नवरात्रि व्रत कथा (Navratri Vrat Katha In Hindi) एक समय बृहस्पति जी ब्रह्माजी से बोले- हे ब्रह्मन श्रेष्ठ! चैत्र व आश्विन मास के शुक्लपक्ष में नवरात्र का व्रत और उत्सव क्यों किया जाता है? इस व्रत का क्या फल है, इसे किस प्रकार करना उचित है? पहले इस व्रत को किसने किया? सो विस्तार से कहिये। ब्रह्माजी से देवगुरू बृहस्पति ने नवरात्रि व्रत कथा और पूर्व समय में इस व्रत को किसने किया उसकी कथा सुनाने का निवेदन किया। ब्रह्मा जी ने बृहस्पति जी से कहा, “ हे बृहस्पते! मैं तुम्हे इस परम दुर्लभ और कल्याणकारी नवरात्रि व्रत कथा और…
Author: Mahendra Kumar Vyas
What Is Sattvic Food And List of Sattvic Food Sattvic food is a concept in Ayurveda, an ancient system of medicine and holistic wellness that originated in India. The term “Sattvic” comes from the Sanskrit word “Sattva,” which means pure, harmonious, and balanced. Sattvic food is considered to be the most beneficial for physical health, mental clarity, and spiritual growth according to Ayurvedic principles. Some Key characteristics of Sattvic Food Freshness: Sattvic food should be prepared using fresh and natural ingredients. Processed or heavily preserved foods are avoided. Purity: Sattvic foods are considered pure and free from contaminants. This includes…
सपने का सम्बन्ध व्यक्ति के व्यक्तिगत अनुभवों, भावनाओं, और जीवन के संदर्भों पर आधारित होता है, इसलिए यह सुनिश्चित करना मुश्किल होता है कि किसी भी सपने का कोई एक निश्चित अर्थ होता है। सपनों की भी एक अलग ही दुनिया है और विशेष बात यह है कि सपनों का जीवन से एक बहुत गहरा संबंध भी होता है। सपने में मायके वालों को देखना शुभ हैं या अशुभ? यदि आप भी जानना चाहते हैं कि सपने में मायके वालों को देखने का क्या मतलब होता है तो आज का यह विषय आप अवश्य पढ़ें। सपने में मायके वालों को…
Mangal Bhavan Amangal Hari Lyrics With Meaning The lyrics of “Mangal Bhavan Amangal Hari” hold deep spiritual significance in Hinduism, as they are dedicated to Lord Rama, one of the most revered deities in the Hindu pantheon. This devotional bhajan is a powerful expression of devotion and faith, and it is commonly recited or sung by millions of devotees to invoke Lord Rama’s blessings and seek his protection. Mangal Bhavan Amangal Hari Lyrics Mangal Bhavan Amangal Hari, Drabahu Sudasarath Ajar Bihaari. Ram Siya Ram Siya Ram.. The one who brings good and removes bad luck is Dashrath Nandan Shri Ram,…
मंगल भवन अमंगल हारी द्रवहु सुदसरथ अजर बिहारी अर्थ सहित आपके लिए प्रस्तुत है मंगल भवन अमंगल हारी चौपाई लिरिक्स अर्थ सहित। “मंगल भवन अमंगल हारी” के बोल हिंदू धर्म में गहरा आध्यात्मिक महत्व रखते हैं, क्योंकि वे भगवान राम को समर्पित हैं, जो हिंदू देवताओं में सबसे प्रतिष्ठित देवताओं में से एक हैं। यह भक्ति भजन भक्ति और विश्वास की एक शक्तिशाली अभिव्यक्ति है, और इसे आमतौर पर लाखों भक्तों द्वारा भगवान राम के आशीर्वाद का आह्वान करने और उनकी सुरक्षा पाने के लिए गाया या गाया जाता है। मंगल भवन अमंगल हारी लिरिक्स राम सिया राम सिया राम,…
