Author: Mahendra Kumar Vyas

Mahendra Vyas, born to Late Shri G. L. Vyas and Shrimati Sharda Vyas, did Civil Engineering from M.B.M.Engineering College, Jodhpur. Worked with Mars Group and Aditya Birla Group, became a part of Yoga Niketan, Mumbai in 2002, and since then practicing Yoga.

तुलसी के फायदे व औषधीय गुण तुलसी, जिसे कभी-कभी ‘पवित्र तुलसी’ भी कहा जाता है, एक सुगंधित हर्बल पौधा है। इस पौधे की खेती मुख्य रूप से धार्मिक और आयुर्वेदिक औषधीय प्रयोजनों के लिए, और इसके आवश्यक तेल निष्कर्षण के लिए की जाती है। हिंदू धर्म में, लोगों का मानना ​​है कि यह भगवान विष्णु की पत्नी देवी तुलसी का एक रूप है। भारत मे तुलसी को पौधा न कहकर तुलसी माता कहा जाता है। इसका वानस्पतिक नाम Ocimum Tenuiflorum है। तुलसी का उपयोग मुख्य रूप से एक स्वदेशी औषधीय घटक के रूप में किया जाता है। तुलसी औषधीय गुणो…

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वज्रासन योग करने का सही तरीका, लाभ-हानि, वज्रासन कितनी देर करना चाहिए वज्रासन कैसे करते हैं, वज्रासन के फायदे और नुक्सान (लाभ और हानि) और वज्रासन कितनी देर करना चाहिए, वज्रासन किसे नहीं करना चाहिए, आइये जानते हैं। वज्रासन (Vajrasana) एक बैठकर करने वाला आसन है। इसके अभ्यास से शरीर को अनेको प्रकार के फायदे होते हैं जैसे – पैर मजबूत, पाचन क्रिया दुरुस्त आदि होता है। इसे थंडरबोल्ट पोज़ भी कहा जाता है क्योंकि इसका नाम संस्कृत शब्द ‘वज्र’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है वज्र, और ‘आसन’ का अर्थ है मुद्रा। वज्र को देवताओं के राजा भगवान…

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मोरधन (समा के चावल, वृत के चावल) के पोषक तत्व और फायदे मोरधन एक प्रकार का चावल है जिसको समा का चावल भी कहा जाता है. इसके और भी कई नाम हैं जैसे: समो, मोरियो, कोदरी, समवत, सामक चावल, भगर, वरी, इत्यादि। भारत में उपवास और व्रत के दौरान अक्सर मोरधन का इस्तेमाल किया जाता है और इसीलिए इसे उपवास वाले चावल भी कहा जाता है । मोरधन पहले गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के आहार का हिस्सा हुआ करता था, लेकिन वक्त के साथ आज मोरधन की खीर फाइव स्टार होटल में सबसे महंगे व्यंजनों में शुमार…

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उत्तानासन योग करने की विधि, लाभ एवं सावधानियां इस लेख में आप जानेगें की उत्तानासन क्या है, उत्तानासन योग कैसे करते है, उत्तानासन के फायदे क्या होते है और इस आसन को करते समय क्या सावधानियां बरते? उत्तानासन एक संस्कृत शब्द है जिसमे “उत्त” का अर्थ है तीव्र, “तान” का अर्थ है विस्तार और “आसन” जिसका अर्थ है सुखपूर्वक स्थिति। इस आसन को अंग्रेजी में “स्टैंडिंग फॉरवर्ड बेंड योगा पोज़” के नाम से जाना जाता है। यह एक ऐसा योग आसन है जिसमें शरीर के पृष्ट भाग की मांसपेशियों में तीव्र खिंचाव उत्पन्न होता है। इस आसन की अंतिम अवस्था में,…

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कम्प्यूटर, तनाव और दृष्टि दोषों के लिए योगाभ्यास कम्प्यूटर का उपयोग करने वाले लोगों के लिए इस लेख में कुछ महत्त्वपूर्ण जानकारी दी जा रही है। आज कम्प्यूटर का उपयोग सम्पूर्ण संसार में आँखों में दर्द और तनाव का एक प्रमुख कारण बनता जा रहा है। प्रतिदिन छः से आठ घण्टे तक कम्प्यूटर का उपयोग करने वालों में नब्बे प्रतिशत लोग कम्प्यूटर जनित स्वास्थ्य समस्याओं से ग्रस्त हैं। कम्प्यूटर जनित दृष्टि दोष लम्बे समय तक कम्प्यूटर का उपयोग करने से अनेक स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं, जिनमें नेत्र की समस्याएं  प्रमुख हैं। कम्प्यूटर पर लम्बे समय तक अविराम कार्य…

