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पद्मासन का अर्थ, विधि, लाभ और नुकसान
आइये जाने पद्मासन का अर्थ, इसे करने की विधि, और इसके अभ्यास से होने वाले लाभ और नुकसान इस पोस्ट में। पद्मासन योग, जिसे योग शास्त्र में “Lotus Pose” भी कहा जाता है, एक प्रमुख ध्यान का आसन है जिसे योगी अपने ध्यान के अभ्यास के समय लगते हैं। यह आसन शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारता है। इसका मुख्य उद्देश्य अभ्यासी को लंबे समय तक बैठने का सामर्थ्य देना और शरीर को स्थिर बनाये रखना है। गहन ध्यान के लिए पूरे अभ्यास के दौरान रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने की भी आवश्यकता होती है और पद्मासन इस में सहायक होता है।
पद्मासन का अर्थ
पद्मासन का नाम पद्म शब्द पर रखा गया है, जिसका मतलब होता है कमल का फूल। इस आसन में पैरों की स्थिति एक कमल के फूल की पंखुड़ियों के समान होती है, इसलिए इसे पद्मासन कहा जाता है।
पद्मासन करने की विधि
- योगा मैट बिछाएं और उस पर पैरों को सामने फैलाकर बैठें।
- धीरे-धीरे और सावधानी से दाहिने पैर को घुटने से मोड़ें और दाहिने पैर को बायीं जांघ पर रखें।
- पैर का तलवा ऊपर की ओर होना चाहिए और एड़ी प्यूबिक बोन के करीब होनी चाहिए।
- बाएं पैर को घुटने से मोड़ें और पैर को दाहिनी जांघ के ऊपर रखें।
- दोनों पैरों को क्रॉस करके और पैरों को विपरीत जांघों पर रखकर, हाथों को चिन या ज्ञान मुद्रा में घुटनों पर रखें।
- रीढ़ की हड्डी को सीधी स्थिति में रखें और कंधों को ढीला रखें।
- आंखें बंद करें और शरीर को पूरी तरह से शिथिल करते हुए उसके प्रति जागरूक हो जाएं।
- अंतिम स्थिति में शरीर सीधा और संतुलित होना चाहिए।
- जितनी देर आराम से बैठ सकें उतनी देर इस आसान में बैठें।
पद्मासन के लाभ
- पद्मासन घुटनों और कूल्हों के जोड़ों को लचीला बनता है।
- पद्मासन शरीर को लंबे समय तक स्थिर और शांत मुद्रा में रखने में सहायक होता है।
- यह आसन मन को आराम और शांति की स्थिति में रखता है।
- यह घुटनों और टख़नों में खिचाव लाता है और उन्हे मज़बूत बनाता है।
- मासिक धर्म और साइटिका में होने वाली तकलीफ़ से राहत दिलाता है पद्मासन।
- पद्मासन प्राण ऊर्जा के प्रवाह को मूलाधार चक्र से सहस्रार चक्र तक दिशान्तरित करता है, जिससे अभ्यासी को ध्यान के उच्च चरणों तक पहुंचने में मदद मिलती है।
- गर्भावस्था में देर तक इस मुद्रा के लगातार अभ्यास से डिलीवेरी आसान होती है।
- इसके अभ्यास से पाचन क्रिया में सहायता करता है।
पद्मासन के नुकसान
पद्मासन योग एक प्रशंसित आसन है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है, लेकिन कुछ लोगों के लिए इसका अभ्यास करना मुश्किल हो सकता है और विशेष स्थितियों में नुकसान का कारण बन सकता है।
कुछ पद्मासन के नुकसान निम्नलिखित हो सकते हैं:
- घुटनों में दर्द: पद्मासन घुटनों में दर्द के वालों लिए रेकमेंडेड नहीं है, और इसके अभ्यास से घुटनों में दर्द बढ़ सकता है।
- पैरों में दर्द: अगर आपकी पैरों की मांसपेशियाँ लचीली नहीं हैं, तो पद्मासन करना मुश्किल हो सकता है और आपको पैरों में दर्द हो सकता है।
- बैक प्रॉब्लम: पद्मासन को कमर दर्द वाले या तो ना करें, या किसी एक्सपर्ट के निर्देशन में करें, क्योंकि यह आपके पीठ को दबा सकता है।
- ब्लड प्रेशर और हृदय समस्याएँ: अगर आपको उच्च रक्तचाप या मोटापा है, तो पद्मासन करने से पहले किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लेवें।
- प्रेग्नेंसी: गर्भवती महिलाओं के गर्भाशय पर दबाव आ सकता है और उनके लिए असुरक्षित हो सकता है।
पद्मासन बैठ कर किया जाने वाला एक ऐसा योगाभ्यास है जो शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक रूप से आपको सुख एवं शांति प्रदान करता है और इसीलिए इसे ध्यान के लिए सर्वश्रेष्ट योगाभ्यास माना गया है।
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