Author: Mahendra Kumar Vyas

Mahendra Vyas, born to Late Shri G. L. Vyas and Shrimati Sharda Vyas, did Civil Engineering from M.B.M.Engineering College, Jodhpur. Worked with Mars Group and Aditya Birla Group, became a part of Yoga Niketan, Mumbai in 2002, and since then practicing Yoga.

काक चेष्टा बको ध्यानं संस्कृत श्लोक आज इस पोस्ट में हम समझेंगे और जानेंगे ‘काक चेष्टा बको ध्यानं संस्कृत श्लोक’ के बारे में इसके अर्थ के साथ। यह श्लोक हमें जो आदर्श विद्यार्थी के पांच लक्षण होने चाहिए, उनके बारे में बतलाता है। काक चेष्टा बको ध्यानम श्लोक – काक चेष्टा, बको ध्यानं, श्वान निद्रा तथैव च । अल्पहारी, गृहत्यागी, विद्यार्थी पंच लक्षणं ॥ हिन्दी भावार्थ: एक विद्यार्थी मे यह पांच लक्षण होने चाहिए – कौवे की तरह जानने की चेष्टा, बगुले की तरह ध्यान, कुत्ते की तरह सोना / निंद्रा अल्पाहारी, आवश्यकतानुसार खाने वाला और गृह-त्यागी होना चाहिए ।…

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आज इस लेख में जानेंगे कि महाशिवरात्रि कब है इस साल, महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है, और क्या हैं महाशिवरात्रि व्रत नियम? महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है? महाशिवरात्रि हिन्दुओं का प्रमुख धार्मिक पर्व है। ये पावन पर्व फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। महाशिवरात्रि के ही दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती परिणय सूत्र में बंधे थे। शिव-भक्तों के इस महापर्व के दिन वे व्रत रखते हैं और भगवान शिव की पूजा अर्चना करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धा के साथ माता पार्वती और शिव की पूजा-अर्चना करने वाले भक्तों पर भगवान भोलेनाथ शीघ्र प्रसन्न…

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योग क्या है और योग के प्रकार आइये आज इस लेख में जानते हैं कि योग क्या है, इसके प्रकार कोनसे हैं और आज के युग में इसकी प्रासंगिकता क्या है। योग एक सम्यक जीवन का विज्ञान है (science or right living) और इसीलिए हमे इसे अपनी दिनचर्या का एक अंग बनाना चाहिए। योग शब्द का मतलब होता है – एकत्व या ऐक्य जिसे इंग्लिश में कहेंगे oneness या unity, और यह बना है संस्कृत धातु ‘युज्’ से बना है, जिसका अर्थ होता है जोड़ना। इस ‘जोड़ने’ को अगर आध्यात्मिक शब्दावली में समझें तो इसे हम व्यष्टि चेतना (individual consciousness)…

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गोवेर्धन पर्वत और गोवर्धन परिक्रमा करने के नियम आज हम इस पोस्ट में जानेंगे गोवर्धन पर्वत के बारे में व गोवर्धन परिक्रमा करने के नियम। गोवर्धन पर्वत जिसे गिरिराज के नाम से भी जाना जाता है और यह वृन्दावन से 22 किमी की दूरी पर स्थित है। पवित्र भागवत गीता में कहा गया है कि भगवान श्रीकृष्ण के अनुसार गोवर्धन पर्वत उनसे भिन्न नहीं है बल्कि उनका ही एक स्वरुप है। इसलिए, श्री कृष्णा के सभी उपासक इस पर्वत की ऐसे ही पूजा करते हैं जैसे वे स्वयं श्री कृष्ण की पूजा कर रहे हैं जैसे या जैसी वे उनकी…

