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उत्तानासन योग करने की विधि, लाभ एवं सावधानियां
इस लेख में आप जानेगें की उत्तानासन क्या है, उत्तानासन योग कैसे करते है, उत्तानासन के फायदे क्या होते है और इस आसन को करते समय क्या सावधानियां बरते? उत्तानासन एक संस्कृत शब्द है जिसमे “उत्त” का अर्थ है तीव्र, “तान” का अर्थ है विस्तार और “आसन” जिसका अर्थ है सुखपूर्वक स्थिति। इस आसन को अंग्रेजी में “स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड योगा पोज़” के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसा योग आसन है जिसमें शरीर के पृष्ट भाग की मांसपेशियों में तीव्र खिंचाव उत्पन्न होता है। इस आसन की अंतिम अवस्था में, आपका सिर हृदय के नीचे होता है, जिसके फलस्वरूप आपके मस्तिष्क में ताजा ऑक्सीजन युक्त रक्त प्रवाहित होता है जिससे आपके मस्तिष्क में ऑक्सीजन की महत्वपूर्ण मात्रा पहुंचने लगती है और आपका मन शांत होता है।
उत्तानासन करने की विधि (How To Do Uttanasana)
- प्रसन्न मुद्रा में अपनी योगा मैट पर अपने हाथों को अपनी साइड्स में जांघों से लगा कर सीधे खड़े हो जाएं।
- कुछ गहरी श्वास लेवें।
- श्वास छोड़े एवं अपने धड़ को कूल्हे के जोड़ से आगे की ओर झुकाएं।
- हथेलियों को एड़ियों के पास जमीन पर रखें।
- यदि आप अपनी हथेलियों को भूमि पर रखने में असमर्थ होते हैं तो अपने हाथों को क्रॉस करके एक हथेली से दूसरी कोहनी को पकड़ कर, हाथों का फ्रेम बनाकर आगे की ओर झुक सकते हैं।
- घुटनों को मुड़ने न दें, और अपने मेरुदंड को जितना हो सके सीधा रखें।
- अपने सिर और गर्दन के पिछले हिस्से को ढीला छोड़ दें और अंतिम अवस्था में धीरे-धीरे और सामान्य रूप से श्वास लेते रहें।।
- अगर आपका शरीर लचीला है तो अंतिम अवस्था में श्वास छोड़े और अपने सिर को घुटनों से सटा दें।।
- जो नए अभ्यासी हैं वे अंतिम अवस्था में दस से प्रन्द्रह सेकण्ड्स तक रुक सकते हैं और पुराने अभ्यासी उत्तानासन की अंतिम मुद्रा में 30 सेकंड से 1 मिनट तक रुक सकते हैं।
- अब पहले सिर उठाएं, श्वास लेवें और हाय उठाते हुए वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
उत्तानासन के लाभ (Benefits Of Uttanasana / Standing Forward Bend Pose)
- उत्तानासन के रोजाना अभ्यास से पाचन क्रिया में सुधार होता है।
- इसका नियमित अभ्यास जांघों और घुटनों को मजबूत करता है।
- उत्तानासन से हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिलती है।
- यह मस्तिष्क को शांत करता है और तनाव को दूर करने में मदद करता है।
- इसका अभ्यास लिवर और किडनी को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- उत्तानासन के अभ्यास से अस्थमा, हाई बीपी, ऑस्टियोपोरोसिस और साइनस जैसी समस्याएं दूर की जा सकती है।
- यह डिप्रेशन और थकान को कम करने में मदद करता है।
- इसके अभ्यास से सिरदर्द और अनिद्रा से राहत मिलती है।
- उत्तानासन पेट की मांसपेशियों को टोन और सक्रिय करता है।
- ये आसन पीठ, हिप्स, पिंडली और टखनों को अच्छा स्ट्रेच देता है।
उत्तानासन करते समय क्या सावधानियां बरते (Uttanasana Precautions in Hindi)
- उत्तानासन करते समय अपने शरीर की सीमाओं को पहचाने और जितना आप आराम से आगे झुक सकते हैं उतना ही झुकें।
- यदि आपके पीठ में दर्द, रीढ़ की हड्डी में कोई विकार, टखनों में दर्द, हृदय की कोई समस्या या हर्निया है तो आप उत्तानासन करने की कोशिश न करे।
उत्तानासन करने से पहले इन बातों का ध्यान रखें (Important points before you do Uttanasana)
- इस आसन का अभ्यास करने से पहले आपको अपने पेट को खाली रखना चाहिए। आसन को करने के कम से कम चार घंटे पहले अपना भोजन आपको कर लेना चाहिए।
- योग का अभ्यास सुबह करना सबसे अच्छा माना जाता है। लेकिन अगर आप सुबह अभ्यास नहीं कर सकते हैं, तो आप शाम को भी उत्तानासन का अभ्यास कर सकते है।
उत्तानासन एक आगे झुकने वाला आसन है, इसलिए इसके पहले और बाद में पीछे झुकने वाले आसन करें, जैसे कि –
- Ashwa Sanchalanasana (Equestrian Pose)
- Bhujangasana (Cobra Pose)
- Kandharasana (Shoulder Pose)
- Ustrasana (Camel Pose)
उत्तानासन को इंग्लिश में पढ़ने के लिए आप निचे दिए लिंक को क्लिक करें –
2 Comments
Thanks for your sharing Really it’s very informative and very much useful for me
Thank you so much Swami ji