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तिर्यक ताड़ासन करने के लाभ , विधि और सावधानियां
योगासन भारतीय परंपरा का एक अभिन्न हिस्सा हैं, जो शरीर, मन और आत्मा को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करते हैं। इन्हीं आसनों में से एक है तिर्यक ताड़ासन (Tiryak Tadasana)। यह आसन ताड़ासन का एक परिवर्तित रूप है जिसमें शरीर को एक ओर झुकाया जाता है। इस मुद्रा में शरीर बिल्कुल एक हिलते हुए ताड़ के वृक्ष जैसा दिखाई देता है।
तिर्यक ताड़ासन से न केवल शरीर को लचीला बनाया जा सकता है बल्कि यह कमर की चर्बी, कब्ज और श्वसन संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी सहायक है।
तिर्यक ताड़ासन करने की विधि (Steps of Tiryak Tadasana)
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योगा मैट पर खड़े हो जाएँ और पैरों को कंधे से अधिक चौड़ा खोलें।
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सामने एक बिंदु पर दृष्टि केंद्रित करें।
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श्वास भरते हुए दोनों हाथों को सिर के ऊपर ले जाएँ और उंगलियों को आपस में जोड़कर हथेलियों को ऊपर की ओर करें।
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शरीर को ऊपर की ओर तानें और धीरे-धीरे दाहिनी ओर झुकें।
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ध्यान रखें कि शरीर न तो आगे झुके और न पीछे, सिर्फ एक ही प्लेन में बगल की ओर झुके।
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कुछ क्षण इस स्थिति में रुकें और फिर श्वास लेते हुए सीधा हो जाएँ।
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अब यही प्रक्रिया बायीं ओर दोहराएँ।
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एक चक्र पूरा करने के बाद कम से कम 3 से 5 चक्र करें।
- आप कम से कम तीन चक्र अभ्यास करें।
तिर्यक ताड़ासन के लाभ (Tiryak Tadasana Benefits)
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शरीर को लचीला और मजबूत बनाता है।
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रीढ़ और कमर की मांसपेशियों की मालिश करता है।
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कंधों को मजबूत करता है और कमर की चर्बी घटाता है।
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वजन घटाने वालों के लिए यह बेहद उपयोगी है।
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कब्ज की समस्या को दूर करने में मदद करता है।
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बच्चों की लंबाई बढ़ाने में सहायक है।
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अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य श्वसन विकारों में लाभकारी है।
तिर्यक ताड़ासन की सावधानियां
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साइटिका या डिस्क की समस्या वाले लोग विशेषज्ञ की देखरेख में ही इस आसन का अभ्यास करें।
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उच्च रक्तचाप और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस से पीड़ित लोग इस आसन को करते समय सावधानी रखें।
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किसी भी गंभीर बीमारी की स्थिति में योग गुरु से परामर्श लेकर ही आसन करें।
तिर्यक ताड़ासन खड़े होकर किए जाने वाले आसान और प्रभावी योगासनों में से एक है। इसका नियमित अभ्यास शरीर को लचीला, स्वस्थ और ऊर्जावान बनाता है। यह कमर और रीढ़ को मजबूत करता है, वजन घटाने में सहायक है और पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है। हालांकि, यदि आपको किसी प्रकार की गंभीर स्वास्थ्य समस्या है तो इसे योग विशेषज्ञ की देख-रेख में ही करना चाहिए। इस आसन की सरलता और प्रभावशीलता के कारण इसे आप अपनी दैनिक योग दिनचर्या में अवश्य शामिल करें।
FAQs – तिर्यक ताड़ासन करने के लाभ, विधि और सावधानियां
Q1. तिर्यक ताड़ासन क्या है?
Ans: तिर्यक ताड़ासन (Tiryak Tadasana) एक योगासन है जिसमें शरीर को एक तरफ झुकाया जाता है। यह आसन हिलते हुए ताड़ के पेड़ जैसा दिखाई देता है और शरीर को लचीला बनाने, रीढ़ को स्वस्थ रखने और पाचन क्रिया को सुधारने में मदद करता है।
Q2. तिर्यक ताड़ासन करने के क्या लाभ हैं?
Ans: इसके नियमित अभ्यास से शरीर लचीला और मजबूत होता है, कमर की चर्बी घटती है, कब्ज दूर होता है, लंबाई बढ़ने में मदद मिलती है और श्वसन तंत्र मजबूत होता है।
Q3. तिर्यक ताड़ासन कैसे करें?
Ans: पैरों को कंधे की चौड़ाई से अधिक खोलकर खड़े हों, दोनों हाथों को सिर के ऊपर उठाकर उंगलियों को आपस में जोड़ लें। धीरे-धीरे कमर से दाहिनी ओर झुकें, फिर बायीं ओर। इसे कम से कम 3 से 5 बार दोहराएँ।
Q4. तिर्यक ताड़ासन करने का सही समय कौन सा है?
Ans: इसे सुबह खाली पेट करना सबसे अच्छा माना जाता है। आप चाहें तो शाम को भी भोजन के 4–5 घंटे बाद अभ्यास कर सकते हैं।
Q5. क्या तिर्यक ताड़ासन वजन घटाने में मदद करता है?
Ans: हाँ, यह आसन कमर और पेट की चर्बी घटाने में बहुत प्रभावी है। नियमित अभ्यास से वजन घटाने में मदद मिलती है।
Q6. किन लोगों को तिर्यक ताड़ासन नहीं करना चाहिए?
Ans: साइटिका, डिस्क प्रॉब्लम, उच्च रक्तचाप और सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस से पीड़ित व्यक्तियों को इस आसन का अभ्यास सावधानी से करना चाहिए या योग विशेषज्ञ की देखरेख में ही करना चाहिए।
Q7. तिर्यक ताड़ासन बच्चों के लिए कैसे लाभकारी है?
Ans: बच्चों के लिए यह आसन लंबाई बढ़ाने, शरीर को लचीला बनाने और मांसपेशियों को मजबूत करने में सहायक है।
