हम आपको इस पोस्ट में शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय की संपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं। इन में से कुछ ऐसे सरल उपाय हैं जिसमें आप महादेव की भक्ति के द्वारा आप पुत्र रत्न की प्राप्ति कर सकते हैं या मनचाही संतान का वरदान प्राप्त कर सकते हैं। कई बार किसी कुंडली-दोष, पितृ-दोष या वस्तु-दोष के कारण व्यक्ति को पुत्र की प्राप्ति नहीं हो पाती है। इस स्थिति में अभी से हीं महादेव की आराधना शुरू कर दीजिये।
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शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति पहला उपाय
शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति का ये प्रथम उपाय केवल पुत्रदा एकादशी के दिन ही किया जाना चाहिए जो की एक साल में दो बार ही आती है – पहली श्रावण के महीने में तथा दूसरी पौष माह में।इनमे से श्रावण के महीने की जो पुत्रदा एकादशी होती है ये इच्छित संतान प्रदान करने वाली होती है। पुत्र की चाह रखने वाली नारी को नीचे बताये गए शिव पुराण के पुत्र प्राप्ति के इस उपाय को अवश्य करना चाहिए।
इस उपाय के तहत आप साबूदाने या चावल की थोड़ी सी खीर बना लें और उसे छोटी सी कटोरी में रख लें। एक दूसरी कटोरी में थोड़ी मात्रा में गाय का घी रख लें। अपनी पूजा की थाली में अन्य पूजन सामग्री के साथ साथ इन दोनों कटोरियों को भी रख लें। 2 बेलपत्र तथा 1 देसी घी का दीपक भी इस थाली में रखें। किसी भी शिव मंदिर में शिवलिंग की पूर्ण श्रद्धा से पूजा करें और इन दोनों कटोरियों को शिवजी के समक्ष रख दें। अपने साथ लाये दोनों बेलपत्र शिवलिंग को समर्पित करें। तत्पश्चात घी का दिया शिव जी के समक्ष प्रज्वलित करें।अब शिवजी को जो दो बेलपत्र आपने समर्पित किया था उसे वापस उठा लें। एक बेलपत्र मंदिर की चौखट पर बैठकर संतान प्राप्ति की मनोकामना करते हुए खा लें। दूसरे बेलपत्र को घर लाकर अपने पति को खिला दें। इस विधि से पुत्रदा एकादशी के दिन इस उपाय को भक्तिपूर्वक करने से आपको पुत्र रत्न की प्राप्ति अवश्य पूर्ण होगी।
शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति दूसरा उपाय
शिव महापुराण के इस उपाय को करने के लिए आपको दो सामग्रियों की आवश्यकता होगी। पहला श्रीफल यानि की नारियल और दूसरा पीला या लाल वस्त्र। वस्त्र इतना बड़ा लें की आप इसे नारियल के ऊपर 5 या 7 बार लपेट सकें। और यदि लपेटने के बाद वस्त्र बच जाए तो उस कपड़े को रहने दें उसे काटें नहीं। पुत्र रत्न की छह रखने वाली नारी किसी भी शिव मंदिर में जाएँ और अब लाये गए वस्त्र को नारियल पे लपेटें। कपड़े को लपेटते समय पुत्र प्राप्ति की मनोकामना को मन ही मन बोलें। अब वस्त्र में लिपटे इस श्रीफल को शिवलिंग के समक्ष जमीन पे रखें। श्रीफल रखते समय नारी को अपना नाम और अपना गोत्र बोलना होगा। ऐसा कर शिवजी को प्रणाम कर घर वापस आ जाएँ। देवाधिदेव महादेव शीघ्र हीं आपके इच्छित संतान की मनोकामना पूर्ण कर देगें।
शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति तीसरा उपाय
हमारे शास्त्रों और ,शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के लिए यह सबसे सरल उपाय है, जिसे पति पत्नी दोनों को साथ में करना है। इस उपाय को आपको लगातार 11 सोमवार करना है और इसे करने के लिए 11 सोमवार आपको व्रत रखना होगा और शाम को सूर्य अस्त होने के बाद एक तांबे के लोटे में कच्चा दूध लेकर शिव मंदिर जाएं और पति पत्नी दोनों अपने हाथों से शिवलिंग का दूध से अभिषेक करें और उसके बाद 11 बेलपत्र शिवलिंग के ऊपर चढ़ाएं और शिवलिंग के सामने बैठकर सच्चे मन से 108 बार ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करें और उसके पश्चात महादेव के सामने अपनी मनोकामना को प्रस्तुत करें।
जो भी पति पत्नी 11 सोमवार महादेव का व्रत करते हैं और उनका दूध से अभिषेक करके बेलपत्र चढ़ाते हैं उन्हें महादेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और मनचाही संतान का वरदान प्राप्त होता है।
शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति चौथा उपाय
पुत्र प्राप्ति के लिए उपाय भी अति उत्तम है पर एक बात का विशेष ध्यान रखें कि इस उपाय को केवल पुरुष ही करें। इसे करने के लिए सर्वप्रथम तीन मुखी रुद्राक्ष एक काले धागे में डालकर सोमवार के दिन शिव मंदिर जाएं और शिवलिंग की पूजा अर्चना करने के बाद उस रुद्राक्ष को अपने गले में धारण करें।
रुद्राक्ष धारण करने के बाद लगातार 11 सोमवार का व्रत रखें और शिव मंदिर जाकर पूजा अर्चना करें। मंदिर से निकलते समय अपनी क्षमता और श्रद्धा के अनुसार गरीबों में भोजन या पैसे बांट दें ऐसा करने से भी जल्द पुत्र प्राप्ति होती है।
शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति पांचवा उपाय
शिव पुराण के अनुसार किसी भी सोमवार या जिस दिन भी सोमवार की अष्टमी हो, उस दिन बेलपत्र के वृक्ष के नीचे एक ब्राह्मण – ब्राह्मणी और उनके बच्चे को बिठाकर उनको खीर का भोजन खिला दें। भोजन कराने के पहले एक देसी घी का दिया बेलपत्री के वृक्ष के नीचे प्रज्वलित कर दें। खीर का भोजन कराने के बाद उनकी ही झूठी खीर को पुत्र प्राप्ति की कामना करते हुए उसी बेलपत्र के वृक्ष के नीचे बैठकर खा लें। ऐसा करने से महादेव की कृपा से तीन महीने में ही इच्छित संतान की मनोकामना पूर्ण कर देगें।
शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति छठा उपाय
शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के लिए आपको प्रत्येक दिन शिवजी का बांस के पत्ते से अभिषेक करना है। शिवलिंग का बांस के पत्ते से अभिषेक करने का तरीका ये है की आप पहले बांस के पत्ते को पीस लें, फिर उसे गाय के दूध में मिला दें। अब किसी भी शिव मंदिर जाकर इस दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें। बांस के पत्ते से अभिषेक करने का दूसरा तरीका ये है की आप पहले शिवलिंग का जल अथवा दूध से अभिषेक कर दें, और उसके बाद बांस के पत्ते को शिवलिंग पे समर्पित कर दें। पूरे समय भोले बाबा से पुत्र प्राप्ति की कामना करते रहें। आपकी पुत्र प्राप्ति की मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी।
शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति सातवा उपाय
इस उपाय को करने के लिए आपको लगातार 11 सोमवार तक 11 कन्याओं को अपने घर में भोजन कराना होगा या आप लगातार 11 सोमवार तक किसी भी अनाथ आश्रम जाकर वहां पर बच्चों में भोजन वितरण कर सकते हैं। एक बात का विशेष ध्यान रखें कि जो भी भोजन आप बच्चों में बाटें वह अपने हाथों से ही बनाए। शिव पुराण के अनुसार जो भी पति-पत्नी इस उपाय को सच्चे मन से करता है उसे शिव जी की कृपा प्राप्ति होती है।
शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति आंठवा उपाय
अगर आपको वास्तु-दोष, कुंडली-दोष या फिर पितृ-दोष की वजह पुत्र की प्राप्ति नहीं हो पा रही हो तो ये शिवलिंग पे धतूरे का फूल या फल चढ़ाएं। महादेव ने चाहा तो आपकी पुत्र प्राप्ति की प्रार्थना जरूर स्वीकार होगी।
शिव पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति नवां उपाय
इसे करने के लिए सर्वप्रथम गुरुवार के दिन अपने पूजा घर में लड्डू गोपाल की एक छोटी सी मूर्ति की स्थापना करें और उसके बाद लड्डू गोपाल के समक्ष गोपाल संतति मंत्र का जाप तुलसी की माला से करें। लड्डू गोपाल को चन्दन लगा तुलसी दल भी समर्पित करें, हो सके तो रोज माखन मिश्री का भोग अर्पण करें। लगातार 11 या 21 गुरुवार तक सुबह स्नान करके शुद्ध होने के बाद लड्डू गोपाल की सच्चे मन से पूजा अर्चना करें और उन्हें भोग में मिश्री, गुड़ और मक्खन का भोग लगाएं और उसके बाद जो पूजा समाप्त हो जाए तो पति-पत्नी इस भोग का सेवन करें। जो भी दंपत्ति या पति पत्नी लड्डू गोपाल की पूजा अर्चना लगातार 11 या 21 गुरुवार तक करते हैं उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान प्राप्त होता है।
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