Author: Mahendra Kumar Vyas

Mahendra Vyas, born to Late Shri G. L. Vyas and Shrimati Sharda Vyas, did Civil Engineering from M.B.M.Engineering College, Jodhpur. Worked with Mars Group and Aditya Birla Group, became a part of Yoga Niketan, Mumbai in 2002, and since then practicing Yoga.

मीरा बाई का इतिहास और जीवन परिचय इन हिंदी मीरा एक सन्त, दार्शनिक एवं मनीषी थी। अगर इतिहास के पन्नो में हम भक्ति योग की खोज करें तो मीरा बाई के चरित्र से बढ़िया शायद ही कोई उदहारण मिले। उसे अखिल ब्रह्माण्ड में कृष्ण के दर्शन होते थे। उसके लिए वृक्ष पत्थर, लता, फूल, पक्षी- ये सभी कृष्णमय थे। वह बहुमुखी प्रतिभा की स्वामिनी तथा उदारचरित्र महिला थी। ऐसे किसी व्यक्ति की खोज अत्यन्त दुष्कर है जो उसके समकक्ष हो। उसके व्यक्तित्व में एक विलक्षण आकर्षण था। वह एक राजकुमारी थी और राजकुमारी होते हुए भी उसने अपने उच्च पद…

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ॐ मंत्र जाप – ॐ मंत्र का अर्थ – ॐ का सही उच्चारण कैसे करें – ॐ मंत्र मैडिटेशन ॐ ब्रह्म का प्रतीक है। ॐ ब्रह्म का नाम है और ब्रह्म सर्वोपरि है। ॐ मंत्र के जाप से वह प्रसन्न होता है। ॐ से ही इस सम्पूर्ण सृष्टि का निर्माण हुआ है। ॐ एक पवित्र शब्द है। यह वेदों का सार है। ‘ॐ’ की ध्वनि सच्चिदानंद ब्रह्म को दर्शाती है। यह ध्वनि भक्त को आध्यात्मिक शक्ति, जोश और ऊर्जा से भर देती है। ॐ मंत्र मैडिटेशन को मंत्र ध्यान भी कहा जाता है। ॐ मंत्र का अर्थ ओम मंत्र तीन…

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श्री सूक्त का पाठ – माता लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए ऋग्वेद में माता लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए श्री सूक्तम् का पाठ करने पर मनचाही कामना पूरी होने की बात कही गयी है| श्री सूक्तम् – माता लक्ष्मी जी की आराधना के लिए उनको समर्पित संस्कृत में लिखा मंत्र है जिसे हम श्री सूक्त पाठ भी कहते है या लक्ष्मी सूक्त भी कहते है| जो जातक जीवन में हर तरह से सुख भोगना चाहते है, जीवन से गरीबी दूर करना चाहते है, एश्वर्य प्राप्त करना चाहते है उन्हें लक्ष्मी जी का यह श्री सूक्तम मंत्र…

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भगवान से प्रार्थना कैसे करें, प्रार्थना क्या है? और क्या हैं प्रार्थना के लाभ अगर आप चाहते हैं कि आपकी प्रार्थना भगवान तक पहुंचे तो आपको प्रार्थना करने के सही तरीके के बारे में पता होना चाहिए। आज हम इस पोस्ट में जानेंगे कि भगवान से प्रार्थना कैसे करें, प्रार्थना क्या है, और क्या हैं प्रार्थना के लाभ? प्रार्थना क्या है?  परेशानी के समय सहायता के लिए ईश्वर पर निर्भर होना प्रार्थना है। आत्मा जब अशान्त हो जाती है, तब ईश्वर से शान्ति के लिए आग्रह करना प्रार्थना है। ईश्वर से आत्म-साक्षात्कार की माँग करना प्रार्थना है। प्रभु से सामर्थ्य,…

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भक्ति का अर्थ मेरा यह आलेख ‘भक्ति का मार्ग’ स्वामी सत्यानंद सरस्वती और स्वामी शिवानंद सरस्वती की शिक्षाओं पर आधारित है। इन महान योगियों की शिक्षाओं से मैंने ऐसा समझा है कि भगवान के लिए सच्चा प्रेम ही भक्ति है। साथ ही यह भी मै विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि हर व्यक्ति भक्ति कर सकता है। भक्ति का मतलब होता है भगवान से प्रेम करना, उनसे रिश्ता जोड़ना। आप कितना भी योग करें, शास्त्र पढ़ें, हवन करें, तपस्या करें, जो कुछ भी करें, इससे ईश्वर की अनुभूति नहीं हो सकती। ईश्वर प्राप्ति का आधार मात्र प्रेम और भक्ति…