माँ स्कंदमाता मंत्र, कथा और आरती नवरात्रि के पांचवें दिन माँ स्कंदमाता की पूजा की जाती है। मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप को स्कंदमाता कहते हैं। इनकी उपासना से भक्त की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। भक्त को मोक्ष मिलता है। सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी होने के कारण माँ स्कंदमाता का उपासक अलौकिक तेज और कांतिमय हो जाता है। माता का अर्थ है माँ और इस प्रकार स्कंदमाता का अर्थ है स्कंद या कार्तिकेय की माँ। स्कंद कुमार कार्तिकेय की माता के कारण इन्हें स्कंदमाता नाम से पुकारा जाता है। यहाँ हम लाएं है आपके लिए मां स्कंदमाता मंत्र,…
मां चंद्रघंटा की कथा, आरती व मंत्र मां चंद्रघंटा देवी दुर्गा का तीसरा स्वरूप हैं और उनकी पूजा नवरात्रि के तीसरे दिन की जाती है। माँ चंद्रघंटा का रूप अत्यंत कल्याणकारी और शांतिदायक है। इनके माथे पर अर्ध चंद्रमा का आकार चिन्हित होता है, जिस कारण इन्हें मां चंद्रघंटा कहा जाता है। मां चंद्रघंटा के शरीर का रंग स्वर्ण की तरह चमकीला है। माँ के 10 हाथ हैं जोकि खड्ग और अन्य अस्त्र-शस्त्र से विभूषित हैं। सिंह पर सवार मां चंद्रघंटा की मुद्रा युद्ध के लिए उद्धत रहने की है। इनकी पूजा करने से न सिर्फ घर पर सुख-समृद्धि आती…
अश्वत्थ स्तोत्र – Ashwattha Stotram Lyrics अश्वत्थ स्तोत्र पीपल वृक्ष को समर्पित हैं। पीपल की पूजा अर्चना में अश्वत्थ स्तोत्रम् का पाठ किया जाता हैं। यहाँ हम अश्वत्थ स्तोत्र के बारे में बताने जा रहे हैं। श्रीनारद उवाच अनायासेन लोकोऽयम् सर्वान् कामानवाप्नुयात् । सर्वदेवात्मकं चैकं तन्मे ब्रूहि पितामह ॥ १॥ ब्रह्मोवाच श्रुणु देव मुनेऽश्वत्थं शुद्धं सर्वात्मकं तरुम् । यत्प्रदक्षिणतो लोकः सर्वान् कामान् समश्नुते ॥ २॥ अश्वत्थाद्दक्षिणे रुद्रः पश्चिमे विष्णुरास्थितः । ब्रह्मा चोत्तरदेशस्थः पूर्वेत्विन्द्रादिदेवताः ॥ ३॥ स्कन्धोपस्कन्धपत्रेषु गोविप्रमुनयस्तथा । मूलं वेदाः पयो यज्ञाः संस्थिता मुनिपुङ्गव ॥ ४॥ पूर्वादिदिक्षु संयाता नदीनदसरोऽब्धयः । तस्मात् सर्वप्रयत्नेन ह्यश्वत्थं संश्रयेद्बुधः ॥ ५॥ त्वं क्षीर्यफलकश्चैव शीतलस्य वनस्पते…
वरुथिनी एकादशी व्रत कथा और इस व्रत का महत्व वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को वरुथिनी एकादशी कहा जाता है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु और भगवान श्री कृष्ण का पूजन किया जाता है। पूजा के दिन व्रत कथा अवश्य पढ़नी चाहिए। यहां पढ़ें वरुथिनी एकादशी की व्रत कथा व महत्त्व। वरुथिनी एकादशी धर्मराज युधिष्ठिर ने श्री कृष्णा से पूछा कि हे भगवन्! वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी का क्या नाम है? उसकी विधि क्या है? और उसके करने से क्या फल प्राप्त होता है? तब श्रीकृष्ण ने अपने श्री वचनो से कहा कि हे राजेश्वर!…
पितृ पक्ष 2023 प्रारंभ दिनांक, और पितृ पक्ष में क्या नहीं करना चाहिए हिन्दू धर्म में, पितृ पक्ष का विशेष महत्व होता है और इसे श्राद्ध पक्ष के रूप में भी जाना जाता है। यह समय पितरों को समर्पित है, जब उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण, और पिंडदान किए जाते हैं। हिन्दू धर्म की मान्यतओं के अनुसार पितृ पक्ष में पितर संबंधित कर्म करने से पितरों को मोक्ष प्राप्त होता है। पितृ पक्ष की शुरुआत भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से होती है और यह पक्ष आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के…