गंगा आरती हरिद्वार लिरिक्स – Ganga Aarti Haridwar
ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता
जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फ़ल पाता. ॐ जय …
चन्द्र-सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता
शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता. ॐ जय …
पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता
कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुखदाता. ॐ जय…
एक ही बार जो तेरी, शरणागति आता
यम की त्रास मिटाकर, परमगति पाता. ॐ जय…
आरती मात तुम्हारी, जो जन नित्त गाता
दास वही सहज में, मुक्ति को पाता. ॐ जय..