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शशांकासन योग करने की विधि लाभ एवं सावधानियां शशांकासन क्या है ? What is Shashankasana in Hindi  संस्कृत शब्द शशांक का अर्थ ‘चन्द्रमा’ होता है। ‘शशांक’ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है। ‘शश’ का अर्थ है खरगोश और ‘अंक’ का अर्थ है ‘गोद’। भारत में लोग पूर्ण चन्द्र में दिखाई पड़ने वाले काले धब्बों को चाँद को गोद में लिए खरगोश की आकृति के सदृश मानते हैं। इसके अतिरिक्त चन्द्रमा शान्ति का प्रतीक है और शीतल और प्रशान्त तरंगें विकीर्ण करता है। शशांकासन की अंतिम अवस्था में शरीर एक खरगोश के समान आकृति धारण कर लेता है, तथा इसका…

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Karmanye Vadhikaraste Sloka With Meaning “Karmanye Vadhikaraste, Ma Phaleshu Kadachana” is a popular sloka from  Bhagavad Gita in chapter-2 of verse-47. Lord Krishna explains to Arjuna the theory of Karmas. He said, “Believe in yourself, do your Karma (action) and success will follow you automatically”. Doing Karma is in our hands only, the result is not in our hands. Below given are the meaning and lyrics of this famous Sloka ‘Karmanye Vadhikaraste’ from the Bhagavad Gita. Karmanye Vadhikaraste Ma Phaleshu kadachana Sloka In Sanskrit कर्मण्ये वाधिका रस्ते मा फलेषु कदाचन। मा कर्म फल हेतु र्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्व कर्मणि॥ Karmanye Vadhikaraste…

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बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए है योग बेस्ट सभी अभिभावक चाहते हैं कि उनका बच्चा हर प्रकार से स्वस्थ रहे, लेकिन आज के इस रिमोट वाले युग में यह आसान नहीं। ऐसे में उनके लिए निश्चित रूप से सहायक हो सकता है योग। तो क्यों न आज ही इस दिशा में एक हेल्दी क़दम बढ़ाएं और बच्चों को दें योग की शिक्षा, जिसके द्वारा उन्हें मिलेंगे संस्कार, उत्तम शारीरिक स्वास्थ्य, समझदारी, विवेक, स्मरण शक्ति, विवेक इत्यादि। क्या आपको लगता है कि आपका बच्चा कमज़ोर है ? जब बच्चे बड़े हो रहे होते हैं तो उनमे बहुत से रासायनिक परिवर्तन…

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माला व मंत्र जाप विधि हिंदी में माला छोटे-छोटे दानों अथवा मनकों की होती है जो ब्रह्मगाँठ द्वारा एक-दूसरे से अलग रहते हैं। माला के मनके सूत के धागे में पिरोये रहते है। सामान्यतः इनको संख्या १०८ होती है। ५४ तथा २७ दानों की मालाओं का भी व्यापक रूप से उपयोग होता है। प्रत्येक माला में एक अतिरिक्त मनका होता है, जो अन्य मनकों से अलग होता है और धागे के दोनों छोरों की जोड़ पर पिरोया रहता है। इसे सुमेरु कहते हैं। माला के मध्य में सुमेरु का प्रयोजन जपकर्ता को यह याद दिलाना होता है कि उसने माला…

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अध्यात्म में रूचि रखने वाले  व्यक्तियों के लिए साधना एक समय करीब करीब सभी के जीवन में ऐसा आता है जब उनके मन में साधना करने की इच्छा जागती है। किन्तु वे नहीं जानते के साधना कैसे की जाये. वैसे यह प्रश्न तो आम तोर पर एक साधना कर रहे व्यक्ति के भीतर भी रहता है कि वह जो साधना कर रहा है वह सही है कि नहीं। यहाँ पर इसी प्रश्न के समाधान के लिए एक साधना का उल्लेख है जो की स्वामी सत्यानंद सरस्वती जी ने अपनी पुस्तकों में अध्यात्म में रूचि रखने वाले  व्यक्तियों के लिए बतलायी…

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