaisa Pyar Hai Mera Lyrics in Hindi) ओ साँवरे ओ साँवरे, ओ साँवरे ओ साँवरे, बनोगे राधा तो यह जानोगे, कि कैसा प्यार है मेरा । बनोगे राधा तो यह जानोगे, कि कैसा प्यार है मेरा । बनोगे राधा तो यह जानोगे, कि कैसा प्यार है मेरा । ओ साँवरे ओ साँवरे,…

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Chosath Jogani Re Bhajan Lyrics in Hindi and English आज हम आपके लिए मातारानी का राजस्थानी भजन लेकर आये है | भजन के लिरिक्स हिंदी और अंग्रेजी में नीचे दिए गये है आप वहां से भजन को पढ़ सकते है | चौसठ जोगणी रे भवानी देवलिये रमजाये भजन – चौसठ जोगणी रे भजन लिरिक्स हिंदी देवलिये रमजाये भवानी, मंदरिये रमजाये। चौसठ जोगणी रे भवानी, देवलिये रमजाये। हंस सवारी कर मारी माता, ब्रह्मा रूप बणायो। ब्रह्मा रो रूप बणायो मारी मैया। ब्रह्मा रूप बणायो। चार वेद मुख चार बिराजे। चारो रो जस गायो। चौसठ जोगणी रे, भवानी देवलिये रमजाये। घूमर गालणी…

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जगत के रंग क्या देखूं भजन लिरिक्स (Jagat Ke Rang Kya Dekhu Tera Deedar Kafi Hai Lyric In Hindi) जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफी है, क्यों भटकूँ गैरों के दर पे, तेरा दरबार काफी है । नहीं चाहिए ये दुनियां के, निराले रंग ढंग मुझको, निराले रंग ढंग मुझको, चली जाऊँ मैं वृंदावन, चली जाऊँ मैं वृंदावन, तेरा दरबार काफी है, जगत के रंग क्या देखूं, तेरा दीदार काफी है । जगत के साज बाजों से, हुए हैं कान अब बहरे, हुए हैं कान अब बहरे, कहाँ जाके सुनू बंशी, कहाँ जाके सुनू बंशी, मधुर वो तान…

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