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Maha Shivaratri Festival The festival of ‘Maha Shivaratri’, celebrated annually, is one of the most splendidly celebrated Hindu festivals. Maha Shivratri literally means ‘the greatest night of Shiva’. Why is Maha Shivaratri celebrated? The festival is celebrated to mark the grand marriage of Lord Shiva with the Goddess Parvati. According to Hindu mythology, on the night of the marriage, Lord Shiva’s procession of marriage which had to reach the house of Goddess Parvati included a very diverse group of acquaintances including Hindu gods, goddesses, dangerous animals, and even demons. About Shiv & Shakti The festival of Maha Shivaratri marks the…

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हमारे मनीषियों ने योग की कल्पना केवल आसन-प्राणायाम के रूप में नहीं की है। कोई रोज सबेरे उठकर आसन करें, प्राणायाम करे, कसरत करे और सोचे कि वह आध्यात्मिक जीवन बिताता है, यह उसकी गलतफहमी है। आसन-प्राणायाम तो योग के बहुत छोटे अंग हैं। अन्त में योग का उद्देश्य और प्रयोजन होता क्या है? योग का व्यावहारिक उद्देश्य मनीषी कहते हैं कि योग का उद्देश्य आत्म-साक्षात्कार है, समाधि है, मुक्ति है, निवृत्ति है, लेकिन किसी भी विद्या को समयानुकूल होना चाहिये। आखिर महात्मा बुद्ध ने भी अनेक विधियों, अनुष्ठानों और साधनाओं का प्रयोग किया था। बौद्ध मत में आज जो…

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What is Ashtanga Yoga In Sanskrit Ashtanga means Eight Limbs. Ashtanga is made from a combination of two words – “Ashta + Anga”, wherein “Ashta” means Eight and “Anga” is limbs so it means Eight Limb path. There are two popular styles of Ashtanga Yoga – the first one being “Patanjali’s Ashtanga Yoga” which refers to the classical eight-fold path of yoga outlined by the sage Patanjali in the Yoga Sutras; the second one being Ashtanga Yoga (Modern Yoga Style), popularized by Shri K. Pattabhi Jois which involves a dynamic sequence of postures practiced in a specific order, synchronized with…

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अनिद्रा का योग के द्वारा उपचार योग की अनेक शाखाएँ मानव जीवन के दैनिक उपयोग के काम में आती हैं। योग के प्रणेता ऋषि-मुनियों ने मनुष्य के जीवन के हर पहलू का अध्ययन किया था। मनुष्य के शरीर-यंत्र की हर सम्भावित विकास की दिशा में उन्होंने अनुसंधान किया। और उनकी मेहनत और साधना का परिणाम योग मार्ग के रूप में हमारे सामने है। योग सबसे पहले हमारे शारीरिक स्वास्थ्य की समस्याओं का हल करता है। तत्पश्चात् वह मानसिक व्याधियों और विकारों का समाधान ढूँढता और उनका शमन करता है। इन दो समस्याओं का हल करके योग मनुष्य के शरीर और…

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योग को जीवन पद्धति के रूप में अपना लेने से बहुत सी समस्याओं का समाधान स्वतः हो जाता है। जो योगाभ्यास करता है उसका मन तथा शरीर स्वस्थ हो जाता है। एक समझदारी आती है कि – यह कारण है, यह परिणाम है और यह उपचार की व्यवस्था है। जब इन तीनों का ज्ञान एक साथ होता है, तब व्यक्ति स्वस्थ रहता है। यही योग का पहला प्रयास है। उपचार के लिए कठिन प्रक्रिया से गुजरना आवश्यक नहीं है, बल्कि योगाभ्यास द्वारा बहुत सरल तरीके से अपने व्यक्तित्व और मन को संवारते हुए हम स्वास्थ्य लाभ प्राप्त कर सकते हैं।…

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