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एकादशी व्रत और एकादशी व्रत के नियम सनातन धर्म में प्राचीन काल से ही एकादशी के व्रत को सभी व्रतों से अधिक महत्त्व दिया गया है। इस व्रत को करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है साथ ही साथ अन्य कई शुभ फलों की भी प्राप्ति होती है। एकादशी महीने में दो बार आती है। एकादशी व्रत के पीछे वैज्ञानिक व्याख्या भी है। इस दिन वायुमंडलीय दबाव सबसे कम होता है, जिससे यह उपवास के लिए सबसे अच्छा समय होता…

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Yama and Niyama – first two limbs of the eightfold path of yoga Patanjali, considered to be the earliest exponent of systematic Yoga, has laid down a step-by-step approach in his Yoga Sutras, called the eightfold path of Yoga. Yama and Niyama are the first two limbs of the (Ashtanga Yoga)  eightfold path of yoga, as outlined by Sage Patanjali in his Yoga Sutras. They represent ethical and moral principles that guide a practitioner toward a harmonious and balanced life. Simply put, the yamas are things not to do, or restraints, while the Niyamas are things to do or observances.…

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Jara Der Thahro Ram – जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है लिरिक्स  जरा देर ठहरो राम तमन्ना यही है, अभी हमने जी भर के देखा नहीं है… कैसी घडी आज, जीवन की आई, अपने ही प्राणो की, करते विदाई, अब ये अयोध्या हमारी नहीं है, अभी हमने जी भर के देखा नहीं है… माता कौशल्या की, आँखों के तारे, दशरथ जी के हो, राज दुलारे, कभी ये अयोध्या को भुलाना नहीं है, अभी हमने जी भर के देखा नहीं है… जाओ प्रभु अब, समय हो रहा है, घरो का उजाला भी, कम हो रहा है, अँधेरी निशा का, ठिकाना…

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Mere Ghar Ram Aaye Hain Lyrics Meri Chaukhat Pe Chal Ke Aaj Charo Dham Aaye Hain Bajao Dhol Swagat Mein Mere Ghar Ram Aaye Hain Katha Shabri Ki Jaise Judd Gayi Meri Kahaani Se Na Roko Aaj Dhone Do Charan Aankhon Ke Paani Se Bahut Khush Hain Mere Aansu Ke Prabhu Ke Kaam Aaye Hain Bajao Dhol Swagat Mein Mere Ghar Ram Aaye Hai Tumko Paa Ke Kya Paya Hai Srishti Ke Kann Kann Se Puchho Tumko Khone Ka Dukh Kya Hai Kausalya Ke Mann Se Puchho Dwaar Mere Yeh Abhage Aaj Inke Bhaag Jaage Badi Lambi Intezaari Hui Raghuvar…

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पंचतत्व क्या है, पंचतत्व के नाम तथा पंचतत्व का महत्व पंचतत्व एक प्राचीन भारतीय दर्शन और आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का सिद्धांत है जो मानव संरचना और प्रकृति के रूपरेखा को समझने का प्रयास करता है। इस सिद्धांत के अनुसार, समस्त वस्तुएं और जीवन इन पाँच मौलिक तत्वों से मिलकर बनती हैं, जिन्हें “पंचतत्व” कहा जाता है। मनुष्य का शरीर हों या हमारे चरों तरफ फैला हुआ ब्रह्मांडीय शरीर, मूल रूप से ये सब पंचतत्व से ही बने हुए हैं। मूलरूप से ये सब मूल तत्व हमारे शरीर में संतुलित अवस्था में रहने चाहिए। जब इनमें थोड़ी-सी भी गड़बड़ी होती है…

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In yoga and Ayurveda, the concept of “Pancha Pranas” refers to the five vital life forces or energies that are responsible for various physiological functions in the body. These pranas are believed to circulate within the subtle energy channels, or nadis, and play a crucial role in maintaining overall health and well-being. The Pancha Pranas are: Prana (Inward Moving Energy): Location: Center of the chest, extending from the throat to the diaphragm. Function: Responsible for the breath and the intake of oxygen; governs the intake of sensory impressions. Apana (Outward Moving Energy): Location: Lower abdomen, below the navel. Function: Governs…

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